Monday, January 30, 2012

sab ke chehre

अधिकतर के चेहरे उदास सिर्फ राम नाम का शोर होगा,
जी चार कन्धों पे चलने का तो मजा ही कुछ और होगा."रैना"

ishak ka anjam

अब इश्क का अंजाम देखिये,
मुहब्बत होती निलाम देखिये.
बेदर्दों की इस बस्ती में अब,
इश्क का  कत्लेआम देखिये.
बगल में धार लगी रखी छुरी, 
करते फिरते राम राम देखिये
पेड़ों पे अभी आया न बूर है,
बाजार में बिकते आम देखिये.
सोच हमारी जहाँ तक न जाये,
वो सब कुछ होता तमाम देखिये.
कहने को संत तिलक लगे फकीर,
पैसा कमाना उनका काम देखिये.
"रैना"चलता है इमां की डगर पे,
शहर में फिर भी बदनाम देखिये."रैना"
.

Saturday, January 28, 2012

sunta nhi koi

उसकी कही,सुनता नही,
कैसे हो सही,बता कैसे हो सही. 
कैसे हो सही ................... 
चलने से पहले वादे किये थे,
सजन को तूने दिलाशे दिये थे,
याद कर आँखों से नदिया बही.
कैसे हो सही ................... 
याद न तुझको पिया की वफा है,
खुद से भी अब तू करता दगा है,
भूल गया सब कुछ याद न रही.
कैसे हो सही ................... 
"रैना"अब भी खुद को संभाल ले,
दो घड़ी उसके नाम की निकाल ले,
साथ तेरे जाने वाला कुछ भी नही 
 कैसे हो सही ................... "रैना"
सुप्रभात जी ............good morning

har bar smbhle

हर बार सम्भले जितनी बार गिरे है,
मंजिल पे पहुंच दम ले हम सिर फिरे है,
"रैना"हिम्मत में कमी न हरपल हँसते,
बेशक चारो तरफ मुशिकलों से घिरे है."रैना"

Thursday, January 26, 2012

ab jindgi n hsin hai

अब जिंदगी न हसीन है,
ये शहद भी नमकीन है.
दिन रात फुर्सत ही नही,
इंसान फकत मशीन है.
ऐसी हवा की रंगत है,
मेहनतकश रंगहीन है,
जानवर भी है बावफा,
इन्सान का न यकीन है.
"रैना' शर्म की बात है,
सुनता न बजती बीन है.
सुप्रभात जी .......good morning ji

Wednesday, January 25, 2012

सभी दोस्तों को नेतातंत्र दिवस की शुभकामनाएं हो जी "रैना"
कहने को गणतंत्र है,
सच में तो नेतातंत्र,
काले अंग्रेजों ने सीखा,
गौरे अंग्रेजों का मंत्र है.
जनता कैसे कहदे,
गणतंत्र जनतंत्र है,
सारा ही भ्रष्टतंत्र है
ईमानदारी छूमंतर है.रैना'
भारत माता की जय ,,,,,,,,,,,,,

sir pe koi karj

सर पे कोई  कर्ज न रहे,
बाकी इक भी फर्ज न रहे,
 फरियाद अर्ज मेरे  खुदा,
आखिरी वक्त  मर्ज न रहे. "रैना"
सुप्रभात जी ............good morning

Monday, January 23, 2012

apni jan

अपनी जान से ज्यादा मोहब्बत करते,
आशिक अपने महबूब की इबादत करते,
उनको महबूब की मोहब्बत नसीब नही,
जो इन्सां खुदा के बन्दों से नफरत करते."रैना"
apni jaan se jyada mohbbt karte,
aashik apne mahbub ki ibadat karte,
unko mahbub ki mohbbat nsib nhi,
jo insan khuda ke bando se nafrat karte."raina"

yaden kbhi tanha

यादें कभी तन्हा नही आती,
आसूं दर्द को साथ ही लाती."रैना"

