Thursday, May 31, 2012

teri hasti

तेरी हस्ती तेरी बस्ती,
मेरा कोई  न ठिकाना है,
तू मालिक तूने ही रहना,
मैंने तो आना जाना है......"रैना"
good morning ji..............

Wednesday, May 30, 2012

shma ke maniidशमा 

दर्द सीने में छुपाये,
दीप आशा का जलाये,
बैठ उनको ही बुलाये,
वो कभी तो मान जाये......."रैना"

कौन जगह तुम रहते हो,
इतना हमको बतलाओ,
पर्दा दिल पे कहर करे,
मुख से चिलमन सरकाओ......."रैना"

Tuesday, May 29, 2012

gum me bhi गम में भी हम खुश रहते है,कोई कुछ बोले चुप रहते है।  रैना"

गम में भी हम खुश रहते है,
खुद को ही खुद की कहते है। .....raina"

कोई कुछ बोले चुप रहते है।


Monday, May 21, 2012

jhuthh ne hathiya liya

औरों को तो टोके,
खुद को न कभी रोके,
न वतन की चिंता है,
अपने बारे सोचे ,
ये फितरत हम सब की। 
 हम भारत वासी है।
जय हिंद।..............."रैना"

Sunday, May 20, 2012

insani kute

इंसानी भेडीये,
मौका लगते ही,
गरीब का नोचे मॉस।.."रैना"

saf kar lo jo aankho me pani

शौंक से यूँ ख्वाब तो दिन रात देखे,
सिर्फ बातो से न बनती बात देखे,..."रैना"
जख्म दिल पे पैर घायल दर्द होगा,
हाल अपने मत न ये हालात देखे। 

Friday, May 18, 2012

jhuthh ne kbja

 झूठ ने कब्जा किया सच के सिहासन पे,
 कौरवों की नजरे इनायत  दुसाशन पे। ............"रैना"

rat ab din me


बेशक इक दिन जाना होगा,
वापिस न कभी आना होगा।
वो बैठा दरबार सजाये,
अपना हाल सुनाना होगा।...."रैना"

Thursday, May 17, 2012

auro ke gum me

औरों के गम में क्यों शामिल होगा,
होगा जो शामिल वो पागल होगा।
बेवजह करे क्यों कोई हमदर्दी,
पहले ये सोचे क्या हासिल होगा।......."रैना"
सुप्रभात जी ......................good morning

hsn wale wfa nhi

हुस्न वाले वफा नही करते,
दर्द देते दवा नही करते।
वक्त बदला बदल गये सारे,
पात हिलते हवा नही करते।
देख मुशिकल घड़ी बदल जाये,
यार ऐसे हुआ नही करते।
काश पहले रमज समझ आती,
इश्क फरमा खता नही करते।...."रैना"


Wednesday, May 16, 2012

rktchap brh

रक्त चाप बढ़ जायेगा, 
गुस्सा न पालिए,
ईमानदारी को बांध कर    
पुराने बक्से में डालिए.
 वफादारी की बीमारी,
 अगर लगी है जनाब,
इस का भी जल्दी से,
इलाज निकालिए। 
बेशक शहर में झूठा न शोर है,
आजकल तो चोर उच्चको का दौर है। 
इस दौर में वो सफल हो जायेगा,
जो चोरी बेईमानी, झूठ, फरेब,
चापलूसी में अव्वल आएगा।
सुप्रभात जी .................good morning ji





मेरी इक गजल का मुखड़ा पेशे खिदमत है,
तेरे शहर में अब वफा के  फूल न खिले,
हैं आदमी तो बहुत पर इन्सान न मिले।...:रैना"

aaj ham ji bhar ke

तेरे शहर में अब वफा का फूल न खिले,
हैं आदमी तो बहुत पर इन्सान न मिले।...:रैना"

dil ke ghar me

दिल के घर में आग लगी,
अरमानों की पौध जली।
किस्मत का खेल न्यारा,
आधे दिन में शाम ढली।..."रैना"

Tuesday, May 15, 2012

teri yadon ka n shara

 यादों का न सहारा होता,
अपना फिर न गुजारा होता।
यादों के दम से है जिन्दा,
यूँ  चमका  न सितारा होता।
गर मुशिकल पास न रहती,
फिर शख्स न बेचारा होता।
गर जो हुस्न हसीन न होता,
बहका मन न नजारा होता।
"रैना" जीवन भर खुश रहते,
जो तू यार हमारा होता।..........."रैना"

