Monday, October 31, 2011

hale ashik

हाले आशिक पे किसी को तरस न आता है,
अब तो दिल को खिलौना समझा जाता है.
बहुत मुश्किल अब किसी का चेहरा पढ़ना,
गम छुपाने के लिए हर कोई मुस्कराता है. 
बढ़ती महंगाई बन गई है जान की दुश्मन,
बेशक गरीबी में अब गीला हो गया आटा है
"रैना" कोई किसी को कुछ भी दे नही सकता,
सबको नयामत बख्शने वाला वो मेरा दाता है."रैना"

aek neta

एक नेता ने ??????????????
जब यमलोक को दरवाजा खटखटाया,
उसे देख कर यमराज बहुत घबराया,
सोचने लगा इस आफत को कैसे टाला जाये,
क्यों न इसे जैड क्लास के नरक में डाला जाये.
वरना यह नेता नरक वासियों को भड़काएगा,
यहाँ बंद,रेलिया, प्रदर्शन, हड़ताल करवाएगा,
नरक का आस्तित्व ही खतरे में पड़ जायेगा
ये तो इतिहास के पन्ने ही बताते है,
मरने मिटने के बाद भी नेता बाज नही आते है      ."रैना"

mere hnumat ji

राम के प्यारे बजरंग बली,
करना तू भली, करना तू भली.
बजरंग बली.....................
श्री राम के सेवक हो लक्ष्मण के प्राण दाता हो,
दुष्टों का संघार करे हो भक्तों के बंधू भ्राता हो,
भाव से पर लगा देना,डगमग डोले नावं चली
बजरंग बली.....................................
"रैना" ने अब तो मेरे दाता पकड़ा दामन तेरा है,
हनुमत  राह दिखा देना चाहू ओर घना अँधेरा है, 
 जीवन भरा निराशा से मुरझाई है दिल की कली.
बजरंग बली............................................."रैना"
सुप्रभात जी ...........................good morning

Sunday, October 30, 2011

aane ka maksad

यहाँ आने का भुला मकसद खास है,
इम्ताहने जिन्दगी में हुआ न पास है,
सोने का व्यापारी बेच रहा तेल है,
हो गया फेल तू तो हो गया फेल है.
हो गया फेल-------------------
पैसे के पीछे दौड़े हो गया सौदाई है, 
 मतलब खोरों से ही प्रीत लगाई है,
 मोहमाया से तेरा हो गया मेल है.
 हो गया फेल-------------------
ये तो बता तेरी क्या है मजबुरिया,
अपने पीया से जो बना ली है दुरिया,
चार दिन ही  इस जिन्दगी का खेल है.
हो गया फेल------------------- "रैना"
good evening ------------------


Saturday, October 29, 2011

prit usse

ओ बन्दे तू ये बता क्यों होता तुझे सबर नही,
ये जिन्दगी कब ठहर जाये,किसी को खबर नही,
सच्ची प्रीत उससे कर ले तू संवर जायेगे,
वर्ना सूखे पत्तो की तरह ही बिखर जायेगा,
सच्ची प्रीत-----------------------------
क्यों तू जहान में आया किसके वास्ते,
 मंजिल का पता नही है कौन से रास्ते,
भूल भलेइया में भटका तू किधर जायेगा.
सच्ची प्रीत-----------------------------
भटका है "रैना" चक्रव्यूह में फस गया,
मोहमाया का नाग उसको है डस गया,
बहुत पछताये गा जब तू गुजर जायेगा.
सच्ची प्रीत----------------------------- "रैना"
सुप्रभात जी --------------good morning

ada

हम अदा कहां से लाये मुस्कराने वाली,
अपनी तो किस्मत है आंसू बहाने वाली.
हम तो अपने आप में उलझे हुये रहते है,
आप तो बात कर रहे हो इस जमाने वाली.
गर हम कुछ करते है तो चुप चाप रहते है,
अपनी वो आदत नही है शोर मचाने वाली.
अन्धेरी रातों में तो खूब लगता दिल मेरा,
 फिर चांदनी आ गई दिल को जलाने वाली.
"रैना" मैं तो कई बार मरते मरते बचा हूँ,
बेशक अदृश्य ताकत है मुझे बचाने वाली."रैना"

Friday, October 28, 2011

kis ke dil

किसके दिल में क्या है जान लेते है,
हम तो परखी नजर पहचान लेते है.
बेशक मेहनत मशक्त है नसीब मेरा,
हम तो कर गुजरते जो भी ठान लेते है."रैना"

