Saturday, March 30, 2013

tera karm mujhe

तेरा कर्म मुझे याद नही अपना फर्ज भूलता जा रहा हूं,
खुदगर्ज हो गया मैं सिर पे चढ़ा कर्ज भूलता जा रहा हूं।
बेशक जिन्दगी इक गीत है बेहतर ढंग से गा तो अच्छा,
हालात बने कुछ ऐसे मैं गीत की तर्ज भूलता जा रहा हूं।"रैना" 

Thursday, March 28, 2013

vo har pal

हर पल वो दिल में रहते,
फिर भी पूछे कैसे हो।"रैना"

खुल के जीने की सोची ????
मगर हम
पुराने इंजन ऐसे खुले फिर जुड़ न पाये।"रैना"

mai shayar

मेरी इक व्यंग्य कविता का मुखड़ा
जो कवि सम्मेलन में बोलता हूं

मैं शायर न शायर का भतीजा हूं,
मैं तो इक मजबूरी का नतीजा हूं।रैना"

Tuesday, March 26, 2013

इसको हँसा के मारा,उसको रुला के मारा,

ura n mano holi hai

बुरा न मानो होली है,

खेल खेल में, मुन्ना भाई जेल में,
जोर तो बहुत लगाया,
फिर भी लालू गरीब रथ रेल में,
मोदी बोला,
तब मौनी ने मुहु खोला,
अब तो मोनी तोप,
छोड़ रही है गोला।
मलिका शेरावत माडर्न नही,
आदिवासी नार है,
तभी सारे कपड़े,
उतारने को बेकरार है।
मायावती बिलकुल,
न अड़ी है,
सी बी आई से बहुत डरी है।
मुलायम ने,
इसलिए शोर मचाया है,
क्योकि उसने सीबीआई को ,
तीसरे मोर्चे का डर दिखाया है।
रामदेव ने तो आसन बहुत दिखाये है,
मगर नेता सारे अन्ना से घबराये है।
कांगेस भाजपा का कहना,
तीसरा मोर्चा जलवा न दिखा पायेगा,
मगर तुम्हे पसीना तो आये गा।
सोनिया हमने मनरेगा चला कर,
गरीबों को खुश किया हैं,
हां जी कर्मचारियों,अधिकारीयों का,
घर भर दिया है।"रैना"




rang na lgao mohe n tadfao

जय जय

काना मैं न खेलू होली,
प्यार का रंग चढ़ा मुझे पे,
मैं तो तेरी हो ली,
काना मैं न खेलू होली।
इन रंगों से क्या मुझे लेना,
जो उतर जाये पल भर में,
श्याम सुन्दर मोरा साजन,
बस गया मन के घर में,
मैं तो अपने पिया के संग,
खेलू आँख मिचौली,
काना मैं न खेलू होली।"रैना"

Monday, March 25, 2013

holi holi

दोस्तों आप के लिए होली कविता,
होली की बधाई के साथ

रंगों का त्यौहार होली,
बरसाये है प्यार होली।
महक उठे वन उपवन,
मस्त बसंत बहार होली।
क्यों इतनी करता देरी,
देख मैं तो तैयार होली।
मुझ पे तेरा रंग चढ़ा है,
मैं तेरी तलबगार होली।
भगवन ऐसे ख़ुशी देना,
खूब खेले नर नार होली।"रैना"

 दूर है वो,
गुजरते फिर भी,
दिल के करीब से।"रैना"

Saturday, March 23, 2013

 देश पे मिटने वालों की नही,देश को मिटाने वालों की पूजा होती हैं,
 तभी तो भारत माता अब अपने बुरे हाल पे ,फूट फूट कर रोती है।"रैना"

 
शहीदों की चिताओं पर????
 नेता सेकते ,?????
राजनीतिक रोटियां "रैना"

दोस्तों आप के दिल की बात मेरी ग़ज़ल

टूट कर दिल बिखरता क्यों नही,
दम मिरा अब निकलता क्यों नही।
दूसरे में ढूंढता है कमी,
हाल अपना देखता क्यों नही।
झूठ सारे बोलने में लगे,
झूठ शीशा बोलता क्यों नही।
हमनवा कुछ तो बता क्या पता,
राज अपने खोलता क्यों नही।
बेवफा को तो बावफा मिले,
दुष्ट का कुछ बिगड़ता क्यों नही।
जान कर अनजान ही बन गया,
आदमी अब संभलता क्यों नही।
वक्त बदला देख सब चल दिये ,
हाथ "रैना"पकड़ता क्यों नही।"रैना"

Friday, March 22, 2013

हम लिखते नही हैं,
करते हैं इबादत,
इबादत में न गुस्ताखी।"रैना"
क्यों सूखा जोहड़ का पानी,
वजह किसी ने नही जानी,
सब घुमाते पानी में मधानी,
पानी की न सुनते कहानी।
पानी के दम से जिंदगानी,
फिर भी हम करते नादानी।
दोस्तों जब न होगा पानी,
फिर कैसे बचे गा ये प्राणी।
अब पानी को बचाना होगा,
खुद को समझना समझाना होगा,
वरना नैना बादल से बरसे गे,
हम पानी की बूंद बूंद को तरसे गे।"रैना"


वो हसीं ख्वाब टूटा सजाये रखा,
याद को ही गले से लगाये रखा।
चेहरे पे सजा कर हंसी ओ चमक,
दर्द दिल का तड़फ को छुपाये रखा।
इस जहाँ ने कसर तो नही छोड़ी हैं,
"रैन" हम को खुदा ने बचाये रखा।"रैना"

sher_ lkha gam bhave devi sajna, par kde vichhoda na pavi,
          rog ishak da bda hi chandra,ae rog na kise nu lavi,
       
         githh do githh gaz do gaz na teri hjaar koha di duri,
         haye kde te aa ke tu vekh lai sjna ki sadi majburi.

      tetho vichhad ke soneya yara,ke fut fut ron akhiyan,
      nind sukha wali soda pid sara, ke meriya na son akhiyan.
      ke fut fut ron akhiyan.................................
      baithh ke bnere jdo bolda ae kaa ve,
      mainu ij lge o ta laida tera naa ve,
      gam de gye vo sanu dada bhara,
      tip tp chaun akhiyan,.................
      ke fut fut ron akhiyan,................."raina"

