Thursday, January 31, 2013

aankhe har dam

इक और रचना दोस्तों।
गई सारी "रैना"लिखता रहा।

आंखे हरदम सूखी रखना,
मजबूरी है मेरा हंसना।
इस हालत में जी ले कैसे,
मुश्किल है अब मेरा बचना।
मौसम जब लेता अंगड़ाई,
यादों के नागों ने डसना।
हर गम सहते जिसके खातिर,
उसने छोड़ी बातें करना।
रिन्दों के बच्चे रोते हैं,
"रैना"तुम विष मय मत चखना।"रैना"
रिन्दों =शराबी  

jldi me tum

दोस्तों मेरी ये साधारण सी रचना,
एस एम एस गर्ल्ज कालेज बरारा,
की प्रिंसिपल डा प्रवीन वर्मा,
 द्वार गाई जा रही है।आप को कैसी लगी।

जल्दी में तुम क्यों रहते हो,
जाने की पहले कहते हो।
खुद को भूले, सब की चिन्ता,
इतनी पीड़ा क्यों सहते हो।
देखो तो मेरी आँखों में,
किस दुनिया में तुम रहते हो।
मैंने अपने दिल की कह दी,
अब बोलो तो जी कैसे हो।
"रैना" हमको अच्छे लगते,
मन के घर में अब रहते हो।"रैना"


Wednesday, January 30, 2013

दुनिया गुजरे कूचे से,
उसके कदमों की आहट,
दिल पर दस्तक देती हैं।"रैना"
खोले दिल के दरवाजें,
जब चाहो घर आ जाना,
आना तो ऐसे आना,
फिर तुम वापिस मत जाना।"रैना"

 भूलना चाहते हैं तुझे,
तू हमें भूल जा बावफा।:रैना"

उनको तो भूलने की आदत,
हम यादों में खोये रहते,
अपनी आखों में कटती शब,
वो मस्ती में सोये रहते।"रैना"

Tuesday, January 29, 2013

tu jan le

दोस्तों आप की शान में,

अब हकीकत जान ले तेरी,
छोड़ करना तू मिरी मेरी।
सोच अपनी जिंदगानी की,
वक्त कम है क्यों करे देरी।
देख आईना गुमां करता,
जिस्म मिट्टी खाक की ढेरी।
आज है कल हो न हो "रैना"
कौन जाने कब लगे फेरी। "रैना"

Monday, January 28, 2013

hm mrne ki

इंडिया के लोग????
 मर मर के जीते है,
और विदेशी ??????
जी जी के मरते है,
तभी हम????
पचास साल में बूढ़े हो जाते है,
और विदेशी ?????
70 साल में घोड़ी चढ़ते है।
इस लिए मर मर के नही,
जी जी के मरना सीखो,
विदेशियों से 70 साल में???
घोड़ी चढ़ना सीखो।
पर जनसंख्या का ख्याल रखना। "रैना"

mar gye aajadi ke diwane


हंस के लाठी गोली खाने वाले,
मर गए हैं आजादी के दीवाने,
अफ़सोस चम्मचों के हिस्से???
राज आया ।।।।।।।।।।।।।  "रैना" 

kash

काश हम उनसे मिले होते,
फूल दिल के फिर खिले होते।
यूं गिला करते नही उससे,
होठ मेरे फिर सिले होते। "रैना"


khawbokhyalo

ख्वाबो में कम आते है,
हम दिल में बस जाते है,
ख्वाबों का क्या है "रैना"
अक्सर बेमौसम टूटे।"रैना"


Sunday, January 27, 2013

khub roya hu mai

रोता रहता था अक्सर,
पर अब हंसना हैं मुझको,
उसको खुश रखने खातिर,""रैना"