Thursday, October 27, 2011


बस कहने को मजा है,
मगर प्यार तो  सजा है.
इस मतलबी जमाने में,
फ़कत प्यार तो दगा है
किसी के दिल से खेलना 
इस दौर की मस्त अदा है.
इससे किसी को क्या फर्क .
जो रैना को मिली कजा है."रैना"

bas

बस कहने को ही मजा है,
मगर प्यार तो  सजा है. 
इस मतलबी जमाने में,
फ़कत प्यार तो दगा है."रैना"

yu hi wqt

यूँ ही वक्त गुजरता जाये, 
ओ बन्दे कुछ कर चिन्ता,
क्यों न प्रभु शरण में आये,
ओ बन्दे कुछ कर चिन्ता.
यूँ ही वक्त गुजरता जाये---
फिरता है तू फूला फूला, 
वादे कसमें सब है भूला,
आखिर अंत समय भी आये, 
ओ बन्दे कुछ कर चिन्ता.
यूँ ही वक्त गुजरता जाये--
जिन्दगी तो आजाद बड़ी है,
मौत भी बिलकुल साथ खड़ी है,
क्यों समझ न तेरी आये,
ओ बन्दे कुछ कर चिन्ता.
यूँ ही वक्त गुजरता जाये---- "रैना"
सुप्रभात जी -------------good moning ji

bdle wqt

बदले वक्त के तूफान में ठुण्ड भी देखो ढह गये,
इंसानियत तो मर गई इन्सान बाकी रह गये."रैना"

Wednesday, October 26, 2011

chak jigar

चाक जिगर सीना नही आया,
हमको तो  जीना नही आया.
रोने का तो कोई ढंग कर लेते 
सावन का महीना नही आया.
रिन्दों की महफ़िल में बैठे तो,
मगर फिर भी पीना नही आया.

bat se bat

जब बात से बात आई है,
आँखों से बरसात आई है,
अपने घर तो मातम है,
उनके घर बारात आई है."रैना"

diwali ki rat

दीवाली की रात जले चिराग इतने,सारा शहर नहाया उजाले से,
मगर मेरे दिल के घर में फिर भी, कायम रहे अन्धेरे वो काले से.
बेशक खुदा के अजीब है जलवे,हर शै में उसका असर कमाल,
चश्में मय जब इक बार पी ली,पीना भूल गये फिर हम प्याले से."रैना"


Tuesday, October 25, 2011

meri biwi

दीवाली त्योहार के मोके पर खास पेशकश हास्य कविता.

आज प्रात ही प्रात मेरी बीवी सातवे आसमान पर चढ़ गई,
मुझ से मखातिव हो मेरे तरफ इशारा कर इक शेर जड़ गई.
कहने लगी वह री मेरी किस्मत,
मुझे तो बस यही गम है,
जहाँ मेरी नावं डूबी, वहां पानी बहुत कम है.
बीवी का शेर सुन मुझे गुस्सा बहुत आया,
मैं दहाड़ा,चिलाया,हाथ उठाया, कदम आगे बढ़ाया,
मगर अब महिलाओ की सुरक्षा के बने कानून का ध्यान कर,
बैक गेयर ही लगाया,इसी में मेरी भलाई थी.
मैंने फिर बीवी को आगे से शेर ही सुनाया,
मैंने फ़रमाया
वैसे तो अपना कोई भी सानी नही है,
मगर जहाँ मेरी नावं डूबी वहां पानी नही.
इतना सुन मेरी बीवी घबराई मेरे पास आई,
कहने लगी और बात तो समझ आई,
मगर तुने बिना पानी के नावं है कैसे डूबाइ.
मैंने कहा
जिस देश में प्रधान मंत्री अपनी न चला सकता हो,
सोनिया गाँधी के पूछे बिना पूंछ न हिला सकता हो,
जहाँ हर तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार हो,
त्राहित्राही हर तरफ मंची हाहाकार हो,
सिर्फ महंगाई का बोलबाला हो,
बेईमान की जय जयकार,इमानदार का मुहु काला हो,  
बैसाखियों पे टिकी सरकार हो, प्रधानमंत्री कमजोर लाचार हो,
जहाँ नेता चारा खाते हो, वोट की खातिर जनता को लड़वाते हो,
जहाँ वक्ता बाबा कहलाते हो, जनता को बहकाते हो,
जहाँ धर्म के नाम पर झगड़े हो, बात बात पे रगड़े हो,
वहां क्या नही हो सकता.
इस देश में तो घोटाले ही बड़े है,
तुम इक किश्ती की बात करती हो,
यहाँ तो बड़े बड़े जहाज बिना पानी के डूबे खड़े है.
इसलिए ज्यादा शोर न मचा,
चार दिन की जिन्दगी है हंस खेल के बिता,-------------- "रैना"



,


apno se kinara

अपनों से किनारा कर ही लिया,
 घर ग़ैरों के अब वो जाने लगे,
कल तक थी उन्हें मेरी जुस्तजू ,
आज औरों पे दिल है लुटाने लगे."रैना"