Thursday, March 21, 2013

गौरे अंग्रेजों को भगाया था,
अब कालो को भगाये गे,
भारत माँ के हम दीवाने,
अब माँ की लाज बचाये गे,
बेशक ये गर्दिश के दिन,
ज्यादा दिन नही रह पाये गे,
रावणों का राज हैं तो क्या,
हम राम राज्य भी लाये गे।"रैना"
 



दोस्तों देखिये ग़ज़ल का मिजाज

जी रहे डरते डरते,
थक गये मरते मरते।
बात किस्मत की है,
हम गिरे चढ़ते चढ़ते।
खत्म अक्सर होता है,
आदमी लड़ते लड़ते।
है तमन्ना मरने की,
काम कुछ करते करते।
झड़ गये इक दिन सारे,
बाल ये झड़ते झड़ते।
जिन्दगी इक पुस्तक है,
याद हो पढ़ते पढ़ते।
डूब जाते सागर में,
हम कभी बढ़ते बढ़ते।
वक्त लग जाता "रैना"
जख्म को भरते भरते।"रैना"




 मतदान आने वाला है,
देशवासियों तैयारियां शुरू कर दो,

जोर की मारो वोट की चोट,
गद्दार का ढीला करो लगौट,
छोड़ो पार्टी दलों का चक्कर,
वफादार को तुम करो प्रमोट,
गर इमानदार बने गा नेता,
तुम से फिर न मांगे नोट।
 तुम वोट की कीमत जानो,
मन में न कोई रखो खोट।
जिसने देश से किया धोखा,
अब उतार दो उसका कोट।
दारु पैसे को हाथ न लगाना,
रैना"देश भक्त की करो स्पोट। "रैना"

maine to puchha

कांटे भी बसते क्या दिल में।"रैना"

Wednesday, March 20, 2013

dil me jb barf jmi

हल्की फुलकी ग़ज़ल पेश है दोस्तों

बर्फ दिल में जब जमी होती,
तभी आँखों में नमी होती।
धुँआ उठता जब आग जलती,
हवा चलती कब थमी होती।
फकत मिलते हाथ हाथों से,
दिलों में दूरी बनी होती।
हसीं मौसम देख मत इतरा,
ख़ुशी गम की भी सगी होती।
खता होती है हमारी भी,
सिर्फ उसकी कब कमी होती।"रैना"

Tuesday, March 19, 2013

सूफी गीत यार की शान में

दूर तुझसे मैं नही,
दूर मुझसे तू नही,
साथ साथ जब रहते है,
फिर दूरी की क्यों बात करे,
वक्त भी है फुरसत भी,
मुलाकात करे आ मुलाकात करे।
बात करे आ बात करे ...............
पर्दानशी ओ जादूगर,
मुझ पे चढ़ा दे रंग अपना,
बीच की दूरी कम कर दे,
खूब चला ले ढंग अपना,
तू मिले तेरे गले से लग के,
आँखों से बरसात करे,
बात करे आ बात करे ..............."रैना"

socha nhi samjha

देखते हैं दोस्तों ये कविता
आप के दिल के करीब से गुजरी के नही,

सोचा नही समझा सीखा मर मर के जीना,
साहिल पे आया न मझदार अटका सफीना।
यूं कहने को ही लोग अब जी रहे जिन्दगी,
सही मायनों में जीने का आया नही करीना।
नशे ने बरबाद कर दिया इश्क का जीवन,
फैशन में डूबी अब सादगी भूल गई हसीना।
बेशक हम सब चैन की नींद मजे में सो रहे,
सीमा पर मुस्तैद खड़े जवान तान के सीना।
फ़िलहाल खो चुके है वो पहचान भी अपनी,
खूब सजा करते थे जो कभी बाजार मीना।

 भूल कर भी मयखाने में पैर तू मत रखना,
"रैना"तू निसंकोच जी भर जामे वतन पीना। "रैना"


jana kidhar

जाना किधर जाता किधर है,
मंजिल किधर रस्ता किधर है,
जलवा तिरा भी कम नही है,
रहता कहां दिखता किधर है।"रैना"
good evening ji.........jai jai maa

Monday, March 18, 2013

कलम से इस कद्र उल्फत हुई यारों,
कलम अब बन गई है जिन्दगी मेरी।"रैना"
klam se is kadr ulfat hui yaro,
klam ab ban gai hai jindgi meri."raina"

अफ़सोस हमको बस यही गम है,
हम चाहते जिसको नही मिलता,
आबाद गुलशन में खिजा आई,
वो फूल अरमां का नही खिलता।"रैना"
 याद तेरी जब मुझे आई,
कांच की किरचें लगी दिल में,
आह निकली रुह तब डोली,
खून आँखों से तभी टपका।"रैना"
yad teri jb mujhe aai,
kanch ki kirche lgi dil me,
aah nikli ruh tb doli, 
khoon aankho se tbhi tpka"raina"

brbadi ko raste


अफ़सोस मुझको बस यही गम है,
मैं चाहता जिसको नही मिलता,
आबाद गुलशन में खिजा आई,
वो फूल अरमां का नही खिलता।"रैना"

कडुवे रिश्तों में आने लगी मिठास है, 
दूर थे जो कभी वो आज पासपास है।
तब अक्सर याद आता ठन्डा झरना,
मुरुस्थल में जब भी लगती प्यास है।
दूर वो तो ज्यादा दिन रह नही सकता,
जो भी अपना प्यारा होता कुछ खास है।
तुम क्या जानो कैसे गुजारे दिन हमने,
तेरे बगैर जिन्दगी हमें आई न रास है।
तेरा लौटना जैसे जिस्म में जान लौटी,
अब कभी जुदा न होगे मुझे विश्वास है।
गुलशन में लौट आई अब मस्त बहारें,
फिर भी "रैना"तू क्यों बैठा उदास है।"रैना" 




