गर वो मेरा गमगुसार हो जाये,
फिर तो जिन्दगी बहार हो जाये.
बंद खुली आँखों से जिसे देखू,
मेरा वो सपना साकार हो जाये.
मर्जे इश्क का असर तो देखो,,
हरपल बैचैन दिल बेक़रार हो जाये.
रूठ के तू जो फेर लें आँखें,
फिर तो जिन्दगी गमार हो जाये.
इक मुद्दत से जो मझधार में भटके,
तेरा इशारा सफीना पार हो जाये.
तन्हा बैठा उम्मीदें है पाल रखी,
इंतजार तेरा अब दीदार हो जाये.
अब तलक गुजरी है वीराने में,
नजर तेरी चमन गुलजार हो जाये.
"रैना"
गमगुसार=हमदर्द,
गमार = गम का घर ,ढेर
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