Monday, October 24, 2011

aaaya khushiyo ka

आया खुशियों का त्यौहार,महके खुशबू आई बहार,
श्रदा प्रेम से पूजा अर्चना खूब नाचे गायेगे,
अब की दीपावली को तो यादगार बनायेगे.
अब की दीपावली को-----------
दीप जला रहे वर्षो से अंधकार मिटाए मिटा नही,
प्रयास तो कर रहे मगर असर दिखाए  दिखा नही,
श्रदा प्रेम से दीप जला मन का अंधकार मिटायेगे. 
अब की दीपावली को-----------
कभी भी फूट सकता है अब पाप से भर गया घड़ा,
पृथ्वी के इस जीव को ही प्रदूषण से ही खतरा बड़ा,
अपनी सुरक्षा के लिए पटाखा न इक भी चलायेगे.
अब की दीपावली को-----------
बेशक कोई अनजान नही समझदार दुनिया सारी है, 
लालच के इस संसार में अब मिठाई भी इक बीमारी है,
सेहत के बारे में सोच के हम तो शुध्द मिठाई खायेगे.
अब की दीपावली को-----------
बुरा लगे कोई बात नही मान लेना रैना का कहना,
झूठ नफरत से  दूर रहे सच प्रेम को बना ले गहना,
तब सार्थक होगी दीपावली जब बुराइयाँ दूर भगायेगे.
अब की दीपावली को-----------                                "रैना"
सुप्रभात---------------good morning               happy dipawli

Sunday, October 23, 2011

ओ मेरे देश की धरती,
अनाज उगले  करोड़ो टन,
जनता फिर भी भूखी मरती.
ओ मेरे देश की धरती--------
अब दूर दूर तक नेताओ में, नैतिकता नजर न आती है,
वोट की हो रही राजनीति जनता मोहरा बनाई जाती है, 
 धर्म के नाम लड़े जनता, कही जाति के नाम पे लड़ती.
औ मेरे देश की धरती---------------
आ दूसरे देश से आतंकी, निर्दोषों का खून बहाते है,
फिर भी जेलों में आतंकी देवों की तरह पूजे जाते है,
 खोले खून शहीदों का, क्यों सरकार कुछ नही करती.
ओ  मेरे देश की धरती-------------
बेलगाम हुई बेरोक टोक, महंगाई  छलांगे लगाती है,
दुखी परेशान सहमी जनता,भर पेट न खाना खाती है.
नेताओ के वादे झूठे अश्वासन, अब बात न कोई बनती.
ओ  मेरे देश की धरती------------------
अब फैशन का है भूत चढ़ा,हम लाँघ गये हद है सारी,
सब भूले अपनी संस्कृति,नगे नच रहे है नर ओ नारी,
कैसे माफ़ करे भारत माता,"रैना" करे गलती पे गलती.
ओ मेरे देश की धरती-------------------------"रैना"

nam se dur

नाम से होती जो दूर जिन्दगी,
वो गमों से रहती चूर जिन्दगी.
तू मिट्टी है मिट्टी में मिलेगी,
फिर तुझे कैसा फितूर जिन्दगी. 
प्यार से रहना सहना सीख लो, 
प्यार के बिना है बेनूर जिन्दगी.
जिसे नही उस पे भरोसा यकीन,
वही तो रोये है मजबूर जिन्दगी.
जारी रख "रैना"तू तलाश अपनी,
वो इक दिन मिलेगा जरुर जिन्दगी"रैना"
सुप्रभात जी ----------------good morning. 

beshak ab to

बेशक अब तो शहर का मंजर अजीब है,
 खुशनसीब को ही चैन की नींद नसीब है,
दरियादिली के दावे तो करते बहुत मगर,
हकीकत से कोसों दूर सारा शहर गरीब है.
बेशक आ गया अब नीयत में बहुत फर्क,
दिल के करीब रहने वाला ही बने रकीब है.
"रैना"को उस जलवागर से यही है गिला,
 नजर क्यों नही आता जब रहता करीब है."रैना"


.

jalte hothho pe

मेरे होठों पे अब फरियाद के सिवा कुछ नही, 
तहखाना ए दिल में तेरी याद के सिवा कुछ नही.  