कितना सुंदर घर देखो,
फिर भी लगता डर देखो,
कपड़े हैं तन ढपने को,
मन से नंगा नर देखो। "रैना"

ik gazal dosto

इक ग़ज़ल आप दोस्तों के नाम

दीवारों से लग लग  रोना,
उल्फत में पागल मत होना।
आशिक को ये होता हासिल,
आँखों को अश्कों से धोना।
जीवन कटता तन्हाई में,
मिलना गम बाकी सब खोना।
पैरों पे लगती कुल्हाड़ी,
जीवन में कांटें क्यों बोना।
"रैना"करता तौबा तौबा,
दिल का सौदा मत कर देना।"रैना"

bura nhi

दोस्तों बुरा मत मानना जो बात बुरी नजर आई हो,
आप सब को नेतातंत्र दिवस की लाख लाख बधाई हो।
जनता के हिस्से में भुखमरी गरीबी भ्रष्टाचार आया है,
ये सविधान तो नेताओं ने बस अपने लिए ही बनाया है।
बेशक देश भक्तों ने तो लाठियां गोलियां ही खाई हैं,
कुर्सियां तो सिर्फ चम्मचें चापलूसों के हिस्से में आई हैं।
गिरगट जैसे नेताओं ने तो नोटों के भर लिये बोरें हैं,
मगर बेचारी जनता के हाथ 65 साल बाद भी कटोरें हैं।
अब मत शर्माओं बेजिझझक अपना तुम मुहं खोलो,
कुछ पाना है तो प्रेम से नेतातंत्र दिवस की जय बोलो।
आप दोस्तों को एक दिन बाद नेतातंत्र दिवस की बधाई हो जी ......."रैना"

Monday, January 21, 2013

खाक रखते हैं खबर सारे शहर की,
हाल अपने से नवाकिफ बेखबर हैं। "रैना"

देखते हैं क्या हश्र होगा जनाब,
जबरदस्ती इक बना छोड़े नवाब। "रैना"

बेशक नेता जी खूब विकास कर गये,
जनता को लूट विदेशी बैंक भर गये।'रैना"

देश की हालत देख ऐसा लगता है ??????
अंधे पीस रहे कुत्ते खा रहे है,
और नेता चम्मचा गिरी में व्यस्त,
हा में हा मिला रहे हैं,
गधों को घोडें बना रहे हैं,
वाह घोर अनर्थ,
ऐसे लोग देश चला रहे हैं।"रैना"

Sunday, January 20, 2013

husnwale

हुस्न वाले वफा नही करते,
दरद देते दवा नही करते।
वक्त बदला बदल गये सारे,
पत्ते हिलते हवा नही करते।
जुल्म करते बदल बदल तेवर,
यार ऐसे हुआ नही करते।
बेवफा क्यों हुआ सनम मेरा,
हाल हम भी पता नही करते।
जिन्दगी की डगर बड़ी मुश्किल,
हादसों से डरा नही करते।
सोच"रैना"कभी नही बदले,
लोग ऐसा भला नही करते।"रैना"

ktat purane jla diye

ख़त पुराने जला दिये हमने,
फूल चुप से बहा दिये हमने।
आज हम तो गंगा नहा आये,
दाग दिल के मिटा दिये हमने।

बात बिगड़ी कभी नही बनती,
ज़ोर सारे लगा दिये हमने।
नींद हमसे वफा नही करती,
दीप जलते बुझा दिये हमने।

हार "रैना" कभी नही मानी,
ख्वाब टूटे सजा दिये हमने।"रैना"

Friday, January 18, 2013

mere malik

एक और मेरी नई किताब की
ग़ज़ल अच्छी लगे तो बताये .