dilka darwaja

दिल का दरवाजा खोला तो, 
सिर्फ जख्म जख्म नजर आये."रैना"
dil ka darwaja khola to,
sirf jkhm jkhm najar aaye."raina"

tu bhatke fakt

तू भटके फ़कत किनारों पे,
तुझको कैसे मिलते मोती,
रैना"मंजिल तभी है मिलती,
पाने की जब नीयत होती......."रैना"
tu bhatke fakat kinaron pe,
tujhko kaise milte moti,
raina"manjil tbhi hai milti,
pane ki jab niyat hoti. "raina"

wah ham bhartiy apna farj

वाह हम भारतीय अपना फर्ज कुछ ऐसे निभा रहे हैं,
भारत माँ के सपूतों को श्रदांजली देने से कतरा रहे हैं,
शहीदों की तस्वीरों पर इक भी फूल भी न चढ़ा रहे है,
मगर जो थे अंग्रेजों के पिठू फोल्डिग चम्चें सेवादार,
उनकी समाधि पर फूलों के ढेर खुद को भी चढ़ा रहे है.
खैर हम सब दोस्त भारत माँ के सपूत सुभाष चन्द्र बोस के,
 क़दमों में नमन करते सिर झुका रहे हैं.
जय हिंद............. भारत माता की जय ................................."रैना"

roj rat sapneme

रोज रात सपनें में आते क्यों हो,
नींद से मुझे यूं जगाते क्यों हो,
सपने में खूब तुम करते हो बातें,
सामने आकर  शरमाते क्यों हो."रैना"
roj rat sapne me aate kyo ho,
nind se mujhe yu jgate kyo ho,
sapne me khub tum karte bate,
samne aa kar sarmate kyo ho."raina" 

jis ghar ke

जिस घर के दरवाजें खुले रहते,
उस घर के लोग घुले मिले रहते,
गुलशन में चहल पहल लगी रहती,
जो गुलशन में गुल है खिले रहते.  "रैना"
jis ghar ke darwaje khule rahte,
us ghar ke log ghule mile rahte,
gulshan me chahl pahl lgi rahti,
jo gulshan me gul hai khile rahte."raina"

hai fakt meri

ये फ़कत मेरी आरजू,
है तमन्ना भी जुस्तजू,
मैं जिधर भी हूं देखता,
बस नजर आये तू ही तू."रैना"

ye fakt meri aarjoo,
hai tmnna bhi justjoo,
mai jidhar bhi hu dekhta,
bas najar aaye tu hi tu."raina" 

Saturday, January 21, 2012

tu h tu ki sari bate

तू ही तू की सारी बातें,
उसका ही दिन उसकी रातें.
उसकी मर्जी दर्द जुदाई,  
रहमत उसकी फिर मिल जाते.
गुलशन सूखा है वीराना,
नजर करे रिमझिम बरसाते.
"रैना" तब सुनता वो तेरी,
मिलने की तरकीब बनाते.  ....."रैना"
सुप्रभात जी ...................good morning ji                                                                                                                                   

pini nhi sharab

भाई पीनी नही शराब,न ही लेने नोट,
प्यारेभारत वासियों,वोट से मारो चोट,
भ्रष्टाचारी गद्दारों के ढीले करदो लगोट.
बावफा इमानदारों को करो सब प्रमोट. "रैना"
भारत माता की जय ........जय माँ भारती.

chutti ka udar

छुट्टी के उधार सहित हर माल किश्तों पर,
बदले दौर का प्रभाव पड़ा बहुत रिश्तों पर.
बेटा मोह में ग्रस्त माँ को तो बड़ी चिन्ता,
लाडो ने क्यों डाका डाला बेटों के हिस्सों पर."रैना"

machle n dil

मचलें न दिल तो फिर जवानी है क्या,
छलकें न आंसू  फिर कहानी है क्या.
बेशक इश्क की समझ रखते है नही,
मगर फिर भी कहते निशानी है क्या.
है आतिशे इश्क बुझनी मुशिकल बड़ी,
हमदम बता तरकीब पानी है क्या.
 "रैना" शहर वाले नही सुनते सदा,
 फरियाद मालिक को सुनानी है क्या."रैना"