Saturday, October 22, 2011

tu bichuda

तू बिछुड़ा न कोई गिला है,
गम नसीब में था मिला है.
बेशक अब इस जमाने में,
वफा का तो जफा सिला है.
चमन में फूल खिले लाखों,
गुले दिल न कोई खिला है.
शराब तू संभल के पीना,
मय में अब जहर मिला है."रैना"

bhulna to chaha

भूलना तो चाहा मगर भूला नही पाये,
दागे दिल साबुन से भी छूटा नही पाये.
बतौर सौगात संभाले है खत वो पुराने,
चाह के भी उनको हम जला नही पाये. 
खातिर किसके दिल का शहर मिटा है,
ये राज भी उसको हम बता नही पाये.
हँसते है होठ मगर गम ये तमाम है,
वहां के लिए तो "रैना" कमा नही पाये."रैना"

tanha tanha

न जाने लोग मुझे क्यों तन्हा तन्हा कहते है,
मैं औ मेरी तन्हाई साथ साथ मजे में रहते है.
हम सब मानते है होता ये मिलन मुकदर से,
वो तोअपनी किस्मत है,जो ये दुखड़ा सहते है."रैना"

Friday, October 21, 2011

ungli

ऊँगली कटा कर शहीद होना हमें नही आता,
 तभी इक मुद्दत से हाथों में गर्दन लिए बैठा हूँ."रैना".

jab se aankhe char

जब से आँखें चार हुई कुछ उलझे उलझे रहते है,
तीरे नजर से घायल ये दिल हाल न पूछो कैसे है.
महिफल में लगता नही बेइंतहा रोये तन्हाई में,
नैना बेबस परेशान बहुत अश्कों के धारे बहते है
आशिक को खबर नही वो किस हाल में जी रहा,
बेदर्द जमाने वाले तो उसे पागल मजनू कहते है.
फ़िलहाल तो अपने से शनि देव जी  कुछ रुष्ट हुए,
कभी तो मौसम बदलेगा इक आस लगाये बैठे है.
दिन चार देख के तंगी के क्यों "रैना" मायूस हुआ,
सत्य के पथ पर चलने वाले अक्सर दुखड़े सहते है."रैना"

duniya uski bat kre

ये दुनिया उसकी ही बात करे जो भी आता है नजर,
मासूम दिल पे क्या गुजर रही किसी को क्या खबर.
क्या इश्क का अंजाम है परवाने शमा से ही पूछिये,
कहने को आसां मगर मुशिकल बड़ी इश्क की डगर.
"रैना" मुसाफिर दूर का मसल्सल चलते ही  जाना है,
बताया मेरे यार ने बड़ी दूर है पवित्र  वो पाक  नगर."रैना"

Thursday, October 20, 2011

use aur kya

उसे और क्या चाहिए इस जमाने में,
जिसे अपनों का साथ मिल जाये."रैना"
सुप्रभात जी ----------------good morning ke sath
मैं जब से टूट कर देखो बिखरने लगा हूँ,
लोग मजाक में कहते निखरने लगा हूँ.
मेरी वजह तुझ पे कोई तोहमत न लगे,
चुपके से  तेरी गली से निकलने लगा हूँ.
तुझे देख कर मेरा चेहरा ही खिल उठा है,
रोते रोते "रैना" मैं फिर से हंसने लगा हूँ."रैना"

aaya bad ka pani

आया जो बाढ़ का पानी कई मकां ढह गये,
जिनकी नींव मजबूत कायम वही रह गये.
क़यामत के तूफान में  कई बिखरे टूट कर,
आशिको की जिन्दादिली ये झटका सह गये.
महफिल में आज तो मचा हुआ कोहराम है,
सुनने वाला कोई नही कहने वाले कह गये.
रिमझिम की बरसात  कई मिले महबूब से,
बदनसीब अरमां कुछ आंसू बन के बह गये.
गम बख्शे यार ने बतौर तोहफे  निशानियाँ,
हम उन्हें सँभालते शो केश बन के रह गये.
गमगीन "रैना" अब सोचता तन्हा बैठ कर,
मतलबी  इस शहर में हम कहां के रह गये."रैना"

Wednesday, October 19, 2011

kbhi mere

कभी मेरे बारे में भी सोचा करो,जैसे मैं तेरे बारे में सोचता हूं,
कभी तुम भी मुझे खोजा करो,जैसे भीड़ में मैं तुझे खोजता हूं,
कभी उड़ती उड़ती खबर आती,मंजिल की राह बंद नजर आती,
तुम दिल की उडान रोका करो,जैसे मैं दिल को अक्सर रोकता हूं "रैना"
अरावली अरावली अरावली,अरावली,
शान औ पहचान है मेरे राजस्थान  की.
अरावली अरावली अरावली पर्वत अरावली--------
सीना ताने है खड़ा, 
परोपकारी है बड़ा,
सुख समृद्धि हरियाली का,
 प्रतीक है खुशहाली का,
इसकी तारीफ को कम पड़ जाये शब्दावली.
अरावली अरावली अरावली पर्वत अरावली--------

Monday, October 17, 2011

ilaj meri marj ka

इलाज मेरी मर्ज का करने वाला कोई नही,
मेरी किताबे दिल को पढ़ने वाला कोई नही.
दावा तो करते सभी तेरे लिए मर जाये गे,
झूठे वादे  कसमें है मरने वाला कोई नही.
जिन्दगी की सूनी राह पे तन्हा चले जा रहे,
वैसे तो भीड़ है संग चलने वाला कोई नही.
"रैना"खिदमतदार है तेरे हुक्म का गुलाम,
तुझसे अब शहर में यूँ डरने वाला कोई नही."रैना"


