Monday, March 18, 2013


अफ़सोस हमको बस यही गम है,
हम चाहते जिसको नही मिलता,
आबाद गुलशन में खिजा आई,
वो फूल अरमां का नही खिलता।"रैना"
 याद तेरी जब मुझे आई,
कांच की किरचें लगी दिल में,
आह निकली रुह तब डोली,
खून आँखों से तभी टपका।"रैना"
yad teri jb mujhe aai,
kanch ki kirche lgi dil me,
aah nikli ruh tb doli, 
khoon aankho se tbhi tpka"raina"

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