वाह हम भारतीय अपना फर्ज कुछ ऐसे निभा रहे हैं,
भारत माँ के सपूतों को श्रदांजली देने से कतरा रहे हैं,
शहीदों की तस्वीरों पर इक भी फूल भी न चढ़ा रहे है,
मगर जो थे अंग्रेजों के पिठू फोल्डिग चम्चें सेवादार,
उनकी समाधि पर फूलों के ढेर खुद को भी चढ़ा रहे है.
खैर हम सब दोस्त भारत माँ के सपूत सुभाष चन्द्र बोस के,
क़दमों में नमन करते सिर झुका रहे हैं.
जय हिंद............. भारत माता की जय ................................."रैना"
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