Friday, January 20, 2012

देश में मची तबाही है,
जनता दुखी घबराई है,
बेशर्मी नेताओ की देखो,
हाय कुर्सी हाय लगाई है."रैना"

chalt calte

सहते गम को हंसते हंसते, 
शिकवा खुद से  डरते डरते.
मज़बूरी मुशिकल तंगहाली,
 जीना  सीखा  मरते  मरते.
बेशक इतना अदब न आया, 
लिखना सीखा  पढ़ते  पढ़ते.
"रैना" इतना  आसान नही,
 सोना  चमके  तपते   तपते."रैना"

Wednesday, January 18, 2012

हमने जिन्दगी को यूं हसीन बनाया है,
गम को मेहमां समझ के गले लगाया है.
अपना हक़ छीन लेने का भी दम रखते,
हाथ किसी के सामने न कभी फैलाया है.
खाली डिब्बों की खुशामद हम नही करते,
हुनरमंदों के सामने सदा सिर झुकाया है.
बेशक जमाने ने तो कोई कसर नही छोड़ी,
"रैना"माँ की मेहरबानी से बाग महकाया है."रैना" 

kya koi sunega meri kalam ki


यहां कोई सुने न मेरी कलम की सिसकियां.

इसे तो आती हैं किसी की याद में हिचकियां
गुमनामी से दामन छुड़ाने की तमन्ना तो है,
मगर रास्ता रोक  खड़ी हो जाती मजबूरियां."रैना"

khtawar hu mai

खतावर हूं मुजरिम मैं कब इन्कार करता,
फिराग दिल तूं फिर भी मुझे प्यार करता.
इनायत तेरी  मुझ पे रहमो कर्म भी तेरा,
मगर मैं बेवफा तुझसे ही तकरार करता."रैना"


Tuesday, January 17, 2012

risjhta aesa tod gye ho

रिश्ता ऐसा तुम तोड़ गये हो,
ख्वाबों में आना छोड़ गये हो.
अपना दामन छुड़ा के हम से,
मय से मेरा नाता जोड़ गये हो.
सीने में दहकती आग बची है,
तूफान के रुख को मोड़ गये हो.
"रैना"भला कैसे बचे गा जिन्दा,
खून जिगर का निचोड़ गये हो."रैना" 

Saturday, January 14, 2012

vo behatar andaj se

वो  बेसबब अलविदा कह गये,
हम तो घर को सवारते रह गये.
उनकी ये अदा हमें रास न आई,
आँखों से दरिया ए अश्क बह गये.
दिल के शहर में आया जलजला,
कुछ न बचा महले ख्वाब ढह गये.
"रैना"मत पूछ हमसे दस्ता ए दर्द,
दो दिन बाकी तभी जिंदा रह गये. "रैना"

jb tutta hai ptta

जब टूटता पत्ता तो फूल परेशान होता,
जब बिखरता फूल  कांटा बेजान होता,
चाहे कोई माने न माने ऐ मेरे दोस्त,
हर दिल का कोई न कोई अरमान होता."रैना"
सुप्रभात जी .......................good morning

jine ka kuchh

तू जीने का अन्दाज कुछ अलग ही ढंग रखना,
गुजरना हो आसान दिल की गली न तंग रखना.
कम पड़ जाये जो डोर चाहे इधर उधर से ले लेना,
मगर ऊँची चढ़ा कर ही ज़िन्दगी की पतंग रखना."रैना"

mujhse dur jati nhi

मुझ से दूर जाती नही रहती आस पास है,
अब मैं समझ गया तेरी याद मेरी खास है.
बेशक शहर दस्त है जब हो जाओगे रूबरू,
खुद ही लौट आओगे इतना मुझे विश्वास है."रैना' 

aaj ke is daur

आज के इस दौर में बढ़ रही है मुश्किलें,
कुछ कहे खता हुई चुप रहे तो दिल जले,
बेशक घर जन्नत घर बिना आराम नही,
ढलती शाम देख कर परिन्दें भी घर चले.
शोर सुन के पत्तों का फूल भी सहम गये,
दिन चैन से गुजरा हगामा बरपा शाम ढले.
"रैना" कामयाबी को दुआओं की दरकार है,
 उम्मीदे मंजिल नही दिल में जो नफरत पले. "रैना" 
पढ़ ली जमाते चार नौकरी लगी राज दरबार,