मिरे मालिक रहम तेरा सबर दे दे ,
तुझे देखू फ़कत ऐसी नजर दे दे।
खलल तेरी इबादत में पड़े अक्सर,
इबादत में मिरी ऐसा असर दे दे।
अदा करदे कभी कोई ख़ुशी मुझको,
नवी आसान जीवन की डगर दे दे।
सुबह हो शाम चाहे मस्त जीवन हो,
मुझे हंसने हंसाने का हुनर दे दे।
नसीबों में नही छत सर छुपाने को,
भिखारी मांगते खैरात घर दे दे।
जमाने से मुझे कुछ भी नही लेना,
मुझे अपनी निगाहों में कदर दे दे।
भले "रैना"कटे दुःख दर्द में सारी,
हंसी खिलती सुबह का वो मंजर दे दे।"रैना"

yad aana chhod de

प्यारी सी ग़ज़ल दोस्तों के नाम,
 याद आना छोड़ दे तू,
दिल दुखाना छोड़ दे तू,
ऐ शमा अब मान भी जा,
घर जलाना छोड़ दे तू।
दूर आँखों से हुये अब,
पास आना छोड़ दे तू।
लोग हंसते हाल पे यूं,
गम बताना छोड़ दे तू।
रात आँखों में कटे अब,
यूं जगाना छोड़ दे तू।
रिन्द पे साकी रहम कर,
मय पिलाना छोड़ दे तू।
खैर "रैना" मांगता है,
रंज मनाना छोड़ दे तू।"रैना"

yaad aana chhod


Tuesday, January 15, 2013

krti msti

दोस्तों

करती मस्ती उसकी कुदरत,
अरमानों से खेले किस्मत।
कहने को ही फुरसत कब है,
वैसे तो फुरसत ही फुरसत।
गम सहना है हंसते रहना,
आशिक की ये होती आदत।
मन शांति तन अति सुख पाये,
सच्ची पूजा करले कसरत।
बसती देखे उसकी दुनिया,
दीवाने की होती हसरत।
सुख सारे दोस्त के खातिर,
"रैना"को है गम से उल्फत।"रैना"

jindgi se kyo

दोस्तों पेशे खिदमत है,

जिन्दगी से क्यों गिला है,
फूल किस्मत से खिला है।
ये हवा की है शरारत,
जो पत्ता कोई हिला है।
गम मिले बदले वफा के,
अब वफा का ये सिला है।
क्यों गिला उससे करे हम,
दाग उल्फत में मिला है।
फर्ज अपना भूलते हम,
दौर कुछ ऐसा चला है।
काश "रैना" जान जाता,
अंत भले का हो भला है। "रैना"

Monday, January 14, 2013




उलझे उलझे हम रहते है,
खुद की खुद से ही कहते है।
तेरी यादों में हम डूबे,
आँखों से आंसू बहते है।
आशिक पे ये अक्सर गुजरे,
दर्दो गम हंस के सहते है।
दे जाते वो गम का प्याला,
दिल में जो बैठे रहते है।
"रैना"तो दीवाना उसका,
कहने वाले ये कहते है।"रैना"


uljhe uljhe se rhte hai,
khud ki khud se hi khte hai.

teri yaado me hm doobe,
aankho se aansoo bahte hai.

aashik pe ye aksar gujre,
 dardo gam hans ke sahte hai.

de jate vo gam ka pyala,
dil me jo aksar rahte hai.

"raina' to diwana uska,
kahne wale ye kahte hai."raina"



uljhe uljhe se rhte hai,
khud ki khud se hi khte hai.

teri yaado me hm doobe,
aankho se aansoo bahte hai.

aashik pe ye aksar gujre,
 dardo gam hans ke sahte hai.

de jate vo gam ka pyala,
dil me jo aksar rahte hai.