is basti me bhediye

  इक और व्यंग्य कविता पसंद आई के नही बताना जी

  इस बस्ती में भेडियें रहते उनको बाहर निकाले कौन,
   सब के घर अब शीशे के है पत्थर क्यों उछाले कौन।
   इकलौते बेटे नें माँ बाप को ही घर से निकाल दिया,
   वृद्धआश्रम में भी गद्दारी है बुजुर्गों को सम्भाले कौन।
   नामी गुंडे इश्तयारी मुजरिम देखो जेल मंत्री बन बैठे,
   चोरों का जब राज हो गया देखे गा अब तालें कौन।
   महंगाई पे निरन्तर चढ़े जवानी ऊंचा उंचा कूद रही,
   सारथी जब अनजान हुआ घोड़ी को सम्भाले कौन।
   नेता ही अब गलत नही जनता भी गल्ती करती है,
  जब पैसे लेकर वोट दोगे,फिर देगा तुम्हे उजाले कौन।
  सुरक्षित नही अब बेटी दहेज की बली चढ़ाई जाती,
  रक्षक ही जब भक्षक है फिर बेटी को बचा ले कौन।
  "रैना" दिल को परेशान न कर खुद को हैरान न कर,
  उसकी मर्जी से सब होता अपनी मर्जी से खा ले कौन।"रैना"

  

Sunday, March 17, 2013


रात भर नींद आती नही,
क्या सबब हो गया माँ बता।
तू मुझे गोद में अब सुला।
दर्द क्या है मुझे ये पता,
दिल लगा के करी है खता।"रैना"
रात भर नींद आती नही,
क्या सबब हो गया माँ बता।
तू मुझे गोद में अब सुला,"रैना"

क्या हो रहा है मुझे,
रहना नही चाहता,
 इस मकान में।"रैना"

kyo ghghta uthha ke

घुंघटा उठा तूने लगा दी आग महफ़िल में,
तेरा जिकर होने लगा चरचा नही उसकी।"रैना"


kavita oyang


व्यंग्य कविता मेरी प्यारी

सच बिकना मुश्किल यारों झूठ के खरीददार बहुत,
इसलिए तो फलफूल रहा है झूठ का व्यापार बहुत।
सच बोलने वालों को तो झट सूली पे लटका देती,
झूठ बोलने वालों का साथ देती अब सरकार बहुत।
सब में चटपटी ख़बरें है मतलब की कोई बात नही,
वैसे तो इस शहर में यारों छपते हैं अख़बार बहुत।
भारत देश के नेता तो गिरगट को भी मात दे देते,
माहिर बड़े परिपक्क हो गए बदलते किरदार बहुत।
मालिक की मर्जी से ही बचता है किसी का जीवन,
चाहे स्पेस्लिस्ट भी डाक्टर करते हैं उपचार बहुत।
नेता की मेहरबानी से अयोग्य को नौकरी मिलती,
यूं पढ़े लिखे डिग्रीधारी घूम रहे है बेरोजगार बहुत।
गद्दारों की गिनती में बेशक इजाफा तो हो गया है,
फिर भी"रैना"जैसे भारत माँ से करते प्यार बहुत।"रैना"
दोस्तों मेरी किताब की मेरी प्यारी ग़ज़ल,
आप को कैसी लगी sunday spacial

क्यों खफा हो कुछ बताओ तो सही,
हाल दिल का तुम सुनाओ तो सही।
हम फ़िदा तेरी अदा पे बावफा,
तेरा जलवा अब दिखाओ तो सही।
गर न समझे तो दुखी हो जिन्दगी,
नीर जीवन है बचाओ तो सही।
वो सितारा टूट कर क्यों है गिरा,
राज गहरा ये बताओ तो सही।
सांस लेना चाहते हो गर भली,
पेड़ धरती पे लगाओ तो सही।
वक्त की रफ्तार होगी कम नही,
सो रहे मन को जगाओ तो सही।
कल हसीं महके बगीया ये चमन,
आज उसके पास जाओ तो सही।
देख कर यूं हाल दिल बीमार का,
रो न "रैना" मुस्कराओ तो सही।"रैना"


Saturday, March 16, 2013

दोस्तों इक और ग़ज़ल 

मेरे लिये फरियाद मत कर,
तू भूल जा अब याद मत कर।
क्यों छेड़ता है राग गम का,

यूं जिन्दगी बेस्वाद मत कर।
मुश्किल वहां से लौट आना,
अपना समय बरबाद मत कर। 
गम के सिवा हासिल न कुछ भी,
बुत पे कभी दिलशाद मत कर।
बेदरद दुनिया तोड़ बन्धन,
"रैना" चमन आबाद मत कर।"रैना"

mere liye

मेरे लिये फरियाद मत कर,
तू भूल जा अब याद मत कर।
क्यों छेड़ता तू राग गम का,
अपना समय बरबाद मत कर।"रैना"

tanha rhne ki


दोस्तों के लिए ग़ज़ल पेश है,

तन्हाई है किस्मत मेरी।
जोगी जैसी हालत मेरी।
गम से उल्फत याराना है,
तन्हा रहना आदत मेरी।
शब्  होने में देरी कब है,
आने वाली शामत मेरी।
मंजिल से दूरी बाकी है,
दम तोड़े अब हिम्मत मेरी,
जिस के खातिर रैना"रोता,
झट है बदली मुहबत मेरी।"रैना"

punjabi sufi song

mahrma rus ke tur chaleya na dil di dass reha sjna,
bhave sanu rona na aaya,tu khid khid hass reha sjna.
bhave sanu rona ........................................
kite ja dur baithha hai, sadi awaj vi nhio sunda,
sadiya raha vich kande ne,tu aake kyo nhi chunda,
hal tu mera jana da hai tu dil vich vass reha sajna!
bhave sanu rona .........09416076914.."raina"

सरे शब हम बहुत रोये,
घड़ी इक भी नही सोये।

बड़ी मुश्किल परेशानी,

परेशानी बढ़ी ऐसी,

नेताओं ने हमें देखो कायर बना डाला,
वोटों के खातिर सम्मान मिटा डाला।
आंतकियों से डंडें ले अब लड़ेगे फौजी,
गद्दारों ने चमड़े का सिक्का चला डाला।
खतावार है वो मसीहा मतलबी जिसने,
गुलशन ए भारत कश्मीर जला डाला।
उठो जवानों वक्त की पुकार सुनो जागों,
क्यों यूं बलिदान शहीदों का भुला डाला।"रैना"