मौसम की तरह बदले मौकापरस्त बरखुर्दार,


वाह देखो तो नवाब के अब गजब निराले ठाट,
,
माँ बच्चों के लिये आया बाप रखा है सेवादार."रैना"

Friday, January 13, 2012

pdi kitabe char

पढ़ ली जमाते चार नौकरी लगी राज दरबार,
मौसम की तरह बदले गये एकदम बरखुर्दार.
वाह देखे तो नवाब के अब गजब निराले ठाट,
माँ बच्चों के लिये आया बाप रखा है सेवादार."रैना"
                

mera aek kam

मेरा एक काम जरूरी कर दो,
ग़ज़ल अधूरी को पूरी कर दो.
खोल के जुल्फे आओ बाम पे,
हर अल्फाज को नूरी कर दो.
"रैना" गुजरे दौर ए गुमनामी 
शहर में उसकी मशहूरी कर दो."रैना"
 बाम =छत
मेरे दिल में ही जब तेरा घर है सनम,
फिर भला मुझको क्या डर है सनम,
इतना मैं जनता तेरे दम से वजूद है,
मेरी हर अदा पे तेरा असर है सनम.
तेरे मेरे इश्क की चर्चा सरे शहर में,
तू अनजान तुझे  न खबर है सनम. 
होती न नसीब कभी वस्ल की रात,
मुशिकल ये इश्क की डगर है सनम.
"रैना"अहले बशर से खुद को बचा ले,
मगर सब देखे उसकी नजर है सनम. "रैना"

jo bhi chahe

मेहमानों से दुखी जनाब ने ऐसा प्रबन्ध किया है,
ग्राउड फ्लोर छोड़ पांचवी मंजिल पर घर लिया है
 वहां लिफ्ट का भी इंतजाम नही है. रैना"

तेरे घर से दूर न मेरा घर है सनम,
फिर बता तुझको क्या डर है सनम,
इतना मैं जनता तेरे दम से मेरा दम
मेरी हर अदा पे तेरा असर है सनम.
तेरे मेरे इश्क की चर्चा सरे शहर में,
तुम अंजान न तुम्हे खबर है सनम. 

Thursday, January 12, 2012

jhuthh n bole

झूठ न बोले, भेद किसी का न खोले,
औरों से प्यार खुद से लड़ते रहे,
नेक राह पे चले,चिराग बन के जले,
महफ़िल को रोशन करते रहे.
करने क्या आये,खुद को समझाये,
सच्चे मालिक से सदा डरते रहे.
बुजुर्गों की सेवा,मिले मिठ्ठा मेवा,
खुशियों से झोली भरते रहे.
"रैना" काम पे ध्यान,हो उच्ची उड़ान,
निरंतर चढ़ाइयाँ चढ़ते रहे.
सुप्रभात जी .......................good morning ji
happy lohadi ji ............................

