Saturday, July 2, 2016


वैष्णो माँ की जय जय कार
मेरी माँ तू और इम्तहान न ले,
दम सा निकले मेरी जान न ले।
मेरे सिर पे अपना हाथ धर दे,
तेरा बच्चा हूं मुझे खुश कर दे।
मेरी गुजारिश तुझे स्वीकार नहीं,
अपने दीवाने से तुझे प्यार नहीं।
जला के राख कर दे बस्ती मेरी,
मिटा दे अब माँ तू हस्ती मेरी।
बड़ी मुश्किल में जीया नहीं जाता,
जहरे जिंदगी अब पीया नहीं जाता।
दुश्मन बन गया सारा जमाना है,
माँ मेरी तेरे चरणों में आना है।
थोड़ी सी उल्फ़त की हवा दे दे,
तेरे घर का रैना"को पता दे दे। रैना"
सुप्रभात जी ------जय जय माँ


Friday, July 1, 2016

इश्क़ में ये  कैसे मुकाम आये हैं,
घर मेरे देखो गम तमाम आये हैं। 
वक़्त गुजरा कब का भुला दिया हमने,
याद फिर क्यों अब नमक हराम आये हैं। 
बेवफ़ा हम से अब सबूत मांगे है,
खत पुराने ही आज काम आये हैं।
दौर