इटली वाले तो अपनी ही चलायेगे,
गल्ती करे गे आँखे भी दिखायेगे,
बेशक भारत में उनकी चलती है,
फिर क्यों न वो अपनी चलायेगे।
कानून ऐसे बने जानती दुनिया सारी,
अब लडके वालों पे लडकी वाले भारी।"रैना"

Friday, March 15, 2013

pujabi sufi song

kanu ruseya ve sjna ae dass de,
hal mere te loki tadi mar hass de,
tu tur geyo ve mukh sat to mod ke,
nag judaiya wale mud mud dass de.
raina"aakhe rab ou bewfa hon na,
jehde sajan pyare di vich vass de."raina"

netao ne

नेताओं ने बड़ा दिल दिखाया है,
महिलाओं की सुरक्षा के लिए????
सख्त कानून बनाया है,
वैसे इसको साबुत हरगिज न छोड़े गे,
नेता सबसे पहले इस कानून को तोड़े गे।
पुलिस वाले नेता को हाथ न लगाये गे,
नेता के बदले किसी निर्दोष को फसाये गे।
आप पूछे गे नेता के पास कोन सा मन्त्र है,
दोस्तों देश में लोकतन्त्र नही नेता तन्त्र है।
आम आदमी बेवजह जोर लगा के रोता है,
जो नेता भाई जी चाहे वो ही अब होता है।
इसलिए अपनी वोट की कीमत जानो,
छोडो पार्टियों के चक्कर बहकावे में न आओं,
देश भक्त जनसेवक को देश का नेता बनाओ।
भारत मत की जय ..............जय माँ भारती। "रैना"

husn ki fitret

दोस्तों की महफ़िल में अपनी
किताब की प्यारी ग़ज़ल

हुस्न की फितरत खता करना,
इश्क की आदत दुआ करना।
जख्म दिल पे हैं लगे गहरे,
सुन तबीबो अब दवा करना।
फरज अपना हम निभाये है,
फरज तेरा तू अदा करना।
मेरि हसरत अब यही बाकी,
तेरे घर का बस पता करना।
टूटता दिल तब बने शायर,
अरज मेरी तू  दगा करना।
बात "रैना" की खरी होती,
बेवजह तू मत गिला करना।"रैना"



Thursday, March 14, 2013

हम भी गुजरे उस रस्ते से,
जिन पर चल के देखा तूने,"रैना"

वाह मेरे देश के नेता,
जब दंगा फ़ैलाने वाला??
एक मर जाता तो आंसू बहाते हैं,
जब सेना के पांच जवान मारे जाते तो मुस्कराते हैं।
इन गद्दारों के????
सीधे आतंकवादियों के नाते हैं,
फिर भी खुद को देश भक्त बताते हैं।
वास्तव में इन नेताओं ने अपना रंग दिखा दिया हैं,
इन बुझदिलों फरेबियों ने???
सारे देश को भी बुझदिल बना दिया है।
उठो देशवासियों अब देश को कैसे भी बचाना होगा,
गद्दारों को देश से भगाना होगा,
ध्यान रहे चुनाव आने वाले हैं।"रैना"

dur tak jana

दोस्तों शायद आप को पसंद आये मेरी ये ग़ज़ल

दूर तक जाना सभी को जानता है आदमी,
ये नगर तेरा नही कब मानता है आदमी।
रास्ता कब ढूंढता है बेफिकर ही घूमता,
ख़ाक गलियों की सदा से छानता है आदमी।
हादसें अक्सर हुये हैं जिन्दगी के मोड़ पर,
कामयाबी तब मिले जब ठानता है आदमी।
आदमी वो बन्दगी करता खुदा की हर घड़ी,
दरद जो भी गैर का पहचानता है आदमी।
टूटता तारा बताता राज जीवन का सभी,
किस लिये ये अहम फिर पालता है आदमी।"रैना"

Wednesday, March 13, 2013

लोग पत्थर से तोड़ते शीशा,
हम शीशे  से काटते पत्थर।"रैना"

tu dekh mear gahr

देख तू भी यूं मेरा घर आ के,
काटते हम तेरे घर के चक्कर,"रैना"

Tuesday, March 12, 2013

apna kdwa

अपना कड़वा अनुभव है,
हम लोकल ट्रेन के मुसाफिर।"रैना"

(बिना रुके कविता) ग्रुप में
शामिल हो कर हर प्रकार की रचनायें पढ़े,
https://www.facebook.com/groups/171240002958806/
द्वारा राजिंदर शर्मा "रैना" 09416076914


Monday, March 11, 2013

sara jahan tera

सारा जहाँ तेरा,
फिर भी न कोई घर है,
बेघर तू बड़ा जादूगर है,
जादूगर जादूगर .........
पास भी तू दूर भी तू,
फुर्सत में तू मजबूर भी तू,
तेरा ही रंग चले तेरा ही ढंग,
मुश्किल में तू तू ही मस्त मलंग,
सब बेखबर तुझे सब की खबर है।
बेघर तू बड़ा जादूगर है,
जादूगर जादूगर .........
तेरा पता क्या कुछ तो बता,
तुझको मिला जो कैसे मिला,
"रैना"परेशान अब हुआ हैरान,
मुश्किल में जान खाली कर दे मकान,
तू यार मेरा अब न कोई डर है,

बेघर तू बड़ा जादूगर है,
जादूगर जादूगर ........."रैना"
सुप्रभात जी ..........मेरे मालिक तेरी जय जय कार

ग़ज़ल आप के नाम दोस्तों,

आज खाने में स्वाद आया है,
ऐसा लगता मां ने बनाया है।
दूर पीछे तक सोच जा निकली,
याद गुजरा वो वक्त आया है।
दौर ही बदला कब खता उसकी,
माँ दुखी अब बेटा पराया है।
जानते है सब माजरा क्या है,
माल नेता ने ही तो खाया है।
जा मिला दुश्मन से बड़ा भाई,
खोट छोटे ने भी छुपाया है।
तू नही जीना भूल जाये गे,
देख "रैना" तूने बचाया है।"रैना"

