Wednesday, October 28, 2015

तेरी उल्फ़त का असर कम कम,
हो रहे हैं बेख़बर कम कम।
नैन तड़फे दीद के खातिर,
हम करे कैसे सबर कम कम।
दूर मन्जिल राह मुश्किल है,
आस तो आये नजर कम कम।
ढूंढते फिरते कहां है वो,
है जरा खुद का फ़िकर कम कम।
कर लिया अपने लिये काफ़ी,
अब करो उसका जिकर कम कम।
काश रैना बज्म में आता,
है सकूं मिलता इधर कम कम।  रैना"

कम कम =थोड़ा थोड़ा 

Sunday, August 23, 2015

 दोस्तों मेरी किताब की इक रचना पढ़े,
 अच्छी लगे तो लाइक करदे। धन्यवाद

तेरे हुस्न के जलवे, बेकरारी बढ़ा रहे है,
यूँ धीरे-धीरे हम भी, तेरे पास आ रहे है। 
तेरे इंतजार में अभी, आधी रात गुजरी,
दीये जला रहे है, कभी दीप बुझा रहे है। 
तेरे शहर के बाशिंदे, हो लीये आवारा,
यहाँ जा रहे है कभी, वहां को जा रहे है। 
खुद से बेखबर है, औरों पे नज़र रखते,
बातों की रेत से अब बस्ती बसा रहे है। 
हुआ जो तेरे दीवाने ये खता नही हमारी,
तेरे हसीन जलवे हमको बहका रहे है। 
रैना"सोच ले क्या जिंदगी का मतलब,
होते सफेद बाल तुझे सब कुछ बता रहे है। रैना"

Saturday, August 22, 2015

अरमां तोड़ चला दर्द दे ख़ास कोई,
हाये छोड़ गया अधजली लाश कोई।
दरिया अश्क बहे निरंतर बिन रुके,
बैठा दूर लगे दिलजला उदास कोई। रैना"

Monday, May 18, 2015

यूं दिल लगाने की खता नही करते,
बुत को चाहने की खता नही करते। 

Saturday, May 16, 2015

अब रिश्ता है तन धन का,
कोई मीत मिले न मन का,
इन्सानों की इस बस्ती में,
कानून चले यहां वन का। 
मसीहा को अपनी पड़ी है,
ख्याल न उसको जन का।
माया का हर कोई दीवाना,
हर कोई भूखा है तन का। 
 तेरी कृपा माँ सब कुछ पाया,
जीवन सुखद चमन महकाया,
एक और भी उपकार करना,
हमने तेरा माँ दीदार करना।
और न कोई अपनी तमन्ना,
भव पार करना माँ भव पार करना
हमने तेरा है दीदार करना।
भव पार करना ----------
वैष्णो माँ तेरा अंदाज न्यारा,
भक्त ध्यानु तुझे बहुत प्यारा,
अपने चरणों के संग जोड़ो,
रख लेना माँ ख्याल हमारा,
खत्म हो जाये भटकन सारी,
जन्मों का सुधार करना।
भव पार करना -------रैना"
सुप्रभात जी ----जय जय माँ
मेरे मन में तेरी जुस्तजू महके,
मेरी सांसों में तेरी खुशबू महके,
मुझे किसी और की चाहत नही,
मैं मर गई अब फ़क़त तू महके। रैना"
गम सहा उफ़ न की अक्ल से काम लेते लेते,
आखिरी सांसें गिन रहे हैं तेरा नाम लेते लेते। रैना"

उम्मीदों को जगा के देखा है,
ख्वाबों को सजा के देखा है। 
बहुत ही ऊंचा है आसमान,
पंखों को भी फैला के देखा है।
फसल किस्मत से होती है,
हल बहुत चला के देखा है।
घर में गम घुस ही आये हैं,
हौसला खूब बढ़ा के देखा है। 
वहां भी वीरान मरुस्थल था,
मंजिल पे भी जा के देखा है। 
सफल होना नसीब में न था, 
पसीना तो खूब बहा के देखा है। रैना"

आब की शक्ल में ढलना मुश्किल है,
पत्थर का तो पिघलना मुश्किल है,
झूठ के झाड़ फानूस रोशन हो रहे हैं,
यहां सच का दीप जलना मुश्किल है। रैना" 

हल मुश्किल सवाल नही हुआ करते,
यूं बेवजह ही कमाल नही हुआ करते,
तुम तो बैठ गये रैना"हिम्मत हार कर,
इतनी जल्दी हलाल नही हुआ करते। रैना"


 कौन कमबख्त तुझे दिल से बर्खास्त करेगा,
तुम कच्चे मुलाजिम नही जो नौकरी से निकाल देंगे। रैना"
 