Sunday, October 16, 2011


मरने के बाद
नेता ने जब यमलोक का दरवाजा खटखटाया,
नेता को देख यमदूत घबराया,
क्योकि नेता ने जैसे ही कदम आगे बढ़ाया,
नरकवासियों  ने शोर मचाया,
नेता आया नेता आया, हमारा प्रिय नेता आया.
जिसने हमें यहाँ पहुचाया.
नरकवासी वासी दौड़ दौड़ कर नेता के पास आने लगे.
कुछ पैरों में गिरते कुछ हाथ मिलाने लगे,
यमदूत सोचे खड़ा खड़ा,
ये तो कोई आदमी है बड़ा.
साहस कर यमदूत नेता के पास आया,
उसने फ़रमाया ये क्या चक्कर है भाया,
नरकवासियों को क्यों है भरमाया.
नेता ने आगे से बताया ये मेरे सारे साथी है भाया,
इन्हें नर्कलोक भेजने का प्रबंध मैंने ही है करवाया,
मैं भारत का नेता हूँ इसलिए देर से हूँ आया.
नरकलोक में शोर सुन यम राज बाहर आया, 
और चिलाया ये क्या है शोर मचाया,
यमदूत ने बताया की पृथ्वी लोक से एक नेता है आया,
यमराज बोला इस नेता से यमलोक को संभाला जाये,
इस नेता को जैड क्लास के नरक में डाला जाये,
नही तो यह  नेता यहाँ बंद भूख हड़ताल प्रदर्शन करवाए गा,
यमलोक का अस्तित्व खतरे में पड़ जाये गा.
इतिहास के पन्ने यही बताते है,
मरने मिटने के बाद भी ये नेता बाज नही आते है."रैना"  

yamlok

मरने के बाद
नेता ने जब यमलोक का दरवाजा खटखटाया,
नेता को देख यमदूत घबराया,
क्योकि नेता ने जैसे ही कदम आगे बढ़ाया,
नरकवासियों  ने शोर मचाया,
नेता आया नेता आया, हमारा प्रिय नेता आया.
जिसने हमें यहाँ पहुचाया.
नरकवासी वासी दौड़ दौड़ कर नेता के पास आने लगे.
कुछ पैरों में गिरते कुछ हाथ मिलाने लगे,
यमदूत सोचे खड़ा खड़ा,
ये तो कोई आदमी है बड़ा.
साहस कर यमदूत नेता के पास आया,
उसने फ़रमाया ये क्या चक्कर है भाया,
नरकवासियों को क्यों है भरमाया.

har kisi ko gam

रिन्द साकी जो भी बैठा मयखाने में,
हर किसी को गम है इस जमाने में.
अगर वो है इन्सान तो टूटा जरुर है,
बेशक वह  संकोच करे ये बताने में."रैना"

sharab pini ho

गर पीनी हो शराब शौक से पीजिये,
मशवरा जनाब इतनी गौर कीजिये,
   बने न शराब कही कमजोरी
  सरेआम पीना चाहे चोरी चोरी,
 जो पीनी मगर कम थोड़ी  थोड़ी.
जो पीनी मगर कम थोड़ी------
 गिलासों में डूबे उभरते नही,
रिन्दों के घर तो सवरते नही,
लूट लेती है शराब जोराजोरी.
जो पीनी मगर कम थोड़ी----- "रैना"


Saturday, October 15, 2011


हादसों के इस दौर में हैरान बड़ा है,
हर शख्स शहर का परेशान बड़ा है.
सरे आलम की तो रखता है खबर,
अपने हाल से बेखबर नादान बड़ा है."रैना"

aalam ki khabar



हादसों के इस दौर में हैरान बड़ा है,
हर शख्स शहर का परेशान बड़ा है.
सरे आलम की तो रखता है खबर,
अपने हाल से बेखबर नादान बड़ा है."रैना"

राजस्थान, राजस्थान,
राजस्थान की पहचान,
मान, शान,सरे जहान,
अरावली पर्वत, अरावली पर्वत --------------- 

Friday, October 14, 2011

ye sahara kam hai kya


ये सहारा कम है क्या जीने के लिए,
मुफ्त में मिलती रहे पीने के लिए.
उससे हम कुछ और मांगते ही नही,
दयावान माझी मिले सफीने के लिए.
पड़ा पलंग पर  मजे से  खाता ही रहू,
छुट्टी मिली रहे बाहरा महीने के लिए.
मोला ये छोटी सी अर्ज गुजारिश मेरी, 
इतना कर ही देना इस नगीने के लिए. "रैना"

dawa

दरियादिली का दावा मगर तंगदिल निकले,
बेवफा फरेबी कब किसी के काबिल निकले.
यारों  मेरे प्यार के क़त्ल का खुलासा हुआ,
मेरे भरोसेमंद साजिश में शामिल निकले."रैना".