Sunday, March 10, 2013

ad meri kya

 खुदा कुछ कर लू इतनी ताकत दे दे,
 गर ये ना हो तो रोने की आदत दे दे,
 यूं तो तेरे ही सब कुछ अख्तियार है,
 तू जो करे हमें सब कुछ स्वीकार है।"रैना"

ghar me ma bap

तिलक लगाने घंटियां बजाने की जरूरत नही है,
घर में माँ बाप तो मन्दिर जाने की जरूरत नही है।
मनन तो अक्सर तन्हाई में शांत मन से होता है,
बेवजह गला फाड़ने नाचने गाने की जरूरत नही है।
सोच ले जीते जी करनी है बुजुर्गों की खूब ही सेवा,
मरने के बाद पकवान खिलाने की जरूरत नही है।
गर नीयत तेरी साफ नीति भी हो सफल बेहतर,
फिर तो वो तेरे साथ घबराने की जरूरत नही है।
लोग नाप लेते पानी की गहराई रफ्तार कितनी,
बेवजह गुमां कर रुतबा दिखाने की जरूरत नही है।
"रैना" दिल की कीमत जानो इसे सम्भाल के रखो,
जिसको देखा उससे ही लगाने की जरूरत नही है।"रैना"
दोस्तों सुप्रभात जी ..............जय जय माँ 

indgi ki koi

दोस्तों ग़ज़ल के दो शेर

अब आदमी रोता बहुत है,
नादां दुखी होता बहुत है।
क्यों देश की चिन्ता करे,
नेता मुर्ख सोता बहुत है।"रैना"

wah mere dost

मेरे प्यारें दोस्तों
आप सब के सहयोग से मैं अब
कवि सम्मेलन,स्टेज शो इत्यादि में भी जाने लगा हूं,
मेरे दोस्त जो आयोजक अथवा सयोजक हैं,
मुझे ऐसे किसी भी सूफी,धार्मिक, कवि सम्मेलन,मुशायरा,
हास्य कवि सम्मेलन इत्यादि में बुलाना चाहे तो
मुझे आपार ख़ुशी हो गी,क्योकि मुझे जो भी मिला है,
फेस बुक के दोस्तों से मिला है।पंजाबी,हिंदी दोनों में,
इक बार सेवा का मौका अवश्य दे।
आप को निराश नही करू गा।
आप के फोन के इंतजार में ..... राजिंदर शर्मा "रैना" 09416076914

कौन पूछेगा मुझे तेरे शहर में,
मैं लगा सकता नही मसका किसी को "रैना"


nind aankho me nhi

नींद आंखों में नही अब,
चांद तारों से बातें करते,
वक्त ऐसा था कभी जब,
हम बहारों से बातें करते।"रैना"

Saturday, March 9, 2013

duaa n shi

दोस्तों के लिए
 दुआ नही तो बददुआ देता होगा,
 मुझे यकीं नाम मेरा लेता होगा।
 जो मेरी आँखों से फूटे गर्म झरने,
 उसकी आँख से दरिया बहता होगा।
 उसे भूल जाना तो है नामुमकिन,
कयामत के बाद दिल में रहता होगा।
मैं जो सह रहा हूँ दर्दो गम इतना,
बला का दर्द"रैना" भी सहता होगा "रैना"   

mai to aaya

मैं तो आया हु तेरे द्वार,
ले के श्रदा सुमन आपार,
ओ भोले बाबा किरपा करो,
ओ भोले बाबा ..........
मैं अज्ञानी तुम अन्तर्यामी,
तीनों लोको के तुम स्वामी,
मोहे बख्शो अपना प्यार,
करो भाव सागर से पार।
ओ भोले बाबा किरपा करो,
ओ भोले बाबा .........."रैना"

jai bhole baba

जय भोले
जय भोले बाबा बम बम बम,
शिव नाम का सिमरन कर लो,
जब तक दम में है दम,
जय भोले बाबा बम बम बम,
शिव भोले की महिमा न्यारी,
इसके ही दम से दुनिया सारी,
जो भोले की शरण में आये,
मिट जाये सारे गम,
जय भोले बाबा बम बम बम।"रैना"

mI bolu tu

महाशिव रात्रि के पवित्र महा पर्व आप सब को महा शिव रात्रि की बधाई हो,
आओ मेरे द्वारा लिखित ये भजन गुनगुनाये भोले के गुण गए,

मैं बोलू तू बोले,ये बोले वो बोले,
आओ मिलके सारे बोले,
जय भोले भोले बम भोले,
शिव नाम है पाक पवित्र,
मन के द्वारे खोले।
जय भोले भोले बम भोले,
जय भोले भोले .............
शिव शम्भू का नाम प्यारा,
जो जपे उसे मिले सहारा,
जिस और शिव करदे इशारा,
बदल जाये वो मन्जर सारा,
तीन लोको के नाथ है शिव,
जोगी बन के डोले,

जय भोले भोले बम भोले,
जय भोले भोले ............."रैना"
सुप्रभात जी .....जय भोले

  

in ko nid

जिनको नही  नींद आती रात कितनी लम्बी उनसे पूछे।"रैना"

tire najar se

नज़रों से जख्मी दिल,
इक मुद्दत से हाथों में ले कर बैठे है।"रैना"

Friday, March 8, 2013


दिल के करीब से गुजरते जब तेरी यादो के काफिले,
तू ये तो बता तब दिल को कैसे समझाया जाये।"रैना"


हमारे आराध्य भगवान राम ने फ़रमाया,
भेदभाव,छुआछात मत न करो समझाया,
जबकि खुद इस राह पर चल के दिखाया।
जंगल में प्रेम से बिलनी के झूठे बेर खाए,
सीता जी को वाल्मीकि जी आश्रम पहुचाया,
अपने बच्चों का वही पालन पोषण करवाया।
मगर फिर भी धर्म के ठेकेदारों ने भ्रम फैलाया,
लोगों को बहकाया छुआछात को खूब बढ़ाया,
हिन्दू धर्म को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया।
जिसकी किसी सूरत में भरपाई नही हो सकती,
धर्म की रक्षा से बढ़ के कोई कमाई नही हो सकती।
इसलिए मेरे भाइयों बाज आ जाओ मन समझाओ,
छुआछात को मिटाओ सब को प्रेम से गले लगाओं।"रैना"
जय श्री राम ...................जय श्री राम।।।।।
 लोग अब भूले बंदगी करना,
मनन नही मनोरंजन करते।"रैना"

