Saturday, March 31, 2012

aprail ful ke din

अप्रैलफूल के दिन
 प्रवण दा ने डुगडुगी बजाई,
सामने खड़ी हो गई मंहगाई.
बोली बताओ जी प्रवण भाई,
हमारी याद क्यों है आई,
हमने तो पहले ही ऊँची छलांग लगाई,
जनता तो पहले ही बहुत घबराई.
ओहो मुझे याद आई,
अप्रैलफूल मना रहा मेरा भाई.
प्रवण दा आगे से बोले दुहाई है दुहाई,
हमने कभी अप्रैलफूल न मनाया है,
सच में हमने तेरा कद और ऊँचा बढ़ाया है.
हमने तेरे साथ दिल लगाया है,
जनता क्या जनता तो रोती है,
जनता तो किसी की न होती है.
इसलिए तू मत घबरा,
बिना सोचे समझे ऊपर चढ़ती जा.
तुझे पता है 2014 के चुनाव आने वाले है,
हमें तय करना है हम जाने वाले है....हाँ हाँ हाँ अप्रैलफूल........"रैना"

jiwan

दोस्तों मैं हर दिन किसी एक विषय पर सीरिज में व्यंग कहने जा रहा हु
देश समाज किसी भी विषय पर यदि आप व्यंग चाहते है तो जरुर बताये
आज का विषय है "जीवन"
अब जीवन चौसर का खेल है,
निसन्देह हर मेल ही बेमेल है,
हर किसी को है पैसे से मतलब,
अब तो घर भी लगे तिहाड़ जेल है.
चिंता ने खीँच दी है चेहरे पे लकीरे,
महंगाई ने निकाला बंदे का तेल है.
ख़ुशी तो अब नजदीक न फटकती,
मगर गम सस्ते लगी हुई सेल है.
चोर उच्चका हर क्लास में हो पास,
इमानदार वफादार हर जमात में फेल है.
"रैना" जीवन के बारे तू क्या करे बात,
अपना जीवन तो जैसे पैसेंजर रेल है..............................."रैना"

hamko to gam yhi hai

बेशक हमको तो गम यही  है,यही है,
तुझको हम से मुहब्बत नही है,नही है,
तुझको हम से..............................
तुम मेंरी दलील को झूठा मानते हो,
मेरी वफा को भी फरेब ही जानते हो,
कसम से मैं जो कहता वो सही है सही है.
तुझको हम से..............................
तुझको गैरों से पल भर फुरसत नही है,
फिर अपनी भी तो रोने की आदत नही है,
ये बात मैंने दुखी हो कर ही कही है,कही है..........."रैना"

Friday, March 30, 2012

mai hu bahut preshan

मैं हु बहुत परेशान,
सुन दाती दयावान,
मरुस्थल में भटक रहा है मेरा मन,
मेरी मां मैंने तो करने है तेरे दर्शन.
मेरी माँ जय जय माँ जय जय माँ माँ......
मेरी माँ मेरी माँ................................
देखा अजमा के मैंने दुनिया का सहारा माँ,
मतलब पड़ा सब ने कर लिया किनारा माँ,
मन बहुत घबराया, दर तेरे मैं आया,
अब सब कुछ हवाले तेरे तन मन धन .

मेरी माँ जय जय माँ जय जय माँ माँ......
मेरी माँ मेरी माँ................................
मेरे मन का माँ अब बोझ तू उतार दे,
पापी रैना" की माँ बिगड़ी तू सवार दे,
माँ करेगी इशारा,काम बन जाये सारा.
रहे गी न बाकी कोई भी उलझन.

