Thursday, June 30, 2016

मेरी मंजिल है किधर मुझको जाना है किधर,
इतनी ख़बर ही नहीं आसां रस्ता है किधर।
जिससे पता हम करें ऐसा मिलता ही नहीं,
कोई बताये सही बसता वो है किधर। रैना"
वैष्णो माँ की जय जय जय
मेरी वैष्णो माँ एक बार सुनो पुकार,
मेरी बिगड़ी दो संवार सुनो पुकार,
मेरी कुछ और नहीं है तमन्ना,
माँ बख्शो तेरा प्यार सुनो पुकार। रैना"
सुप्रभात जी ------जय जय माँ