 साकी मुझे प्याला दे दे,
गर मय नही हाला दे दे।
दिल के करीब से गुजरते जब तेरी यादो के काफिले,
अब तू ये तो बता दिल को कैसे समझाया जाये।"रैना"

hmare bhagwan

हमारे आराध्य भगवान राम ने फ़रमाया,
भेदभाव,छुआछात मत न करो समझाया,
जबकि खुद इस राह पर चल के दिखाया।
जंगल में प्रेम से बिलनी के झूठे बेर खाए,
सीता जी को वाल्मीकि जी आश्रम पहुचाया,
अपने बच्चों का वही पालन पोषण करवाया।
मगर फिर भी धर्म के ठेकेदारों ने भ्रम फैलाया,
लोगों को बहकाया छुआछात को खूब बढ़ाया,
हिन्दू धर्म को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया।
जिसकी किसी सूरत भरपाई नही हो सकती,
धर्म की रक्षा से बढ़ के कोई कमाई नही हो सकती।
इसलिए मेरे भाइयों बाज आ जाओ मन समझाओ,
छुआछात को मिटाओ सब को प्रेम से गले लगाओं।"रैना"
जय श्री राम ...................जय श्री राम।।।।।

ibadat me nhi

इबादत में कोई फरेब नही,
सिर्फ दिल के तार जोड़ने पड़ते।"रैना"
सुप्रभात जी .................जय जय माँ 
मैं तो सिर्फ ये मानता हूं
दिल में उतरने का हुनर जानता हूं

लोग जुगनू पकड़ते है,
चांद से दोस्ती अपनी,
अब मजे में कटे हरपल,
मस्त है जिन्दगी अपनी।"रैना"
रात भर जागने की गर सजा न होती,
 मैं कभी शायर न बन पाता।"रैना"

कहते दर्द होता नही
फिर भी तमाम रात रोते।"रैना" 

mahila diwas

महिला दिवस पर ????
पत्नी ने पति पे खूब चलाई,
आँखें भी दिखाई बातें सुनाई,
आखिर पति फूट पड़ा,
बोला मख्खियों की तरह ???
क्यों करती  भिन भिन है,
पुरे साल में 364 दिन मेरे,
तेरा तो सिर्फ एक ही दिन है।"रैना"

भारत देश में???
आम आदमी तंग परेशान,
जानते हो????
भूखा क्यों मरता है,
क्योकि नेता का पेट न भरता है।"रैना"
जी आप देर से आये,
मुद्दत से आप का इंतजार था।"रैना"

हास्य व्यंग्य
आज के दिन यानि महिला दिवस के दिन,
महिला ने अपने पति की पिटाई,
पति ने थाने में शिकायत लगाई,
थानेदार ने महिला थाने में बुलवाई,
महिला थानेदार को देख घुरराई,
 तेरे को क्या इतना पता नही भाई,
आज महिला दिवस है,
इसलिए आज मैंने अपनी चलाई,
थानेदार उस आदमी को साइड में ले गया,
उसे कहने लगा तेरी शक्ल के 12 क्यों बजे है,
 आज तो मुझे भी दो चार लगे है। ।।।।"रैना"

ab mer

अब मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता,
क्यों ?????? कि ,मैं गिरगट?????
जैसे रंग बदलने में माहिर हो गया हूं।"रैना"

Thursday, March 7, 2013

जय मां भारती,
यही पूजा आरती,
जय मां भारती।"रैना"

mahsus ho


गुप्त सूचना ???
नेता इसलिये विदेशी बैंक भर रहे हैं,
क्योकि ये अब देश का सौदा कर,
विदेश दौड़ने की पूरी तैयारी कर रहे है।"रैना"

tiri duniya

तिरी दुनिया हसीं है,
हसीं तू होगा लाख दर्जे।"रैना"
मेरा हसरत मेरा गीत

मेरे हाथ में दूध की बोतल पकड़ा दे,
भगवन इक बार फिर बच्चा बना दे।
भगवन इक बार ........................
करने लगु फिर से हरकतें प्यारियां,
रोने लगु कभी मैं मारू किलकारियां,
थक गया हूं मैं माँ की गोद में सुला दे,
भगवन इक बार ........................
उडाऊ पतंग कभी खेलु गिली डंडा,
घर से चोरी तालाब में नाहू जा नंगा,
प्यार भरी गालिया माँ से फिर पिटवा दे।
भगवन इक बार ........................
रूठ जाना मेरा फिर खाना नही खाना,
परेशान माँ ने मुझे बार बार मनाना,
ममता का दरिया इक बार फिर बहा दे।
भगवन इक बार ........................
काश"रैना"अपने पैरों पे खड़ा न होता,
बच्चा ही रहता वो कभी बड़ा न होता,
बचपन की दुनिया भगवन फिर दिखा दे।
भगवन इक बार ........................"रैना"

Wednesday, March 6, 2013

mksd ak bas rasta

सूफी गीत,

मकसद एक रास्ता जुदा है,
राम मेरा वो ही तेरा खुदा है।
राम मेरा वो .............
मिट्टी के ये सारे उसके घर हैं,
रखे वो ख्याल चाहे हम बेखबर हैं,
विनती अरदास मेरी तेरी दुआ है।
राम मेरा वो .............
बेशक उसका अपना हिसाब है,
खुद ही सवाल वो खुद ही जवाब है,
जलता चिराग कहीं दीप बुझा है।
राम मेरा वो ............."रैना"
सुप्रभात जी .................जय जय माँ 

kismat se gila

दोस्तों ग़ज़ल आप के लिए

वो खफा उसको मनाये कैसे,
हाल दिल का अब सुनाये कैसे।
तेज चलती अब हवा भी देखो,
दीप उल्फत का जलाये कैसे।
धूल उड़ती सी नज़र आती है,
फूल गुलशन में खिलाये कैसे।
शक जमाना बेवजह ही करता,
चीर कर दिल को दिखाये कैसे।
रात काली दूर मन्जिल "रैना"
ये तड़फ दिल की मिटाये कैसे।"रैना"

dhadkan me

धड़कन में मेरी सांसों में तू है,
दिल के घर मेरी आँखों में तू है,
हर पल दिल के रहता पास है,
तू मेरा खास है मेरा तू खास है.
मेरा तू खास ......................
तू ही सनम मेरी पहचान है,
जिस्म में मेरे तेरी ही जान है,
आस मेरी तू ही विशवास।