Wednesday, October 12, 2011

nadani karde

हम पे तू इतनी ही मेहरबानी करदे,
मेरा दिल तोड़ने की नादानी करदे.
या तो "रैना" का दिल रखने के लिए,
कोई वादा तू  हम से जुबानी करदे."रैना"

shamil hoga

दुसरे के गम में भला क्यों शामिल होगा,
जो होगा शामिल वो तो कोई पागल होगा. 
बेवजह कोई न करे किसी से अब हमदर्दी,
सोचते पहले हमें उससे क्या हासिल होगा. 
बे फ़िक्र मत होना जब तक न डाले लंगर, 
 ज्यादा संभलना करीब जब साहिल होगा."रैना"

Tuesday, October 11, 2011

maa ka kahna

मान लिया है माँ का कहना,
चुप ही रहना चुप ही रहना ,
 ज्यादा शोर कभी न करना,
हर गम को है हंस के सहना."रैना"

logo ke

बेशक लोगों के लिए दिलचस्प फ़साना बन गया,
मगर तेरा प्यार तो मेरे जीने का बहाना बन गया.
जख्मों से छलनी सीना है खून की बुँदे टपक रही,
मुझे कोई अफ़सोस नही गमगीन तराना बन गया."रैना"

nafart

रात अब तो दिन में ढलने लगी है,
सरे शहर की फिजा बदलने लगी है.
जिसकी उम्मीद कभी की नही जाती,
वो बर्फ भी अब तो पिघलने लगी है.
इश्क मोहब्बत  वफा का ढोंग करते,
हर दिल में नफरत अब  पलने लगी है. "रैना"

Monday, October 10, 2011

aalam

बेशक उसके शहर का न आलम बदला  है,
 गर बदला है तो सिर्फ ये आदम बदला है.
निर्वाह करने के सारे ही तरीके बदल गये,
मगर ख़ुशी बदली है न ये गम बदला है.
मोहब्बत का तो देखिये वही है रंग ढंग,
सजनी बदली होगी या फिर सनम बदला है. 
बड़ा ही अटल है यारों कुदरत का नियम,
मौत बदली है न देखों ये जन्म बदला है.
उसके आशिक अब तलक वही है खड़े,
मौका परस्त लोगों ने ही तो कर्म बदला है.
रैना" को बड़ा मान है अपने बड़े बुजुर्गों पर,
लाखों दुःख सहे फिर भी न धर्म बदला है. "रैना"

kamyab

कामयाब होना है तो बस इतना कीजिये,
होसले अपने को न कभी  गिरने दीजिये.
कदम बढ़ा के आगे पीछे हटना गलत है, 
सोच समझ के ही  कोई फैसला लीजिये.
लाखों घर उजाड़े इस जालिम शराब ने,
गर पीना ही पड़े तो जामे वतन पीजिये.
नियत निति से मिले मंजिल मकसूद,
झूठ की सीढ़ी पे न पैर कभी धरा कीजिये.
रैना" की बात का न बुरा मानिये जनाब,
किसी नेक कर्म को ही अंजाम दीजिये. "रैना"
.  

Sunday, October 9, 2011

देश प्रेमियों के लिए खास रचना 
सोये हुए मन में आजादी की अलख जगाने का,
फिर वक्त आ गया भारत माँ को आजाद करवाने का.
फिर वक्त आ--------------------
बेशक गौरे अंग्रेजों को हमने भगा दिया,
मगर काले अंग्रेजों ने माँ को बंदी बना लिया.
काले अंग्रेजों से माँ को छुड़ाने का.
 फिर वक्त आ--------------------
छीना झपटी, लूट मार नंगा भ्रष्टाचार है,
द्रोपदी का चीर हरण होता बीच बाजार है,
दुशासन से द्रोपदी को बचाने का.
 फिर वक्त आ---------------
मतलब के दरिया में सारे असूल बह गये,
भाषणों तक सीमित  हमारे नेता रह गये,
 झूठे नेताओ को सबक सिखाने का.
 फिर वक्त आ-----------------
माँ की आबरू पे कई वार हो गए,
देश के मसीहा ही गद्दार हो गये,
बेनकाब कर गद्दारों को भगाने का.
 फिर वक्त आ--------------
रोती बिलखती माँ मेरी खड़ी की खड़ी रह गेई,
रामराज्य की कल्पना धरी की  धरी रह गेई,
शहीदों के सपनों का देश बनाने का.
 फिर वक्त आ -------------
उठो वीर जवानों भारत माँ की पुकार सुनो,
रंग लो बसंती चोला आजादी की राह चुनो,
"रैना" अपने कदम पीछे नही हटाने का.
फिर वक्त आ--------------------"रैना"

kon yad

कोन याद करता है किसी को दूर जाने के बाद,
अब तो पास रहने वाले भी दिल में फर्क रखते हैं, "रैना"

