देश में नौकरी पाने वालो के आंकड़े बताते है,
पात्र जैसा भी हो मैरिट तो नेता ही बनाते है,.
इसी के दम से नेता नोट कमाते है,
पांच वर्ष में भिखारी भी मालामाल हो जाते है.
भ्रष्टाचार तो ये नेता ही फैलाते है,
क्योकि जो पैसे दे कर भर्ती होते,
वो फिर खूब रिश्वत खाते है.
बेचारे करे भी क्या, ??????????????
जो पैसे नेता को दिए है वो भी उतारने है. ............"रैना"
पात्र जैसा भी हो मैरिट तो नेता ही बनाते है,.
इसी के दम से नेता नोट कमाते है,
पांच वर्ष में भिखारी भी मालामाल हो जाते है.
भ्रष्टाचार तो ये नेता ही फैलाते है,
क्योकि जो पैसे दे कर भर्ती होते,
वो फिर खूब रिश्वत खाते है.
बेचारे करे भी क्या, ??????????????
जो पैसे नेता को दिए है वो भी उतारने है. ............"रैना"
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