तू मेरा खास है मेरा तू खास है.
मेरा तू खास ......................"रैना"

Tuesday, March 5, 2013

tu kbhi samne

तू कभी सामने आया??????
तो पूछेगे???????
जरुर ??????
जिन्दगी ????
इतनी मुश्किल क्यों है. "रैना"
सुप्रभात जी .......जय जय मेरे मालिक 

CHCHHA HUAA

जिस गली में यार का घर है ठिकाना,
उस गली में तो सभी का आन जाना।
खौफ हर पल दिल डरा सहमा रहे है,
दोस्तों मेरी एक और व्यंग्य कविता की चार लाइन
आप की महफ़िल में हाजिर हैं तव्वजो चाहू गा।

इस बस्ती में भेडिये रहते उनको बाहर निकाले कौन,
सब के घर अब शीशे के हैं पत्थर क्यों उछाले कौन।
इकलौते बेटे ने बूढ़े माँ बाप को घर से निकाल दिया,
वृद्धआश्रम में भी गद्दारी है,बुजुर्गों को सम्भाले कौन। "रैना"

कुछ बोलते क्यों नही,

हम फ़िदा हो गये इक तुझी पे सनम,

क्यों सजा देते नही हो,
व्यंग्य कविता

चम्मचों की मस्ती मौज है खाते खूब मलाई,
मौका देख झुक जाना खीर मिलती बनी बनाई।
राजनीति में तो चम्मचा गिरी का ही कमाल है,
अब बेशक बने वो मंत्री जिसने भी पूंछ हिलाई।
सच ज्ञान विज्ञान तो धरे का धरा ही रह गया,
उसको मिले उपाधि जिसकी डुप्लीकेट पढ़ाई।"रैना"


Monday, March 4, 2013

teri har ada mujhe

 हर रजा तेरी मुझे स्वीकार है,
 बावफा तू यार ही दिलदार है।
सुप्रभात जी .............जय जय माँ

 दोस्तों मेरी ये व्यंग्य कविता कवि सम्मेलन की शान होती है,
 आज आप के की  खिदमत में पेश कर रहा हूं

 नासमझ अब हो गया नादान देखो,
 मौत के पीछे भागता इन्सान देखो,
 क्यों लोग मुर्ख बन गए इस कदर,
बना लिया शैतान को भगवान देखो।
नैतिकता का ग्राफ निरंतर गिर रहा,
छत टपकती आलिशान मकान देखो।
अफ़सोस भारत माता जनता से करे,
देश का मसीहा बन गया दरबान देखो।
चुनाव जीतने का नया चलन देखिये,
नेताओं ने पाल लिये पहलवान देखो।
झूठ के बड़े बड़े शो रूम अब खुल गये,
मजबूरन बंद हुई सच की दुकान देखो।
"रैना"कुछ सोच कर आगे की संवार ले,
फिर मिलना मुश्किल जीवन दान देखो।"रैना"



मकसद एक रास्ता जुदा है,
राम मेरा वही तेरा खुदा है।"रैना"

AB NAMK

अब नमक छिडकने में माहिर लोग,
मरहम लगाना भूल गये.............. "रैना"

yar gate ka sauda

प्यार घाटे का सौदा,
इससे लोग दूर भागते इसलिये।"रैना"

bde shau

बड़े शो रूम में माल खालिस मिले ये जरूरी नही। "रैना"

tu apmnne pyar

tu apne pyar to juda ho ke vekh,
fer tenu pta lgu drd ki hoda ae."raina"

ishk tere vich ho gye sodai ve
tu bhul gya hai ghar tere yar da "raina"

galiya de kkhaa vagu rul gye ha sjna,
tenu khyal nhi ujde ghar da."raina"

dur jdo vekhda kali neri rat nu,
dil mera dar da haye ki kra."raina"



उसी दौर की एक और गीत,
दिल थाम के पढ़ना

सावन की बहारे आ जाये,
जब झूम के बदली छा जाये,
तब बरखा अग्नि बरसाये,
तेरी याद दिल को तड़फाये।
पर तू न आये तू न आये,
आजा पिया आ जा ........
पता पुछू चाँद सितारों से,
उन बहकी मस्त बहारों से,
जब खबर तेरी नही मिलती,
रो लेती लग के दीवारों से,
बागों में अब फूल खिले,
बिछुड़े हुए पंछी आन मिले,
सब भूल के तू शिकवे गिले,
आ जा पिया आ जा .........."रैना"

kawwli

 उसी दौर की एक और गीत,
दिल थम के पढ़ना

सावन की बहारे आ जाये,
जब झूम के बदली छा जाये,
तब बरखा अग्नि बरसाये,
तेरी याद दिल को तड़फाये।
पर तू न आये तू न आये,
आजा पिया आ जा ........
पता पुछू चाँद सितारों से,
उन बहकी मस्त बहारों से,
जब खबर तेरी नही मिलती,
रो लेती लग के दीवारों से,
बागों में अब फूल खिले,
बिछुड़े हुए पंछी आन मिले,
सब भूल के तू शिकवे गिले,
आ जा पिया आ जा .........."रैना"

thoda ka

दोस्तों लगभग 10 दस साल पहले
मेरे द्वारा लिखा गीत जिसे
मेरे सिंगर दोस्त प्रदीप शर्मा शो में गा चुके है
आज आप की महफ़िल में पेश करता हूं।

मस्त मस्त आँखों में,
 मस्त मस्त मस्ती है,
मोती बिखरते बिखरते,
जब  तू हंसती है,
देख दिल हो जाये बेईमान,
थोडा कम हंसेया करो,
कही डोल न जाये इमान।
थोडा कम हंसेया ....................
नागन सी बल खा के चलती,
लहरों के जैसे मस्त मचलती,
जालिम तेरी कातिल नजरिया,
छेड़े इश्क की तान,
थोडा कम हंसेया ..................."रैना"