मेरी माँ जय जय माँ जय जय माँ माँ......
मेरी माँ मेरी माँ................................"रैना"
सुप्रभात जी ...........जय जय माँ जय जय माँ




mere dil me tu ab bhi rha

 दिल के घर तू अब भी रहता,
तेरी नेम प्लेट टंगी है.............."रैना"

dorto likhna chahata hu desh pr aek krmwar vyang

देश में हर तरफ हा हाकार मची है,
ऐसा लगता है ????????????
किसी ने देश को तोड़ने की साजिश रची है.
नफरत का चूल्हा निरंतर जल रहा है,
राम भरोसे मेरा भारत देश चल रही है.
देशवासियों के लिए मुशिकल घड़ी है,
देश के मसीहा को सिर्फ अपनी पड़ी है.
नेता देश को लूट लूट कर खा रहे है,
जो बचता उसे स्विस बैंक पहुंचा रहे है.
घोटालों के नये नये रिकार्ड निरंतर बनते है,
बने भी क्यों न प्रधानमंत्री रिमोट से चलते है.
यहाँ का कोई भी माल न टिकाऊ है,
दीन धर्म इमान हर चीज बिकाऊ है.
भगवन से करो विनती देश की जनता दयावान,
हम सब ने मिलझुल कर कायम रखना हिंदुस्तान.
जय माँ भारती ........................................"रैना"

Tuesday, March 27, 2012

manjil dur magar

मंजिल दूर मगर फिकर नही,
मंजिल पा कर ही दम लेगे......"रैना"

kab talk chlo ge

 जो रोते दुःख पाते है,
हिम्मत से मंजिल मिलती........"रैना"
देश में नौकरी पाने वालो के आंकड़े बताते है,
पात्र जैसा भी हो मैरिट तो नेता ही बनाते है,.
इसी के दम से नेता नोट कमाते है,
पांच वर्ष में भिखारी भी मालामाल हो जाते है.
भ्रष्टाचार तो ये नेता ही फैलाते है,
क्योकि जो पैसे दे कर भर्ती होते,
वो फिर खूब रिश्वत खाते है.
बेचारे करे भी क्या, ??????????????
जो पैसे नेता को दिए है वो भी उतारने है.  ............"रैना"

dil ke tukde

दिल के टुकड़े बिखरे है,
आंसू छम छम बरसे है.
बेशक धरती प्यासी है,
बादल  भी तो तरसे है...."रैना"

aashiko ka

आशिक बिछड़े गे ये तय है,
बाद कयामत ही मिलते है........."रैना"

jiske ghar jlta nhi

काश मेरा भी नसीब वफा करे 
यार हंस हंस के प्यार अता करे......."रैना"

tahk gye pav

थक गये पांव फिर भी चले जा रहे,
राह में दर्द दुःख रास्ते पे खड़े,........."रैना"

Monday, March 26, 2012

sochne ka vishay

सोचने का विषय भी मुशिकल घड़ी है,
देश के नेता नही करते हया कोई शर्म ही."रैना"

Sunday, March 25, 2012

kushmada maa

कूषमांडा माँ तेरी जय जयकार,
तेरी जय जयकार, 
माता तेरी जय जयकार 
अपने भक्तजनों की मइया
अर्ज करो स्वीकार.
तेरी जय जयकार.............
मुद्दत से हम भटक रहे है,
राह न कोई मिलती,
इक भी पल चैन नही है,
मन की कली न खिलती,
हाथ जोड़ के करे वन्दना,
अब तो कर दो उदार,
माता तेरी जय जयकार...........
और न कुछ भी मांगे मइया,
बस इतना हमें वर दे,
हर पल तेरे ही गुण गाये.
इतनी सी किरपा कर दे,
काट दे माता लाख चौरासी,
भव से कर दो पार.
माता तेरी जय जयकार..........."रैना"
सुप्रभात जी ....जय माता दी ,जय माता दी ,जय जय माँ

har ik aankh

अब तो हर इक आँख प्यासी,
छाई चाहू और उदासी,
मत पूछो बस्ती का आलम,
कहते हर कोई बनवासी......"रैना"