"raina' to diwana uska,
kahne wale ye kahte hai."raina"


उलझे उलझे हम रहते है,
खुद की खुद से ही कहते है।
तेरी यादों में हम डूबे,
आँखों से आंसू बहते है।
आशिक पे ये अक्सर गुजरे,
दर्दो गम हंस के सहते है।
दे जाते वो गम का प्याला,
दिल में जो बैठे रहते है।
"रैना"तो दीवाना उसका,
कहने वाले ये कहते है।"रैना"

Sunday, January 13, 2013

uljhe uljhe

uljhe uljhe se rhte hai,
khud ki khud se hi khte hai.
teri yaado ne me doobe,
aankho se aansoo bahte hai.
aashiko pe ye aksar gujre,
vo dardo gam to sahte hai.
 dil me jo aksar rahte hai.
"raina' to diwana uska,
kahne wale to kahte hai."raina"

   


khun pani ho

देश में क्या हो रहा है,
क्यों मसीहा सो रहा है।
मौज बुझदिल की लगी है,
खून पानी हो रहा है,
मस्त किस्मत अब गधे की,
भार घोड़ा ढो रहा है।
आज का इन्सान बदला,
होश अपने खो रहा है।
मस्त गाँधी हंस रहा है,
बोस" छम छम रो रहा है।"रैना"

Saturday, January 12, 2013

dushman ko kbhi

 हम इतने डरते क्यों है,
 डर डर के मरते क्यों है।
 कुछ पाने की चाहत में,
खुद से छल करते क्यों है।
मिलना कर्मों किस्मत से 
औरों से लड़ते क्यों है।
हम बुझदिल बन के अक्सर,
इतना दुःख जरते क्यों है।
होनी तो हो के रहती,
"रैना"तू तड़फे क्यों है।"रैना"

Thursday, January 10, 2013

khun

  बाप बुढ़ापे में ???????
  छला गया,
  उस माँ से पूछो ??????
  जिसका बेटा चला गया,
  बहन बेचारी की????????
  सुधबुध खो गई,
  उस नारी से पूछो?????
  जो भरी जवानी विधवा हो गई।
  मगर हमारे नेता??????????
  गाडियाली आंसू बहा कर????
 चुप हो गये। ...................."रैना"

khun to kholta hai

   खून अब खोलता क्यों नही,
   चुप हुआ बोलता क्यों नही,
    और क्या सोचता तू बता,
   भार अब तोलता क्यों नही।"रैना"



Wednesday, January 9, 2013

is daur me

इस दौर में उल्टी गंगा बहती है,
सास अब बहु से डरी डरी रहती है।
कुछ कहने से तौबा तौबा करता है,
अब बाप बच्चों से बहुत डरता है।
हर कोई रिश्तों की मर्यादा तोड़ रहा है,
भाई अब भाई का सिर फोड़ रहा है।।।।।।"रैना"

aksr unki

बेशक अक्सर उनकी नजरें फिसल जाती हैं,
जिनको अपनी बहन बेटी नजर नही आती है।"रैना"

mastiya

काफी साल पहले लिखी रचना।
आओ गाँव चले जी
मस्तियां करती बेसुमार कुए पर,
भर रही पानी जवां नार कुएं पर।
हुस्न के जलवें है सुगंध महकती,
आ के ठहर गई है बहार कुएं पर।
उठ जाती कभी नजरें झुकी झुकी,
न जाने किस का इंतजार कुएं पर।
जब से उनके घरों में नलके लग गये,
आशिक अब खड़े हैं बेजार कुएं पर।
पानी भरने की मस्त अदा देख लू,
"रैना" कहे आ जा इक बार कुएं पर। "रैना"

Tuesday, January 8, 2013


क्या लिखू कोई बताता ही नही,
 दर्द अपना दिल सुनाता ही नही।
मैं उसे हमदर्द अपना मानता,
जख्म दिल का पर दिखाता ही नही।
बात करता अर्श सागर की सदा,
प्यास मेरी तो बुझाता ही नही।
खाक गिरते को उठाये गा कभी,
भार अपना तो उठाता ही नही।
घर तिरे वो रौशनी कैसे करे,
दीप खुद के घर जलाता ही नही।
आग लगती तो धुँआ भी है उठे,
बेवजह तो नाम आता ही नही। ......."रैना"

kya likhu koi btata nhi hai

क्या लिखू कोई बताता ही नही,
 दर्द अपना वो सुनाता ही नही।
मैं उसे हमदर्द अपना मानता,
जख्म दिल का पर दिखाता ही नही।
बात करता अर्श सागर की सदा,
प्यास मेरी तो बुझाता ही नही।
खाक गिरते को उठाये गा कभी,
भार अपना तो उठाता ही नही।
घर तिरे वो रौशनी कैसे करे,
दीप खुद के घर जलाता ही नही।
आग लगती तो धुँआ भी है उठे,
बेवजह तो नाम आता ही नही। ......."रैना"



