Monday, September 12, 2016

बरबादी ने बेख़ौफ़ यहां पर डेरे लगाये है,
मेरे देश के रहनुमा जैसे शादी में आये है.
बहुत कम जिनका दामन है पाक साफ,
वैसे भ्रष्टाचार के गंदे नाले में सब नहाये है.
सदन में बैठे भी न करे देश हित की बात,
सोते या हिसाब लगाते कितने कमाये है.
स्वर्ग के समस्त सुख तो नेता जी भोगते,
यूँ जनता की वोट से चुन के सदन में आये है
 कश्मीर में ऐसी आग हरगिज न लगी होती,

नेताओं ने ही यहां नफरत के गुल खिलाये है। 
रैना"देश की हालत देख कर कुछ ऐसा लगता,
काले अंग्रेजों से आजादी के दिन करीब आये है। "रैना"