दिल पे लगी चोटें को अब तो गिनना मुशिकल है,
आशिक रो रो के कहता इश्क में यही तो हासिल है।
आशिक रो रो के ..............................
इश्क के खेल में देखो ये कैसा है काम हुआ,
जो कुछ भी अपना था वो सब यार के नाम हुआ,
हाय सुख चैन आराम सब कुछ है खोया,
अब तो जीना भी मोहाल दुखद है हराम हुआ,
अब पल भर नीद नही आती हो गया दिल पागल है।
आशिक रो रो के।......................................................."रैना"
अब पल भर नीद नही आती हो गया दिल पागल है।
आशिक रो रो के।......................................................."रैना"
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