Friday, May 15, 2015

हार गये हम हार गये माँ,
अपने ही हमें मार गये माँ,
तुम ही हमें सम्भालो माँ,
बचा लो हमें बचा लो माँ।
बचा लो हमें ------------
माँ कैसी हमने किस्मत पाई,
भला करते हैं माँ मिले बुराई,
बहुत कांटे चुबे निकालो माँ।
बचा लो हमें --------------
जीवन रेखा मेरी घटती जाये,
चिन्ता निरन्तर बढ़ती जाये,
आई आफत को टालो  माँ।
बचा लो हमें ---------------
सुप्रभात जी --------जय जय माँ 
दोस्तों आप के लिए खास

किसी से कर ले कैसे शिकवे गिले,
आंखों का कसूर सजा दिल को मिले।
यूं ऐसे ही न ये महकता है गुलशन,
कली का सीना फाड़ फूल है खिले।
बेदर्द दूरी निरन्तर क़हर ढा रही,
धरा कैसे आसमां के जख्म सिले।
रस अंगूरी पीने की खता क्यों करे,
रैना"जामे नाम जब पीने को मिले।रैना"

नैतिकता अपाहिज हो गई सब को प्यारी दौलत है,
तैयार हर कोई बिकने को जिसकी जितनी कीमत है।
सच का न कोई वाली वारिस झूठ के बड़े व्यापारी हैं,
बुद्दिमान ख़ाक छान रहे चोर उच्चकों की शौहरत है। रैना"


जलेगी शमा तो बहका परवाना होगा,
हसीन अदा का हर कोई दीवाना होगा,
बेशक जीते जी वो तो मर ही जायेगा,
तेरी नजरों का जो भी निशाना होगा। रैना"

Thursday, May 14, 2015

दिल के किसी कोने में बर्फ जमी होगी,
इसलिये तो सूखी आँखों में नमी होगी,
इंतजार में खूली रह गई होगी नम आंखे,
आशिक की जब चलती सांसें थमी होगी। रैना"


मैं कैसे तारीफ करू अल्फाज नही मिलते,
गुलशन में ऐसे तो कभी फूल नही खिलते,
हुस्न के जलवों ने महका दिया ये आलम,
अफ़सोस ये वो घर से बाहर नही निकलते।रैना"  

यहां झूठ बोलने मसका लगाने का रिवाज है,
लेकिन जैसे को तैसा कहना अपना अंदाज है,
अफ़सोस भाये न आये किसी को मेरी ये अदा,
 इसलिये हर कोई अपने से सख्त नाराज है । रैना"
वो चैन की नींद सोते रात भर,
दिल के दाग़ हम धोते रात भर,
रैना"ये अपना अपना नसीब है,
शहर में हादसें तो होते रात भर। रैना"
हम इस मुकाम पे पंहुच चुके है,
अब आगे के बारे में ही सोच सकते है। रैना"


बेशक  दिल पे चोट खाना बहुत मुश्किल है,
फिर चोट खा के मुस्काना बहुत मुश्किल है,
कह देना तो बड़ा ही आसान होता है दोस्तों,
ग़मगीन जिंदगी से निभाना बहुत मुश्किल है।रैना"


इस दुनिया में तो दगा ही दगा है,
उससे दिल लगाओ मजा ही मजा है। रैना"

झूठ से नाता तोड़ सच से प्यार कर ले,
क्यों भटक रहा जिन्दगी बहार कर ले,
यहां वहां इधर उधर कुछ नही मिलता,
रैना"बैठा वो अंदर उसके दीदार कर ले। रैना"

इस मतलब की दुनिया में सब को मतलब रहता है,
दस का नोट न दो तो छोटा बच्चा भी पापा न कहता है। रैना"

Wednesday, May 13, 2015

तेरे हुस्न के जलवे बेकरारी बढ़ा रहे हैं,
यूं धीरे धीरे हम भी तेरे पास आ रहे हैं,
महका हुआ चमन है बहारों पे जवानी,
दिलकश हसीं नजारें बहकाते जा रहे है। रैना"

Monday, April 13, 2015

सूरज से छलकते नूर सी लगती,
हसीन खूबसूरत नुपूर सी लगती,
कैसे तारीफ़ करू अल्फाज नही हैं,
तुन जन्नत से उतरी हूर सी लगती। रैना"

Monday, March 2, 2015

देखा नही पहले कभी,
बात निकली मुख से अभी।रैना" 


दोस्तों के नाम ग़ज़ल 

जीने की सजा दे गई,
मौत फिर दगा दे गई।
आग बुझ गई इश्क की,
याद फिर हवा दे गई। 
गम मुझे नही छू सका,
मेरी मां दुआ दे गई ।    
कब नसीब थे ये मिरे, 
बन्दगी  सिला दे गई।
खुशनसीब हम हुये,
फूल वो खिला दे गई । रैना"