Friday, October 7, 2011

daman bcha bcha ke

काश ये रुतबा भी हासिल हो जाये,
बंदा आशिकों में शामिल हो जाये.
इश्क का भूत सिर चढ़ कर बोले,
मेरा दिल दीवाना पागल हो जाये.
दिल के आँगन में जब फूटे हिम्मत,
मझदार भी फिर तो साहिल हो जाये.
वक्त के साथ बदल रहा सब कुछ,
भला चंगा इंसान भी जाहिल हो जाये.
कभी सोचता हूँ मैं तन्हा बैठ कर,
"रैना" भी  किसी के काबिल हो जाये.



hadsa

चाहे हो हादसा लेकिन कोई ऐसा काम हो जाये,
तमन्ना सरे शहर में चर्चित मेरा नाम हो जाये.
खाना,पीना,सोना,जागना,शादी और ये बच्चे,
इससे अलग जिंदगी का कोई अंजाम हो जाये.
तुम हो सामने मेरे तेरी आँखों में देखू जन्नत,
ख़त्म न प्यास हो मेरी और जां तमाम हो जाये.
"रैना" आशिक है तेरा तुझी पे फ़िदा दिलो जां से,
तू अब तो कर दे कुछ ऐसा तेरा बदनाम हो जाये.


Thursday, October 6, 2011

shrarat

आँखों की शरारत दिल का कसूर है,
मासूम जिन्दगी हो गई मजबूर है,
बेशक जीने की  तमन्ना है बहुत, 
मौत का भी डर नही हंस के मंजूर है,
वैसे ये भी मुझे होने लगा एहसास,
इश्क में नशा हल्का हल्का सरुर है. "रैना" 

Tuesday, October 4, 2011

soch badli


एक अपील 
रावण को फिर जलाने की तैयारी,
मुद्दतों बाद क्या सोच बदली हमारी,
हम उसी रास्ते पर चलते जा रहे है,
अपने अन्दर बदलाव नही ला रहे है.
जरा सोचे रावण ने बुरा क्या किया था,  
बहन के अपमान का बदला ही लिया था.

एक  स्वाभिमानी  को इतना बड़ा दंड 

रावण महा पंडित चार वेदों का ज्ञाता था,
हर देव उसके सामने शीश झुकाता था.
मगर हमने श्रेष्ठ रावण को नही जाना है,
उसके हर अंदाज को बुरा ही माना है.

क्योंकि हम ज्यादा समझदार हो गये है,

हम रावण को निरंतर जलाते जा रहे है,
मगर मन में बैठा रावण नही मिटा रहे है.
फिर दिखावा क्यों ये ढोंग करते जा रहे है,
रावण का जलना हम किसे दिखा रहे है.

हमारी तो आँखें ही  बंद है
.
चलो इस बार दशहरे पर  कुछ ऐसा करते जाये,
पुतले के साथ मन में बैठे रावण को भी जलाये.

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्राणी है  सर्वश्रेष्ठ बन के दिखाये  . "रैना"
  

aek apil

एक अपील 
रावण को फिर जलाने की तैयारी,
मुद्दतों बाद क्या सोच बदली हमारी,
हम उसी रास्ते पर चलते जा रहे है,
अपने अन्दर बदलाव नही ला रहे है.
जरा सोचे रावण ने बुरा क्या किया था,  
बहन के अपमान का बदला ही लिया था.
रावण महा पंडित चार वेदों का ज्ञाता था,
हर देव उसके सामने शीश झुकाता था.
मगर हमने श्रेष्ठ रावण को नही जाना है,
उसके हर अंदाज को बुरा ही माना है.
क्योंकि हम ज्यादा समझदार हो गये है,
हम रावण को निरंतर जलाते जा रहे है,
मगर मन में बैठा रावण नही मिटा रहे है.
फिर दिखावा क्यों ये ढोंग करते जा रहे है,
रावण का जलना हम किसे दिखा रहे है.
हमारी आँखें तो बंद है.
चलो इस बार दशहरे पर  कुछ ऐसा करते जाये,
पुतले के साथ मन में बैठे रावण को भी जलाये.
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्राणी है  सर्वश्रेष्ठ ही  कहलाये . "रैना"
  