मैं तो इस काबिल हरगिज नही था दोस्तों,
मगर आप ने जर्रे को आफताब बना दिया। "रैना"

hone lgi merei

होने लगी मेरी तस्वीर की बातें,
कहते चेहरा बहुत ही लगे अच्छा,
मिट्टी की कोई तारीफ नही होती,
मुसव्वर का जिकर करे अच्छा।

Monday, January 7, 2013

तेरा पता क्या है बता,
है किस गली में घर तिरा।
कोई कहे है वो यहां,
कोई कहे है वो वहां,
मुझको मिला कब दर तिरा। "रैना"
बाढ़ का नीर मैं राह अपनी बना लेता,
साथ दो चार को जबरदस्ती लगा लेता।"रैना"
 मेरा दोस्त बोल बताओ ?????
मर्द बड़ा के बड़ी औरत,
मैंने कहा ?????
दोनों की बराबर शौहरत,
वो बोल?????????
कैसे।
मैंने कहा ????????
सही मायनों में तो ऐसे, 
इस औरत ने ही हमें सब कुछ दिया है,
पुरुष तो बाड़ी गार्ड थे???????
इस बाड़ी गार्ड ने?????????????
अब कुर्सी पे कब्जा किया है। ...... "रैना"

Sunday, January 6, 2013

pni biwi

अपनी बीवी से डरने लगा मैं कायर हो गया हूँ,
पर लोग अब कहने लगे मैं शायर हो गया हूँ। ...."रैना"

हम सर्दी से कब डरते है,
गर्मी हम से घबराती है।
मुफलिस से टकराये कोई,
ऐसी हिम्मत कम आती है।"रैना"

nam

हम सरदी से कम डरते है,
पर्वत पे हम रहने वाले। "रैना"

dhan jo jod kar

रोते रहते रोने वाले,
खो देते सब खोने वाले,
दीवाने जो परवाने है,
वो चिंतित कब होने वाले।
"रैना"को तो चुप ही रहना।
हम मस्ती में सोने वाले, "रैना"

likhne


हाये इसी गम ने कहर ढाये।
हम नाम तेरा लिख नही पाये,
तू दूर आँखों से रहे लेकिन,
हैं पास ही मेरे तिरे साये। "रैना"  

Saturday, January 5, 2013

her bato ke ham

शेर बातों के हम जानते हैं बात करना,
कोई मरता मरे हमें लफड़े में नही पड़ना,
गाँधी के चेले हम किसी से नही लड़ना,
हमने मंत्री बनना है सूली पे नही चढ़ना।।"रैना"

kay likhte rhte

तुम क्या लिखते रहते हो,
खोये खोये बैठे हो।
क्यों किस के खातिर रैना",
इतनी पीड़ा सहते हो। ........."रैना"

Thursday, January 3, 2013

खुद से न तुम धोखा करो,
क्या है कमी सोचा करो।
सच बोलता है आइना,
तुम गौर से देखा करो।
तू और का घर देखता,
अपना कभी मौका करो।
सोचे बिना सब बोलते,
उनको न यूँ टोका करो।
"रैना"न सुनता मानता,
उसको न तुम रोका करो।"रैना"
बहनों के लिए