Monday, May 14, 2012

teri rhmat sab

तेरी रहमत सब हासिल है,
वरना बन्दा किस काबिल है।
एहसास मुझे ये सच्चाई,
जीवन में तू तो शामिल है।
हर महफ़िल में तेरी चर्चा,
इक तू चर्चा के काबिल है।
मैं आशिक दीवाना तेरा,
तू मंजिल मेरी साहिल है।
तुझसे वादा कर भूल गया,
पागल रैना" तो जाहिल है।..."रैना"
सुप्रभात जी ..............good morning ji

apna koi khasnhi hai

अपना कोई खास नही है,
खुद पे भी विशवास नही है।
किस्मत ने अक्सर दिल तोडा,
बाकी कोई आस नही है।
सागर के तट पे भी प्यासे,
अब ये कहते प्यास नही है।
"रैना" किससे शिकवा करते,
जीवन आया रास नही है।...."रैना"

Sunday, May 13, 2012

he maa he maa


माँ दिल में जीवन भर रहती,
चोट लगे मुख से माँ निकले।
बच्चा चाहे न न करता है,
पर माँ के दिल से हाँ निकले।
काहे ढूंढे तू मस्जिद में,
 काहे ढूंढे तू मंदिर में,
तेरे घर में बैठा रब है,
रब कहता माँ ही तो सब है।
है माँ के क़दमों में जन्नत 
है माँ के कदमों में जन्नत।.........
जो भी माँ को खुश रखते है,
वो दुःख न कभी भी चखते है,
खुशियाँ उनके आँगन खेले,
सच हर पल खिल खिल हँसते है,
वो रोते न कभी अब तब है।
रब कहता माँ ही...............
है माँ के क़दमों में जन्नत
है माँ के कदमों में जन्नत।......"रैना"






tmnna hai bas itni si

भले हो हादसा लेकिन भला ये काम हो जाये,
तमन्ना है मिरी इतनी शहर में नाम हो जाये।
वही दिन रात की उलझन न सुलझे इक जमाने से,
मिरे मौला यही मकसद अलग अंजाम हो जाये।
नही लगता मिरा ये दिल तिरी बेदर्द बस्ती में,
रही हसरत न अब कोई सुहानी शाम हो जाये।.........."रैना"

Thursday, May 10, 2012

ishak ishk khta sajna

मेरा इक सूफी कलम बताना आप ने बेहतरीन है के नही 
इश्क इश्क तू कहता फिरता,
इश्क तो मसला दिलका है,
इश्क तो दिल की गहराइयों में ,
बाजारों में कब मिलता है।
इश्क न थकता,रोता न हँसता,
मांगे इश्क क़ुरबानी,
क़ुरबानी वो दे सकता,
कदर इश्क की जिसने जानी,
जो इतना मंजूर तुझे,
फिर रख दरिया में पैर,
अल्ला खैर करे अल्ला खैर,
मोला खैर करे मोला खैर।......................."रैना"

Tuesday, May 8, 2012


टूट कर बिखरा हुआ इन्सान है,
रंग बदले खो चूका  पहचान है।
चेहरे पर रोनके है गुल खिला,
घूँघट में सिसकता अरमान है।........"रैना"


tutkar bikhara huaa

टूट कर बिखरा हुआ इन्सान है,
रंग बदले खो चुके  पहचान है।
चेहरे पे रोनके है गुल खिला,
घूँघट में सिसकता अरमान है।........"रैना"




Monday, May 7, 2012

bina niv aasman

कारागरी ओ तेरी कारागरी,
कारागरी ओ तेरी कारागरी,
बिना नीवं आसमान बनाया,
धरती को पानी के ऊपर टिकाया,
हवा के बीच में खुद समा के,
रंग रंगीली है दुनिया घड़ी।
कारागरी ओ तेरी कारागरी,
कारागरी ओ तेरी।................
अजब गजब का खेल रचाया,
सांसों का है चक्कर चलाया,
गिनती की साँसें सबको दीनी,
जीवन के संग है  मौत खड़ी 
कारागरी ओ तेरी कारागरी,
कारागरी ओ तेरी।................
सुप्रभात जी ...........good morning ji

ha jana hai ha jana hai

गैरों के मरने की ख़ुशी हरगिज न कीजिए,
अपने को भी वही जाना है,
ये घर तो किराये का वही तो पक्का ठिकाना है।
हां जाना हां जाना है खाली साथ न कुछ भी जाना है।
हां जाना है, हां जाना है,
फिर लौट के कभी न आना है,
हां जाना है हां जाना है घोर अँधेरा नजर न कुछ आना है। 
हां जाना है हां जाना है।......................
जो राह में दीप जलाना है फिर उससे दिल लगाना है.
हां जाना है हां जाना है।मन को ये समझना है,
जीवन सफल बनाना है हां जाना है, हां जाना है।......."रैना"

vaise hmne bahut tode hai patthr dosto

बन्दा अब पत्थर,
 तोड़े है पत्थर,
सारा घर पत्थर.
 दिल भी है पत्थर,
बन्दों से नफरत,
पूजे है पत्थर, 
शीशे के घर है,
हाथों में पत्थर,
पूछो तो उससे,
क्या कहता पत्थर।
पत्थर से संवरी,
बस्ती है पत्थर.
रैना" क्या पूछे,
बेचे है पत्थर।......."रैना"