safr lge hai

बदला सब ने ही सफर लगे,
दिल पे मौसम का असर लगे.
ये क्या हाल हुआ बस्ती का,
बहका सा हर इक बशर लगे...."रैना"

unki aek jhlk nsib

जब जाना ही तय है,
फिर तो कुछ कर लो,
समझे तो अच्छा
वरना पछताओ....."रैना"

beshak hmme dikhwe

बेशक अब हमारी दिखावे की प्रवृति बढ़ती जा रही है,
सास भूख से मरे बहू माता रानी  को भोग लगा रही है.
बेटा माँ बाप का हलचल पूछने कभी भी घर न जाता है,
मगर हर साल तीर्थ नहाता माँ का जगराता करवाता है.
फिर ये कहते माता रानी मनोकामना पूरी नही करती,
मनोकामना तो तभी पूरी हो पायेगी,
जब माता पिता खुश होगे फिर तो माँ खुद घर आ जाएगी...................."रैना"

Friday, March 23, 2012

buri unki halt

उनकी हालत ठीक न होती,
यारो जिनकी माँ है रोती......"रैना"

vo har hal

रोना आया  हंसते हंसते,
उजड़े हम तो बसते बसते.
उससे हमको शिकवा ये है,
गम मिलते क्यों सस्ते सस्ते.
यूँ फिर वो क्यों भटक गये है,
खूब चले थे रस्ते रस्ते.
आखिर मंजिल मिल जाती है,
राह सही पे चलते चलते.
"रैना" हम तो सूरज जैसे,
ढल जाये गे ढलते ढलते..........."रैना"

jaise hwa men bati jl

कर्ज तेरा मैं अदा कैसे करू माँ,"रैना"

Thursday, March 22, 2012

meri maa shail putri

मेरी माँ शैलपुत्री आई हो के शेर सवार,
देर न लगाओ भक्तों माँ के कर लो दीदार.
मेरी माँ शैलपुत्री.......................
पहला नवरात्रा पहला दिन साल का,
अंदाज मइया का बड़ा ही कमाल का,
आज धरती पे आई,ढेरों खुशियां है लाई,
फिराग दिल शैलपुत्री भक्तों पे करे उपकार.
मेरी माँ शैलपुत्री.......................
मइया के दीदार न होते नाचने गाने से,
माँ तो मिले गी भक्तो दिल में बैठाने से,
मन के दरवाजे खोल, तू जय जय माँ बोल,
छोड़ दे फरेब ढोंग को माँ को मन से पुकार.
मेरी माँ शैलपुत्री.......................
"रैना"की हसरत साफ कर के मन दर्पण,
इन नवरात्रों में मइया के करने है दर्शन,
करे माँ का गुणगान, बस चरणों में ध्यान,
तन मन रोम रोम से गूंजे माँ की जय जयकार.
मेरी माँ शैलपुत्री....................... .
जय माता जी .जय माता जी जय माता जी..............."रैना"

Wednesday, March 21, 2012

apne rishte hi kuchh

मेल ही बेमेल हो गए  है.
इश्क में हम फेल हो गए है.."रैना"

khud se bekhaber

खुद से बेखबर सभी रहते,
फिर भी खुद को सिकन्दर 

aansu n bche rone ke liye

आंसू न बचे रोने के लिए,
गोली खाते सोने के लिए.
उसने ही तोडा है नाता,
तड़फे उसके होने के लिए...."रैना"

jab bhi aina dekha kijiae

जब आइना देखा करो,
तुम आदमी सोचा करो.
है पूछते उससे सभी,
खुद से कभी पूछा करो....."रैना"



rane wale to rote rhte,

तन्हाई का नाग डसे है,
इक साजिश मौत रचे है,
फिर भी मौत नही आती है,
रिन्दों के तो शहर बसे है........"रैना"