तू अबला चंडी काली भी,
तू कांटा कोमल डाली भी।
तेरे दम से दुनिया चलती,
जगजननी तू आदि शक्ति।
तू अब हिम्मत क्यों हारी है,
क्यों सोचे अबला नारी है।
मत डर उठ बन चंडी काली,
तुझ में ताकत शक्ति शाली।
अब मत घबरा उठ आगे आ,
दुर्गा बन कर दुष्टों को मिटा।
यही वक्त की पुकार है।।।।।।।"रैना"

Wednesday, January 2, 2013

am gila bhi

दोस्तों दिल का टुकड़ा पेश कर रहा हु।

हम गिला भी कर नही सकते,
क्या करे खुद मर नही सकते।
सामने आ कुछ कहे तुझ से,
दूर बैठा लड़ नही सकते।
जख्म दिल पे हैं लगे इतने,
अब दवा से भर नही सकते।
है फटी चादर नसीबों की,
हम रफू भी कर नही सकते।
दूर मंजिल थक चुके हम,
अब चढ़ाई चढ़ नही सकते।
वक्त "रैना" को डरा सकता,
दर्द से हम डर नही सकते।"रैना"

mai nhi to

मैं नही तो तू नही है,
मैं जहां हूँ तू वही है।
जानता इस सत्य को भी,
गल्त मैं हूँ तू सही है।"रैना"
सुप्रभात जी।।।।।।।।।।।।।।

दोस्तों आप की तव्वजो चाहुगा।

जिन्दगी तो इक तमाशा है,
साथ आशा के निराशा है।
काश मिलता वो यही कहते,
हाथ में जल मन प्यासा है।
खूब हंसते  देख रोते को,
कौन देता अब दिलाशा है।
है गिला शिकवा उसी से ही,
खास जिसने बुत तराशा है।
वो तुझे कैसे मिले "रैना"
क्या कभी तूने तलाशा है।"रैना"

Tuesday, January 1, 2013


दिन महीने चल दिया है साल देखो,
हम नही बदले वही है हाल देखो।
बेवफा से अब गिला भी क्या करे हम,
जिन्दगी बरबाद  है  बेताल देखो।
बोलता जो झूठ जिसको सच न माफिक,
आजकल मिलता उसी को माल देखो।
देखने को कुछ नही बाकी बचा है,
क्या खिलाये गुल नया अब साल देखो।"रैना"

din mahine

दिन महीने चल दिया है साल देखो,
हम नही बदले वही है हाल देखो।
बेवफा से अब गिला भी क्या करे हम,
जिन्दगी बरबाद  है  बेताल देखो।
बोलता जो झूठ जिसको सच न माफिक,
आजकल मिलता उसी को माल देखो।"रैना"









हमको खुद से मोहब्बत नही है,
सजने सवंरने की आदत नही है,
खिड़की के शीशे में झांक लेते है,
आईना देखने की हिम्मत नही है। रैना"

महबूब मेरे इश्क ने तेरे पागल किया है,
तीरे नजर का है असर दिल को घायल किया है।
हो पास फिर भी दूर क्यों ऐसे मजबूर हो तुम,

याद उनकी जब कभी आ जाती है,

मौसम जब भी करवट बदले,
यादों के शोलें भड़के हैं,
हम तो अक्सर तड़फे जैसे,
बिन पानी मछली तड़फे हैं।"रैना"

इक ग़ज़ल जीईईईई आप के

मुझसे खफा तकदीर मेरी,
बदली हुई तस्वीर मेरी।
बेदर्द ने कुछ भी न छोड़ा,
आंसू फकत जागीर मेरी।
राँझा गिला करता खुदा से,
गुम हो गई है हीर मेरी।
"रैना यही गम है मुझे भी,
सुनता नही वो पीर मेरी।"रैना"


दोस्तों इक प्यारा शेर आप के लिए।

साल भर याद तुझको न आई मिरी
साल आया नया आज तो याद करे,।
मांगते खैर हम तो तिरे ही लिये,
काश मेरे लिये यार फरियाद करे। "रैना"