जय जय
काना मैं न खेलू होली,
प्यार का रंग चढ़ा मुझे पे,
मैं तो तेरी हो ली,
काना मैं न खेलू होली।
इन रंगों से क्या मुझे लेना,
जो उतर जाये पल भर में,
श्याम सुन्दर मोरा साजन,
बस गया मन के घर में,
मैं तो अपने पिया के संग,
खेलू आँख मिचौली,
काना मैं न खेलू होली।"रैना"
काना मैं न खेलू होली,
प्यार का रंग चढ़ा मुझे पे,
मैं तो तेरी हो ली,
काना मैं न खेलू होली।
इन रंगों से क्या मुझे लेना,
जो उतर जाये पल भर में,
श्याम सुन्दर मोरा साजन,
बस गया मन के घर में,
मैं तो अपने पिया के संग,
खेलू आँख मिचौली,
काना मैं न खेलू होली।"रैना"
No comments:
Post a Comment