Tuesday, March 20, 2012

कोई न मिले तेरे जैसा,
हर शख्स यहां मेरे जैसा.
बेशक मैं तो काली "रैना"
मेरा यार सवेरे जैसा.................."रैना"



ulft ki shma

उल्फत की शमा जलाना चाहता हूं
तारा जमीन पे चमकाना चाहता हूं.
उसकी इबादत में मसरूफ  रह कर,
अपनी हस्ती को मिटाना चाहता हु.
इस मतलबी दुनिया में दिल न लगे,
अब तो तेरे घर ही आना चाहता हूं.
"रैना" को याद करे बाद में जमाना,
मौत को मैं हसीन बनाना चाहता हु...."रैना"

aadfmi dundta

तुझसे मिले अब ये दुआ हम मांगते "रैना"



Monday, March 19, 2012

teri yado ki kbr

तेरी यादों की कब्र बनाने चले है,
बेवफा हम तुझको भुलाने चले है.
नासूर का दर्द तो सहना मुशिकल,
इसलिए तो हस्ती मिटाने चले है.
किसीने सुनी न मेरी दस्ता ए दर्द,
अब उसको ही हाल सुनाने चले है.
"रैना" लोग जीते जी भी खुश नही,
हम मरने के बाद जश्न मनाने चले है.

koi bandish n

काश मेरा दिल तेरा घर हो सनम,
बिछुड़ने का कोई न डर हो सनम,
जिन्दा जी मैं वहां से उठ ही न पाऊ,
जान से भी प्यार तेरा दर हो सनम........."रैना"

Sunday, March 18, 2012

khani jubani

मशवरा
ये मेरा,
गुलशन को आबाद करो,
ये जीवन है चार घड़ी,
मत लम्हें बरबाद करो.
आबाद करो आबाद करो.
बस जाये जो दिल के घर,
उनको तो न भुला करते,
ख्वाबों में जो आते है,
उन बिछुड़े को याद करो.
आबाद करो आबाद करो. ....."रैना"

sambhali hai

मौत आई है मुलाकात  करने को,
अपने पास फुरसत कहा मरने को
गर दो चार जिम्मेदारियां न होती,
फिर तैयार हो जाते साथ चलने को...."रैना"

Saturday, March 17, 2012

nsib hote

हादसे भी अजीब होते,
दूर हो जो करीब होते,
दर्द आंसूं जफा सुनामी,
आशिकों के नसीब होते......"रैना"

Friday, March 16, 2012

aaj fir driya bahane ki soche

आज फिर दरिया बहाने की सोचे,
वो बचे चार ख़त जलाने की सोचे.
आखिर कब तक सम्भाले उनको,
अब तो हम गंगा नहाने की सोचे.
जलती शमा ये तो उसकी मर्जी है,
परवाना खुद को मिटाने की सोचे.
बेशक बन्दगी तो होती है पर्दे में,
मगर अब हर कोई दिखाने की सोचे.
"रैना" कैसे होगी पूरी तेरी हसरत,
सिर्फ बातो से बस्ती बसाने की सोचे..."रैना"

ham bulate tum aate nhi

रिश्ता  ऐसा तोड़े कैसे,
तेरे  दर को छोड़े कैसे.
तुझसा कोई और नही है,
गम से रिश्ता जोड़े कैसे.
पेड़ अकेला बीच खड़ा है,
तूफानों को  मोड़े कैसे.
आँखों का तो सूखा पानी,
दिल से खून निचौड़े कैसे.
जीने की तो सोचे "रैना"
 टूटा शीशा जोड़े कैसे.........."रैना"

mai tujhe apna

हमने हंसने से करली तौबा,
तुम भी रोने से तौबा कर लो.
बेदर्द इस शहर के लोग यारा,
किसी का होने से तौबा कर लो.
दिन रात चले पैरों में पड़े छाले,
आसानी से मंजिल नही मिलती,
दर्द सहने की आदत डाले जनाब,
तुम तान के सोने से तौबा कर लो....."रैना"

