Friday, May 20, 2011

shabab

वीरान यादों की बस्ती पे शबाब आया है,
जब से गई रात को उनका ख्वाब आया है. "रैना"

Sunday, May 15, 2011

गर वो मेरा गमगुसार हो जाये,
फिर तो जिन्दगी बहार हो जाये.
बंद खुली आँखों से जिसे देखू,
मेरा वो सपना साकार हो जाये.
मर्जे इश्क का असर तो देखो,,
हरपल बैचैन दिल बेक़रार हो जाये.
रूठ के तू जो फेर लें आँखें,
फिर तो जिन्दगी गमार हो जाये.
इक मुद्दत से जो मझधार में भटके,
तेरा इशारा सफीना पार हो जाये.
तन्हा बैठा उम्मीदें है पाल रखी,
इंतजार तेरा अब दीदार हो जाये.
अब तलक गुजरी है वीराने में,
नजर तेरी चमन गुलजार हो जाये.
"रैना"
गमगुसार=हमदर्द, 
 गमार = गम का घर ,ढेर

Sunday, May 8, 2011

maa

मदर डे के उपलक्ष में माँ को समर्पित
माँ तूं महान है,
तुझी से रोशन जहान है.
तेरे चरणों में जन्नत,
तू अल्ला ताला भगवान है.
माँ तू महान है.
तू ही अंधकार मिटती है,
ये रोशन जहान दिखाती है,
फिर अपना दूध पिलाती है,
ममता की गंगा बहती है,
कभी मानती न एहसान है.
माँ तू महान है.
लाखों दुःख जरती हो,
कभी उफ़ न करती हो,
बच्चे के खातिर जीवन तेरा,
बच्चे के खातिर मरती हो,
बच्चे की ख़ुशी को माने शान है.
माँ तू महान है.
बच्चों में बांटे सुख है,
मगर तेरे हिस्से में दुःख है,
फिर भी बदले न रुख है,
चाहे बच्चा देता दुःख है,
विचलित न होता तेरा ध्यान है.
माँ तू महान है. "रैना"