Tuesday, January 10, 2012

mere dil se

मेरे दिल से हरपल यही दुआ निकले,
दोस्त किसी का भी न बेवफा निकले,
"रैना" को गम यही मलाल रहा यारों,
अफ़सोस लख्ते जिगर नाखुदा निकले."रैना"

haryanvi rchna

हरियाणा के दोस्तों के लिए अपनी पहली हरयाणवी रचना अपने कमेंट्स अवश्य दे
 तैने के बेरा स रै क्योकर पियार करे करा,
यो शमा बवली जले क्यों परवाने जले करा.
तैने के बेरा स रै .....................................
पत्थरा के शहर मा तों भी पत्थर होया स,
जाने न किताब दिल की क्योकर पढ़े करा.
तैने के बेरा स रै .....................................
आशिका के हिस्से मा कदे नींद न आवे स,
बैरी दरिया मा डूबते या सूली पै चढ़े करा.
तैने के बेरा स रै ..................................
"रैना" का तुजर्बा कती झूठ नही बोलता,
यो आशिक बावले तो भुंडी मौत मरे करा.
तैने के बेरा स रै................................."रैना"  

haye bhar

तुम से बिछुड़े खुदा कसम सोना नही आया,
 हंसने लगे हो तुम तो हमें रोना नही आया.
गम के मारे जिंदगी को अलविदा  कह चले, 
हाय भार इस लाश का हमें ढोना नही आया."रैना"

Monday, January 9, 2012

itna sa kam bhi

जरा इतना सा काम तो करा करो जनाब,
किताबे जिन्दगी को भी पढ़ा करो जनाब..
लगे जब भी मौका लोग खींच लेगे सीढ़ी,
ध्यान कर के नीचे ऊपर चढ़ा करो जनाब.
रंजिश दिल में पाले रखते होठों पर हंसी.
अदा ए जमाना संभल के चला करो जनाब.
फकत यही हो" रैना"जिन्दगी का मकसद,
चलो नेक राह पे सबका भला करो जनाब."रैना"

itna sa kam bhi

जरा इतना सा काम तो करा करो जनाब,
किताबे जिन्दगी को भी पढ़ा करो जनाब..
लगे जब भी मौका लोग खींच लेगे सीढ़ी,
ध्यान कर के नीचे ऊपर चढ़ा करो जनाब.
रंजिश दिल में पाले रखते होठों पर हंसी.
अदा ए जमाना संभल के चला करो जनाब.
फकत यही हो" रैना"जिन्दगी का मकसद,
चलो नेक राह पे सबका भला करो जनाब."रैना"

kya aapna kya begana

क्या अपना क्या है बेगाना,
किसी ने तेरे साथ न जाना.
मुठ्ठी बांधे आया हाथ फैलाये जायेगा,
कर ले जतन वर्ना बहुत ही पछतायेगा.
छल कपट धोखा फरेब करता चोरिया,
चाहे बना ले महल भर ले तू तिजौरियां,
कोड़ी भी न साथ तेरे खाली हाथ जायेगा.
बहुत ही पछतायेगा.............................
"रैना" तू मनन कर जरा सोच विचार ले,
 लौट के न आये हसीन दिन ये बहार के,
काली रात से तुझे कोई भी न बचायेगा.
बहुत ही पछतायेगा....................."रैना"
सुप्रभात जी .............................good morning ji

ye mahki mhaki

ये महकी महकी हवा जो गुनगुना रही है,
यूं लगता उनके कूचे से हो कर आ रही है.
चमन में खुशबू का आलम दिन बहार के,
मस्ती में कोयल मिलन के गीत गा रही है."रैना"

tum se bichhud ke

तुम से बिछुड़ के खुदा कसम हमें सोना नही आया,
तुम तो हंसना सीख गये मगर हमें रोना नही आया.
गम के बोझ में दबे ज़िन्दगी को अलविदा कह चले,
तेरे बगैर सब सहा भार जिंदगी का ढोना नही आया.
बच्चा गरीब का दो दिन से रो रो के है बुरा हाल करे,
महंगाई ने बेहाल किया बच्चे का खिलौना नही आया."रैना"

sochta rhata hu magar

अक्सर सोचते मगर समझ नही आई,
हमसे क्या खता हुई जो जिन्दगी पाई.
आखिरी वक्त तक हिस्सों में बंटना जारी,
देखो फिर भी इत्तिफ़ाक  न रखती खुदाई.
और किसी से भला कैसा गिला शिकवा,
अपना लखते जिगर ही करता बेवफाई.
अच्छा अब चलो चलते अपने घर "रैना"
ये फरेबी दुनिया तो हमें रास नही आई."रैना"


charcha sareaam honi chahiye

बेशक जीने की अदा तो आम होनी चाहिये,
मगर जिंदगी की ह्सीन शाम होनी चाहिये."रैना"
 जब जी चाहे चले आना अपने यहां हरपल महफ़िल जवां रहती."रैना"
आजकल चेले मालामाल लगते है,
गुरु तो गुरु घंटाल खड़ताल लगते है.

