आप के लिए खास
बुझ जा शमा या जला दे मुझको,
कुछ तो वफा का सिला दे मुझको.
छूना मय को तौबा मेरी तौबा,
सिर्फ आँखों से पीला दे मुझको.
भटक रहा हूँ अपनी राहों से,
मेरी मंजिल का पत्ता दे मुझको.
बैठा ले मुझे अपनी पलकों पर
चाहे पैरों में गिरा दे मुझको.
बात कही मैंने अपने दिल की,
तेरे दिल में क्या बता दे मुझको.
अब कटती नही है तन्हा रातें,
हमजुबां कोई मिला दे मुझको.
"रैना" ताज्जुब है तेरी हिम्मत पर,
राज क्या है तूं बता दे मुझको.
राजिंदर "रैना'
Monday, June 28, 2010
Sunday, June 27, 2010
किस्मत पर तो कर्म है भारी,
रोने से मसले होते न हल,
कोशिश अक्सर होती सफल.
किस्मत पर तो कर्म है भारी,
अन्धविश्वास से बाहर निकल.
चढ़ती जवानी गुमां न कीजे,
शाम के मान्निद जाये गी ढल.
कहने को जिन्दगी सौ वर्ष की,
सही मयानों में पल दो पल.
जो भी होना आज ही होगा,
कुछ भी होना नही है कल.
चार दिनों का खेल है सारा,
गम की आग में यूँ न जल.
"रैना" जिन्दगी हसीं बना ले,
चलते है घर यार के चल.
राजिंदर "रैना"
कोशिश अक्सर होती सफल.
किस्मत पर तो कर्म है भारी,
अन्धविश्वास से बाहर निकल.
चढ़ती जवानी गुमां न कीजे,
शाम के मान्निद जाये गी ढल.
कहने को जिन्दगी सौ वर्ष की,
सही मयानों में पल दो पल.
जो भी होना आज ही होगा,
कुछ भी होना नही है कल.
चार दिनों का खेल है सारा,
गम की आग में यूँ न जल.
"रैना" जिन्दगी हसीं बना ले,
चलते है घर यार के चल.
राजिंदर "रैना"
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