Monday, January 31, 2011

chand laine

सूख गये है मेरी आँखों के कुएं अब गम या ख़ुशी में पानी नही छलकता. "रैना"




दिल का कसूर है या आँखों का मगर मेरा जीना मुशिकल हो गया है."रैना"



टूटते सितारें को देखकर सोचता हूँ मेरी क्या औकात. "रैना"



मुझे वहां जाने के लिये मत कह जहा से मै लौट कर नही आ सकता. "रैना"

Sunday, January 30, 2011

intjar

जिन्दगी का हर लम्हा खुबसुरत है,
जब से मन में बसी उसकी सुरत है.
हरपल तलब है उसके दीदार की,
इंतजार कब होना शुभ मुहूर्त है. "रैना"

Saturday, January 29, 2011

badla andaj

उसका बदला बदला सा अंदाज लगता है,


मेरे घर का मालिक कुछ नाराज लगता है.

पहले कुछ तो करते थे रिश्ते की शर्म,

मगर अब हर शख्स बेलिहाज लगता है.

इमानदार को तो मुफलिसी ले बैठी,

बेईमान के सिर फिर सजा ताज लगता है.

इश्क ने वक्त के मुताबिक बदले है तेवर,

हुस्न ने भी अब बदला मिजाज लगता है

गैरों को तो अच्छी लगी मेरी कामयाबी,

मगर अपनों को कुछ एतराज लगता है.

उसकी आँखों बयाँ करती महसूस होता,

उसके सीने में दफ़न कोई राज लगता है.

बेशक बदल गये है सारे वक्त के साथ,

मगर"रैना" जैसा कल था वैसा आज लगता है. राजिंदर "रैना"

gumnam

गुमनाम से सरेआम हो जाऊ,
काश  तेरा बदनाम हो जाऊ.
तेरी आगोश में सिर रखके,
सोंऊ जन्नत में तमाम हो जाऊ.
तेरा हर हुक्म मेरे सिर माथे,
शहंशाह का गुलाम हो जाऊ.
रो लूँ सागर के गले लगके,
मै इक  ढलती शाम हो जाऊ.
चाहे मै छू लूँ  शिखर  "रैना"
फिर भी बन्दा इक आम हो जाऊ. राजिंदर "रैना" 

Friday, January 28, 2011

sre rah me

चाहे मेरी सरे राह में गुजरें,
जिन्दगी तेरी पनाह में गुजरें.
तेरे इश्क का रंग चढ़े ऐसा,
हरपल तेरी चाह में गुजरें.
फ़िलहाल तो हाल बुरा है,
जीवन जैसे गुनाह में गुजरें.
गर हो जाये रहमत तेरी,
फिर तो बारगाह में गुजरें.
तेरा पाक नाम जुबान पे,
मंदिर चाहे दरगाह में गुजरें.
जिनको नही भरोसा उसपे,
"रैना"उनकी आह में गुजरें.
 राजिंदर "रैना"

Wednesday, January 26, 2011

मिटटी पे गुमां क्या करना,
वाजिव है इस में रंग भरना.
ढंग करले प्रेम प्यार बंदगी का ,
मोह माया से रिश्ता नही करना.
जो तूं काला कम्बल बन बैठा,
फिर मुशिकल इस पे रंग चढ़ना.
ये निशिचत मौत तो आनी है,
मरने से भला फिर क्यों डरना.
सेवा ही तो सच्ची भक्ति है,
दूजे के खातिर दुःख जरना.
बिना भक्ति तस्वीर खाली है,
हो रंगीन भक्ति का रंग भरना.
तूं प्यार की गंगा बहा "रैना"
जारी रख खुद से खुद लड़ना. "रैना"


मेरे अरमानों का जनाजा इस कदर निकला,
जिस कदर किसी लावारिश लाश को पुलिस के भय से,
रिक्शे पर रख कर ले जा रहा हो रिक्शेवाला."रैना"

Tuesday, January 25, 2011



बेशक अब तो खून हमारा, हो गया है पानी,
तभी तो हम सब भूल रहे है, शहीदों की कुर्बानी.

याद करो उन्हें याद करो,भूलो न उनको याद करो,

आजादी के दीवानों को,कुर्बान हुए परवानों को,

याद करो,याद करो ----------------

धुप देखी न छाव देखी,न देखे पावं के छाले,

भारत माँ को मुक्त करवाने, निकल पड़े थे मतवाले.

भूखे प्यासे आगे बढ़ते , भारी गम पर उफ़ न करते,

देश प्रेम की लगन लागी,हंस के लगा दी जान की बाजी.

याद करो उन्हें याद करो-----------------

कल सुनहरी भरी जवानी, फिर भी मन की एक न मानी,

अपना सुख दुःख भूल भुला के,माँ  की पीड़ा समझी जानी,

इच्छा अरमां कर के दफ़न, सर पर बांध लिया था कफ़न,

मचला खून सर चढ़ कर बोला,मइया रंग दे बसंती चोला.

याद करो उन्हें याद करो-------------------------

देख फंदे को मन था झुमा,हंस-हंस के फांसी को चूमा,

वीरों का उत्साह देख कर,दुश्मन का फिर सर था घुमा,

बेशक रोये बहन, माँ भाई, हिम्मत में पर कमी न आई,

शहीदों की कुर्बानी रंग लाई, अंग्रेजों ने मुहु की खाई,

१५ अगस्त का दिन आया, लाल किले पर तिरंगा फहराया,

लाल किले पर तिरंगा लहराया.शहीदों ने उदघोष किया,

भारत माता की जय---- याद करो उन्हें याद करो---------

राजिंदर "रैना"-
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