Saturday, August 31, 2013

दोस्तों ये 14 मात्रा की गजल है इस बारे
sufi "raina" group me पूरी चर्चा होगी मेरी
तरह सीखने के इच्छुक दोस्त इस में भाग ले सकते है

जैसी कटती कटने दो,
गम के बादल छटने दो।
तेरे   बारे   सोचे गे,
पहले चिलमन हटने दो।
रिमझिम बरसे दिल तरसे,
अब तो बादल फटने दो।
बहना कहती भाई से,
मां को अब मत बटने दो।
नफरत ने सब कुछ छीना,
इस खाई को पटने दो।
बिन उल्फत जीवन सूना,
अब अमृत को चखने दो।
मशहूरी हो जायेगी,
अख़बारों में छपने दो।
"रैना"सब कुछ  मत कहना,
कुछ तो दिल में रखने दो।  राजेन्द्र रैना "गुमनाम"
सुप्रभात जी   ………जय जय मां


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