Wednesday, March 14, 2012

bewajh yu aansu

बेवजह यूं आंसू बहाना छोड़ दे,
हंसते रहे दिल को जलाना छोड़ दे.
मन साफ तो दीदार होते यार के,
चाहे तिलक भी हम लगाना छोड़ दे.
करदे खता कोई कबूल करे सही,
यूं ही बहाने तो बनाना छोड़ दे.
सपना वही जो मुकम्मल भी हो सके,
बेवजह यूं सपने सजाना छोड़ दे.........."रैना"

Saturday, March 10, 2012

najron ki

नजरों की चोटों से बचना,
फूलों  से कुछ दूरी रखना.
हंसना आफत भी बन जाता,
'रैना" सोच समझ के हंसना............"रैना"

tum wade sare

गंगा माँ है,
इस बाबत तो,
घर का कचरा,
डाले उसमें......"रैना"

jab yari


जब यारी लगती साकी से,
तब मतलब न रहे बाकी से,
साकी पैमाने भरता है,
फिर रिन्द बराबर पीता है................."रैना"
ये घर कब मेरा है,
उसके  घर डेरा है.
अपना कैसे कह दू,
सब कुछ ही तेरा है
मन को शांति न मिले,.
माया ने घेरा है.
"रैना" पछतायेगा,
वो लम्बा फेरा है...................."रैना"

Friday, March 9, 2012

ye ghar kab mera

ये घर कब मेरा है,
तेरे घर  डेरा है.
अपना कैसे कह दू,
सब कुछ ही तेरा है
मन को शांति न मिले,.
माया ने घेरा है.
तू फिर पछतायेगा,
वो लम्बा फेरा है,

कुछ साथ नही जाने वाला,
मकसद है जीवन महकाना.
फिर भी क्यों न समझते हम है.
जो अच्छा करके जायेगे,
फिर लाजिम वापिस आयेगे. 
वरना अँधेरे में भटके................"रैना"

main kab aaya hu yha

कुछ साथ नही जाने वाला,
मकसद है जीवन महकाना.
फिर भी क्यों न समझते हम है. " रैना"

tujh ko pane ko

झूठे अब ये सारे रिश्ते,
कोड़ी कोड़ी में है बिकते.
मतलब अब रिश्तो पे भारी,
बिन मतलब ये कब है टिकते.
उजले उजले हंसते मुखड़े,
दिल के काले दाग न दिखते.
दो पाटों में इन्सान फसा,
पिस जाता है पिसते पिसते.
उसकी हमने न कभी मानी,
अब घूम रहे छिपते छिपते.
"रैना" इक दिन तो जाना है,
मिट जायेगे मिटते मिटते. "रैना"

Thursday, March 8, 2012

diwas

jai mata ki
दिवस मनाने से काम न चलता,
शोर मचाने से काम न चलता.
नारी जगा अपनी शक्ति,
पहचान तू अपनी हस्ती.
तू  जगत का आधार है,
तुझ पे निर्भर संसार है.
तू आदि शक्ति का अंश है,
तुझ से ही चलता वंश है.
क्यों कर रही अपना नास है,
कोई मजबूरी न खास है.
यमराज से टकरा सकती हो,
जीते जी जल के दिखा सकती हो.
फिर अब क्यों हो घबराई हुई,
मान्निद कली के मुरझाई हुई.
तू पैसे के पीछे न ऐसे दौड़ लगा,
भारतीय संस्कृति का मान बढ़ा.
कुदरत की अदभुत कृति नारी,
'रैना" तेरा सदैव रहेगा आभारी.
सुप्रभात जी .............good morning