Sunday, March 3, 2013


हम किनारे बैठ कर ही सोचते है,
डर लगे कैसे उतर ले नीर गहरा,
बस यही मुश्किल परेशानी हुई है,
दिल नही मजबूत अपना फूल ठहरा।"रैना"
सुप्रभात जी ......................जय जय मेरी माँ 
मेरी बात 
अब बंद करो शोर मचाना,
हकीकत को जामा पहनाया जाये, 
बहुत लगा लिए हमने अख़बारों पर,
एक आध पौधा अब तो धरती
पर भी लगाया जाये।।।।।।।।।।"रैना"

bait kar sahil pe

हम किनारे बैठ कर ही सोचते है,
डर लगे कैसे उतर ले नीर गहरा,
बस यही मुश्किल परेशानी हुई है,
दिल नही मजबूत अपना फूल ठहरा।"रैना"

bad mere kaisa

दोस्तों गजल के दो शेर

बाद मेरे कैसा अब लग रहा है,
दरद दिल का कैसे फिर सहा है।
हाल से बेहाल हम हो गये है,
अश्क में अरमान सब कुछ बहा है।"रैना"

Saturday, March 2, 2013

khun lla

सूरज एक चंदा,पानी धरती एक आसमान है,
चौरासी लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ इन्सान है,
सब इन्सानों में तो खून लाल ही विद्यमान है,
"रैना"अब इन्सान फिर भी बना अनजान है,
बेशक राम रहीम वाहे गुरु ईसा वही खुदा है,
धर्म एक उसके पास जाने का रास्ता जुदा है।"रैना"
सुप्रभात जी ...................जय जय मेरे मालिक

ai gunahgar

दोस्तों ग़ज़ल का रंग देखे

मैं खतावार मुजरिम सजा दे मुझे,
माफ़ मत कर खता तू कजा दे मुझे।
जिंदगी से करे हम गिला क्यों भला,
कब वफा इस शहर में दगा दे मुझे।
मैं भटकता रहा घर तेरा खोजता,
कर रहम सुन दुआ अब पता दे मुझे।
मैं तिरा हो गया अब मिरा तू सनम
यार एक आध जलवा दिखा दे मुझे।
हम अभी जिन्दगी के तलबगार है,
हो सके तो अजल से बचा दे मुझे।
रात भर देखते ख्वाब कब हो मिलन,
प्यार महबूब "रैना" मिला दे मुझे।।।।"रैना"

ham har roj

हम हर रोज सोचते ???
अपनी बीवी से ??????
इतना क्यों डरते है,
मगर ?????
कुछ बोल नही पाते।"रैना"

hasy wyng

दोस्तों अब मैं आप को हंसाने की तैयारी में लग गया हूं,
मेरी हास्य कविता आप के दरबार में हाजिर है,
दोस्तों मैं जो लिखता हूं दरअस्ल वो घर की बात ही होती है,
क्योकि बाहर वाली को मेरी बीवी भी पसंद नही करती,
सच बताऊ अब मेरी उम्र पचास साल की हो गई है,
भारत में पचास साल के बाद खासकर आदमी कब्र में पैर लटका देता है,
हम भी पीछे नही हमने भी आगे का प्रोग्राम बनना शुरू कर दिया है,
वैसे अपने कर्म इतने बुरे नही है मुझे लगता है मैं अगले जन्म फिर इन्सान बनुगा
इन्सान न बना तो जानवर बनुगा।मैं अपनी दोनों ओप्शन भगवान के समक्ष कैसे
रखता हु एक कविता के माध्यम से पेश कर रहा हूं।

हे भगवन,मेरे मालिक सुन ले मेरी फरियाद,
अगले जन्म में किसी मेम का कुत्ता बनाना,
या बना देना किसी बड़े नेता का दामाद।
"रैना"ने इस जीवन में बहुत करली खोज है,
बस इन दो योनियों में तो मौज ही मौज है। "रैना"
दोस्तों कविता की चार लाइनें ही सुना रहा हूं
पूरी कविता तब सुनाऊ गा जब कवि सम्मेलन में बुलाओ गे।

Friday, March 1, 2013


याद करता नही वफा उसकी,
ख्याल फिर भी तिरा रखे मौला,
राज तुझको समझ नही आये,
प्यार की इन्तहा इसे कहते।।।। "रैना"
सुप्रभात जी ...........जय जय माँ

डीजल पट्रोल महंगा????
नेता परेशान ??????
भ्रष्टाचार की गाड़ी कैसे चलेगी।"रैना"

yad krta nhi

याद करता नही वफा उसकी,
ख्याल फिर भी तिरा रखे मौला,
राज तुझको समझ नही आये,
प्यार की इन्तहा इसे कहते।।।। "रैना"
सुप्रभात जी ...........जय जय माँ 

bjt

बजट के बारे मेरे दोस्तों ने काफी लिखा
मेरा विचार

वैसे आम बजट पढ़ कर श्रीमान चितम्बरम ने सुनाया है,
मगर तड़का पीएम मनमोहन और सोनिया ने लगाया है।
बजट ने ऊँचे को और उंचा निचली श्रेणी को ऊपर उठाया है,
मध्य वर्ग को औंधे मुहु गिरा महंगाई का टीका लगाया है।
चितम्बरम के आम बजट ने अपना जलवा दिखा दिया है,
मात्र चौबीस घन्टें बाद ही पट्रोल का दाम और बढ़ा दिया है।
वैसे रेल मंत्री बंसल ने रेल बजट में दिलचस्पी तो दिखाई है,
उस में भी सीटी पीएम मनमोहन और सोनिया ने बजाई है।
तभी तो राय बरेली में जा कर इक और कोच फैक्ट्री लगाई है,
भारत देश की जनता हैरान परेशान दुखी अब देती दुहाई है।
नेताओ ने वोट की रोटी सेकने को देश की बुरी हालत बनाई है,
सोने की चिड़िया पिंजरे में बंद कर स्विस बैंक में बैठाई है। ......"रैना"

 

biwi se kha

मेरी राय

डीजल पट्रोल के रेट फिर बढ़े।
लोग बड़ी गहरी सोच में पड़े,
अब क्या करे,??????
मेरे विचार में नेता से मत लड़े,
बस इतना करे??????
वाहन जहां तहां कर दे खड़े,
और 10-15 दिन वाहनों पे न चढ़े।
फिर पट्रोलियम मंत्री सहित????
पट्रोल पम्प वाले तुम्हारे पैर चाटें गे,
पट्रोल, डीजल की थैलियां ????????
दस दस रूपये में बांटे गे। ..............."रैना"