खान पीन पहरन का सलीका आना चाहिये,
बातचीत अदब का भी तरीका आना चाहिये,"रैना"


Saturday, January 7, 2012

kash ye duri

 दोस्तों के कहने पर लिखी खास रचना
काश ये दुरी ख़त्म हो जाये,
फिर मजबूरी खत्म हो जाये.
लोग अपना काम करने लगे,
गर जी हजूरी खत्म हो जाये.
रह जाये फकत नाम उसका,
यूं दुनिया पूरी खत्म हो जाये.
बस इक बार तुम हाँ कह दो,
वो बात जरूरी खत्म हो जाये.
"रैना" इन्सान पा ले मंजिल,
गर जो मगरुरी खत्म हो जाये "रैना"

aaj fir bahut

आज फिर रह रह के बहुत याद आ रही है,
ऐसा लगता माँ मेरे लिए खीर पका रही है.
मैं कोई यूं ही नही कह रहा हूँ मेरे दोस्तों,
मेरे गांव से आती हवा तो यही बता रही है.
कहना हवा का भी गलत नही लगता यारों.
देखो हवा भी ममता की खुश्बू से नहा रही है.
पैरों में पड़ी जंजीरें मैं तो तोड़ नही सकता,
मगर ये एहसास मुझे मेरी माँ बुला रही है.
"रैना" इक तू ही नही सह रहा दर्दे जुदाई,
हर किसी को आतिश ए याद जला रही है. "रैना"


Friday, January 6, 2012

bhrshtachar

भ्रष्टाचार ?????????
हमारे खून में इस कदर समाया है,
माँ ने बच्चे को भेजा,
10 रूपये का सामान लेने के लिए,
अफ़सोस???????????
छोटे बच्चे ने भी दो रूपये का टांका लगाया है."रैना"

mausam ajib lgta hai

अब ये माहौल अजीब लगता है,
तू दूर हो कर भी करीब लगता है,
यूं ही कोई ख्वाबों में नही आता है,
मेरी याद में खोया हबीब लगता है.
उसकी मुझ पे नजरे इनायत यारों,
"रैना"पर  मेहरबां नसीब लगता है. "रैना"  

chahe diwano me shamil mat

चाहे दीवानों में शामिल मत करना,
मगर बेगानों में शामिल मत करना.
मैं जिन्दगी का हसीन तराना गा रहा,
मुझको फसानों में शामिल मत करना.
तू शमा तेरे साथ साथ जल सकता हूं,
हमको परवानों में शामिल मत करना.
"रैना" तो देख चूका है पुरें पचास बसंत,
तूं उसको जवानों में शामिल मत करना."रैना"

Thursday, January 5, 2012

nisnkoch mahbub ki baho

निसंकोच महबूब की बाँहों में झुलना चाहिए,
मगर माँ बाप के त्याग को न भूलना चाहिए."रैना"

beshak dino ka fer

बेशक दिनों का फेर है,
वैसे कामयाबी से अपना पुराना रिश्ता है."रैना"

फूलों से दोस्ती से पहले,
काँटों से निभाना सीख ले,
औरों को तौलने  से पहले,
खुद को अजमाना सीख ले."रैना"

आवारापन का कुछ हिसाब रखो,
यूँ  अपनी नीयत न खराब रखो.

दोस्तों पेड़ों की शान में चार लाइन लिख रहा हूँ जी
धरती माँ की शान है पोधें,
सब जीवों की जान है पोधें,
ये दुःख सह कर सुख देते है,
निस्वार्थ बड़े दयावान है पोधें."रैना".