Wednesday, March 7, 2012

rajnitik partiyon ki holi

विधान सभा चुनावों के नतीजों के उपरांत
नेताओ के होली के बारे में विचार
बुरा न मानो होली है.
राहुल गाँधी- कैसी होली किसकी होली,
जनता ने मारी सीने पे गोली,
सारी की सारी मुलायम की हो ली.
हमारी इज्जत कूड़े के भाव में तोली.
सोनिया गाँधी - महंगाई ने खेल है खेला,
कांग्रेस को पीछे है धकेला,
महंगाई चाहे और बढ़ाएगे,
मगर हम मनमोहन को नही हटायेगे,
क्योकि हमारे सामने पूंछ हिलाते बोलते नही है,
ऐसे प्रधानमंत्री तो विदेशों में भी  मिलते नही है.
भाजपा- होली का रंग जरुर लगायेगे,
मगर जश्न 2014  में मनायेगे.
उनसे पूछो अटल जी तो नही आयेगे,
प्रधानमंत्री किसको बनायेगे.
बारी लाल कृष्ण अडवानी की आएगी,
मगर डंडा लेकर उमा भारती खड़ी हो जाएगी.
लल्लू भी अब बड़ा घबराया है,
मसका सोनिया को बहुत लगाया है,
मगर चारा घोटाला फिर सामने आया.
लल्लू जी सर पे इल्जाम तो लेना पड़ेगा,
चारा खाया है तो हिसाब देना ही पड़ेगा.
वैसे हम अन्ना को सलाम करते है,
जिन्होंने वास्तव में खेली होली है,
भ्रष्ट नेताओ की पोल खोली है.
निसंदेह वो दिन जरुर आएगा,
जब भारत देश भ्रष्टचार मुक्त हो जाएगा."रैना"  

kya hai holi

क्या है होली बिन हमझोली,
राधा  बोली सूनी खोली.
कम कर दो अब लम्बी दूरी,
आ जाओ अब होली होली.
किससे  कैसे खेलू होली,
काना मैं तो तेरी हो ली.

सोना चांदी साबित हल्के,
पलड़े में जब उल्फत तोली.

रंग प्रीत मिला लो इसमें,
तब बन जाये गी रंगोली.
"रैना"मिट जाये ये नफरत,
खेलो अब की ऐसी होली........... "रैना"







aa gai hai holi

इक विरहन की पीड़ा
गीत
किसको रंग लगाऊ,
किसके संग नाचू गाऊ,
जीया जल जल जाये,
आ गई है होली,
साजन तुम न आये.
हाय साजन तुम.........
मुरझाये हुए इस मुखड़े पे,
भला कैसे मैं रोनक लाऊ
दिल के घर में आग लगी,
मैं कैसे गीत ख़ुशी के गाऊ,
होली रंगों का त्यौहार है,
मुझे तो कोई रंग न भाये.

साजन तुम न आये.
हाय साजन तुम................
ऐसे ही गुजरी ईद मिलन की,
ऐसे ही गुजर गई है  दीवाली,
सारा शहर तो हो गया रोशन,
पर अपनी रात तो गुप काली,
ढलती जाये है मोरी जवानी,
अब कोन तुझे ये  समझाये.

साजन तुम न आये.
हाय साजन तुम........."रैना"




Monday, March 5, 2012

gam dena teri

गम   देना   तेरी   आदत  है,
खुश रहना मेरी  फितरत है.
कैसे   न  करे     तेरी पूजा,
हमको तुझसे मोहब्बत है.
अब इस बस्ती में डर लगता,
हर दिल में रहती नफरत है
कोई भी काम नही करता,.
फिर भी न किसी को फुरसत है.
"रैना" गम से  कर समझौता,
जो मिलता समझो किस्मत है......................."रैना"




Sunday, March 4, 2012


होलिका को जलाने का प्रबंध कर रहे लोग,
क्या मन में बैठी होलिका को भी जलायेगे."रैना"

chlne se phle

चलने से पहले सारी बात समझाई थी,
अच्छी बुरी समझा कसमें खिलाई थी,
मगर कसमें न मैंने निभाई,
ओ यारा मुझे माफ़ करदे,
फिराग दिल तू मैं हरजाई
पागल हो गया  मैं सौदाई,
ओ यारा मुझे.....................
कहा तूने कभी स्वाद न चखना,
मोह माया क्रोध से दुरी रखना,
भूला इनसे ही प्रीत है लगाई,
मुझे याद न कभी तेरी आई.
ओ यारा मुझे.....................
जल के स्वाह हुआ सब राख है,
तब जा के खुली मेरी आँख है,
अब याद मुझे तेरी आई,
मेरी जान बहुत घबराई,
ओ यारा मुझे....................."raina"
सुप्रभात जी ...............good morning