Friday, May 4, 2012

kash mile koi

काश मिले कोई तो ऐसा,
जो मेरे  दिल की बात करे,
खबर जमाने की रखता हो,
हमसे सिर्फ मुलाकात करे।
काश मिले ........................
दिल के आँगन में खेले वो,
जैसे हो छोटा सा बच्चा,
दिल का साफ शुद्द पानी सा,
दुनिया से भिन्न हो अच्छा,
मेरी धड़कन में बस जाये,
कल कल हर पल दिन रात करे।
काश मिले ......................."रैना"

khyalo ke jngal men bhatkan

ख्यालों के जंगल में भटकना,
यादों के सूलों का चुबना,
आँखों से दरिया का बहना,
फिर भी कोई  शिकवा न करे,
ये मेरी किस्मत है यारो।........
इस से ज्यादा हम क्या करते ।.."रैना"

o mere desh ke neta

ओ मेरे देश नेता,
पहले बाप अब बेटा, 
नोट वोट सब कुछ लेते ,
बदले में कुछ न देते ,  
चूस रहे है खून बेचारी जनता का,
भ्रष्टाचार के व्यापारी,
अपने देश से करे गद्दारी,
जनता तो रोये बेचारी,
नेताओ ने है शर्म उतारी,
चूस रहे है खून बेचारी जनता का,
युद्द चाहे होता खेल,
नेता का पैसे से मेल,
बेचते  है राशन तेल,
फिर हंस हंस जाते जेल,
चूस रहे है खून बेचारी जनता का,
भारतियों जाग अब जाओ,
भारत की लाज बचाओ,
हाथ से हाथ मिलाओ,
काले अंग्रेजों को भगाओ,
चस रहे है खून बेचारी जनता का।........."रैना"


Thursday, May 3, 2012

yaad rkhne ke kabil maa

याद रखे माँ की बातें 
बेशक होती सौगातें 
जो सर पे माँ का साया,
फिर गम पास नही आते.
उनको हासिल सुख सारे,
माँ के सेवक मुस्काते.
माँ के कदमों में जन्नत, 
रैना"ग्रन्थ  बतलाते.........."रैना"

kash ham bhi diwane

गर हम भी दीवाने होते,
अपने भी अफसाने होते,
बस इक वो मेरा हो जाता,
बेशक बाकी तो बेगाने.
कहने से रिश्ते न बने है,
रिश्तें फकत निभाने होते।  
काश शमा जलती होती,
फिर तो हम परवाने होते।...."रैना"

aadmi ab aadmi n rha

खोये खोये रहते हो,
इतनी पीड़ा सहते हो,
जो तेरी सुनने वाला है,
न उसे अपनी कहते हो।
सुप्रभात जी ..........good morning ji

mere dilpe lgi hai kitni

दिल पे लगी चोटें को अब तो गिनना मुशिकल है, 
आशिक रो रो के कहता इश्क में यही तो हासिल है।
आशिक रो रो के ..............................
इश्क के खेल में देखो ये कैसा है काम हुआ,
जो कुछ भी अपना था वो सब यार के नाम हुआ, 
हाय सुख चैन आराम सब कुछ है खोया,
अब तो जीना भी मोहाल  दुखद है हराम हुआ,
अब पल भर नीद नही आती हो गया दिल पागल है।
आशिक रो रो के।......................................................."रैना"

Wednesday, May 2, 2012

mai khuli

मैं हूँ खुली पुस्तक
 मुझे पढ़ना नही 
आसान फिर भी।"रैना"

sajan se duri

साजन से दूरी,
है क्या मजबूरी,
क्यों हम भूले है,
वो काम जरूरी,
तब हम पछताए,
ढल जाये गी जब,
साँझ संदूरी।
सुप्रभात जी .........good morning ji

ye chki hai hwa

मेरी इक लाजवाब रचना।
अब चली ये हवा,
बावफा बेवफा,
हो गया हो गया.....
क्या खता तू बता,
दी सजा क्यों खफा,
हो गया हो गया.....
सच पता बावफा 
है रजा क्यों दगा।
हो गया हो गया।........."रैना"

Tuesday, May 1, 2012

ham bhi apni

गमगीन अपनी भी कहानी हुई,
बरबाद बदकिस्मत जवानी हुई।
इक बेवफा से दिल लगाना पड़ा,
मुशिकल बड़ी अब तो निभानी हुई।......."रैना"