chugal chalisa

दोस्तों की फरमाइश पर पेश कर रहा हूँ,
 अपने एक मशहूर व्यंयग"चुगल चालीसा"
का कुछ हिस्सा अपने विचारों से अवगत अवश्य करवाए 
दोहा 
आज के इस संसार में, रहस्य जाने न कोये,
साची झूठी  कुछ भी कहे,चुगल कहे वो होये.
अपना काम कुछ करे न,भरे सीनियर के कान,
चुगलखोरों की जात से, दुखी जनता परेशान.
भ्रात श्री चुगलखोर की जय-----------------
जय चुगल चुगली के दाता,
धन्य जननी हो तेरी माता.
जिसने वीर पुत्र है जाया,
चुगली में इसने नाम कमाया.
बात कोई ऐसी नजर है आवे ,
पेट में इसके है बल पड़ जावे.
साची बात न कोई भी बतावे,
एक के साथ है चार लगावे.
जो भी  इसके चक्कर में आये,
लुटिया उसकी साफ हो जाये.,
मिठ्ठी जुबां पर चुगली साजे,
तोप की तरह गोले है दागे. 
भ्रात श्री चुगलखोर की जय ----"रैना"
शेष बाद में. 

.

Monday, October 3, 2011

aab

हमने उजड़ी बस्ती देखी,
फना होती हस्ती  देखी.
हर शै बहुत ही महंगी,
सिर्फ जिंदगी सस्ती देखी.
महंगाई ने सब को मारा,
नागिन बन के डसती देखी.
सावन के महीने में भी,
हमने आग बरसती देखी.
गुमां जिसको होता ज्यादा,
उसकी डूबती कश्ती देखी.
आशिक, रिन्द, दीवानों में,
हमने बेइंतहा मस्ती देखी.
सावन के महीने में भी,
गजब की आग बरसती देखी.
"रैना"आब की तलाश में,
सागर की माँ भटकती देखी.
राजिंदर शर्मा  "रैना"

jab se

जब से तूने मझदार में तन्हा छोड़ा है,
बेदर्दी से मेरे शीशा ए दिल को तोडा है,
तब से मेरा जीना तो हराम हो गया है,
मेरा हमसफर, साथी  जाम हो गया है,
तूने निकाल फैँका मुझे अपने दिल से,
फिर भी तेरी चर्चा मेरा काम हो गया है.
हम तो जी रहे इक गुमनाम जिन्दगी,
तेरी मेहरबानी "रैना"सरेआम हो गया है. 

Sunday, October 2, 2011

teri bhakti

जय माँ अम्बे
 माँ की भेंट 
तेरी भक्ति में माँ अम्बे मैंने जीवन है बिताना,
भटकू गा अब न मैं तो मुझे मिल गया ठिकाना.
तेरी भक्ति में माँ------------------------------
पापी हूँ मैं तो अम्बे,मैंने पाप ही किये है,
नही  बात तेरी मानी, तुझे दर्द ही दिये है,
खता मफ़ा मेरी करना, मुझे चरणों से लगाना. 
तेरी भक्ति में माँ------------------------------
भक्तों का मइया तूने, बेड़ा तो पार किया है,
कोई खाली नही लौटाया,मुहु माँगा वार दिया है,
कही भव में  न डूब जाऊ, आकर मुझे बचाना.
तेरी भक्ति में माँ------------------------------"रैना"

Saturday, October 1, 2011

gandi

इसलिए तो 
अमर गाँधी का नाम है,
एक गाल पे थपड खा कर,
 दूसरा गाल आगे कर देना,
क्या कोई आसान काम है."रैना"

sahara

माँ की भेंट 
शेर 
इक मुद्दत से परेशान हूँ, तेरे दर का पता नही मिलता,
मैं अब जाऊ तो कहां जाऊ,तेरे घर का पता नही मिलता

जो मइया तेरा सहारा मिल जाये,
डूबते को किनारा मिल जाये.
मिट जायेगे सारे रंजों गम,
हर हसीं वो नजारा मिल जाये.
जो मइया तेरा  -----------
फिर राहों में  न भटकू गा,
न दुनिया की आँखों में खटकूगा,
सुख चैन से कट जाये जिन्दगी,
न चिन्ता  की फांसी लटकू गा.
जो मइया तेरा  -----------
कोई  संगी है न साथी है,
इक तेरा भरोसा बाकी है,
अब लाज मेरी भी रख लेना,
तुने दीनो की लाज तो राखी है. 
जो मइया तेरा-----------"रैना"
जय माँ अम्बे---------------------------





kyo

क्यों करते हो ख्वाहिश मोहब्बत की,
इस मोहब्बत ने कई घर बर्बाद किये है,"रैना"
सुबह निकली शाम में ढलती जाये,
ये जिन्दगी यूँ ही निकलती जाये,
रफ्तार सुइयों की कम नही होती,
रफ्ता रफ्ता शमा पिगलती जाये,
फ़िक्र यहाँ का वहां का जिक्र नही, 
उलझ के बिगड़ी बिगड़ती जाये.
भटका राह से "रैना" कुछ गौर कर,
रेत हाथों से निरंतर फिसलती जाये."रैना"