Saturday, March 3, 2012

na samjha tbibo

तबीबो को समझ न आई बीमारी,,
दर्द दिल में दवा पेट दर्द की देता है."रैना" 

kahte hai kathh ki hadi

कुछ समय पहले दोहराते थे मेरे यार,
काठ की हांडी तो नही चढ़ती बार बार,
मगर अब मुहावरा ही बदला सरकार,
काठ की हांडी ही चढ़ रही है बार बार,
भ्रष्टाचार की दीमक ने देश चट किया,
सारा सिस्टम ही पोलियो ग्रस्त बीमार.
भारत देश में दो जातियों का विस्तार,
नेता और गुरु उगे है जैसे खर पतवार.
 मसीहा की हालत देख हुए निठल्ले,
सब को बिना काम माया की दरकार.
चाहे चारों तरफ मचा हुआ कोहराम,
चांदी कूट रहे है  देखो धर्म के ठेकेदार,
अपने बोस को खुश करने के लिए नेता,
चमचागिरी के नित नये करते अविष्कार.
"रैना"देश को काले अंग्रेजों से बचाने के लिए,
आजादी की लड़ाई लडनी पड़े फिर इक बार......................."रैना"



अब दिल का रिश्ता पैसे से,
पैसे बिन प्यार नही सम्भव...."रैना"

इश्क दिमाग नही दिल करता,
 बुद्दिमान तभी इश्क न करते.. ."रैना"

dil ka rista

अब दिल का रिश्ता पैसे से,
काम दिमाग करे नाही है ..............
इश्क दिमाग नही दिल करता."रैना"

Friday, March 2, 2012

aatishe ishak me

आतिशे इश्क में सुर्ख रु हो जाऊ,
मैं न रह पाऊ सिर्फ तू हो जाऊ.
फिर तुम हो जाओ जुस्तजू मेरी,
काश मैं भी तेरी आरजू हो जाऊ."रैना"

itna kyo tdfate ho

तू इतना क्यों तड़फाता है,
पास रहे नजर न आता है.
मैं तुझको कैसे गैर कहू,
तू मेरी साँस चलाता है........"रैना"

shanti ki tlash me

शांति की तलाश में भटकता प्राणी,
निरंतर आशांति की और बढ़ रहा है,
कहां है शांति किधर है शांति,
उधर न इधर है शांति.
शांति दिल्ली न जलांधर है,
शांति मन के अन्दर है,
मन तो अमृत कुंड समंदर है.
जो इस समंदर में गोता लगता है,
उसको तो मोती मिल जाता है.
नही तो हम ताउम्र सीपियाँ इकठ्ठी करते रह जाते है,
रोते रोते आये,रोते रहे और रोते रोते ही जाते है.
आओ मोती तलाश करे........................................................"रैना"

tere ghar ka pta

तेरे घर का पता,
तू खुद आ के बता.
भटके राह दिखाने वाले,
साध बने भटकाने वाले.
भटके राह दिखाने........
बाबा के अन्दाज निराले,
उजले कपड़े दिल के काले.
अपना राग बजाने वाले.
भटके राह दिखाने..........
नाम धर्म का ले छल लेते,
बिन सोचे समझे चल देते,
है अनजान जमाने वाले.
भटके राह दिखाने............
"रैना" मैंने ये जाना है,
 मकसद तो  पैसा पाना है,
 सब है पेटू खाने वाले.
भटके राह दिखाने...................."रैना"