खत्म तेरी यादों का सिलसिला होता ही नही,
आंठों पहर आती  फिर भी बाकी रह जाती है."रैना"
उफ़
दिल की बेकरारी ??????
 बढ़ती ही जाती है,
वो आते न ही मौत आती है,
बेशक दिन में शमा जलाई नही जाती,
 मगर रात को बेवजह बुझाई नही जाती."रैना"
अरमानों पर पानी फिरता देख कर मुझे तेरे वादे का ख्याल आया."रैना"
इक आशा ने हमें  जिन्दा रखा,
वरना हम कब के मर गये होते,
गम तैयार खड़े थे रस्सी लिए,
हम कब के सूली चढ़ गये होते,
गर आशा न होती."रैना"
चश्मे मय को पीने वाले निराले होते है,
मखमूर नशे में हाथों में न प्यालें होते है,
उन्हें तो मिलता नही उसके घर का पता,
"रैना" जो बदनीयत दिल के काले होते है. "रैना"



Wednesday, January 4, 2012

meri jinbdgi me

मेरी जिन्दगी में आओ बहार बनके,
तेरी खिदमत करेगे वफादार बनके,
घर के मालिक बन के ही तुम आना,
तू फकत आना नही किरायेदार बनके."रैना"


kamyabi se dur

बेशक कामयाबी हमसे दूर,
मगर कामयाब होने की ठान रखी है,
मंजिल की तरफ बढ़ते कदम,
"रैना" हथेली पे अपनी जान रखी है."रैना"

karna behatr

हमारे पास कुछ भी नही खोने के लिए,
यहाँ फकत आये हम  कुछ पाने के लिए,
तमाम अपने लिए तो कुछ करना बेहतर,
मगर कुछ करना जरूरी जमाने के लिए."रैना"
सुप्रभात जी ..........................good morning ji

Tuesday, January 3, 2012

jab bhi kbhi judai

जब भी कही जुदाई की बात होगी,
आँखों से सावन की  बरसात होगी.
बेशक होगी गुप काली चांदनी रातें,
"रैना" ये तय है वस्ल की रात होगी."रैना"
                                                                                    

fakiro ko n fikar hota

फकीरों को नही फिकर होता,
मुसल्सल यार का जिकर होता.
वाह बहुत खूब अदा जमाने की,
मरहम इधर जख्म उधर होता.
बहुत सहा दर्द ए जुदाई हमने,
अब तो दिल से न सबर होता.
"रैना"औरों की तो रखता खबर,
 खुद से हर शख्स बेखबर होता."रैना"

fkiron ko kya fikar hona


सर्दी ने किसी को गर्मी ने मारा,
दोस्तों हमें फ़कत नर्मी ने मारा."रैना"

Sunday, January 1, 2012

kal talk hans hans

जो कल तलक हंस के मिला करते,
वो आज खफा हो कर गिला करते,
बेशक जब गर्दिश के दिन आते है,
दौरे गर्मी पत्ते भी नही हिला करते.
इंतजार में गुजरा नया साल आया,
दीदारे यार की हरपल दुआ करते.
आने वाले दिनों में हालात सुधरेंगें,
इसलिए उन्हें दिल से न जुदा करते. "रैना'

apni kismat men to aansu

नये साल का जश्न ख़ुशी का न ठिकाना है,
मगर मेरी किस्मत में तो आंसू बहाना है.
वही दिन रात का चक्कर फर्क नही यारों,
सुधरें न हालात फिर नया क्या पुराना है.
"रैना" सब जानते फर्क पड़ेगा गिनती में,
जश्न मनाने का बहुत खूब मस्त बहाना है."रैना"

usne rat bnai hai

उसने रात बनाई है सोने के लिये,
फ़कत मेरे नसीब है रोने के लिये.
रैना"हम इश्क की बाजी हार गये है,
बाकी कुछ भी न रहा खोने के लिये."रैना"