Friday, January 13, 2012

mera aek kam

मेरा एक काम जरूरी कर दो,
ग़ज़ल अधूरी को पूरी कर दो.
खोल के जुल्फे आओ बाम पे,
हर अल्फाज को नूरी कर दो.
"रैना" गुजरे दौर ए गुमनामी 
शहर में उसकी मशहूरी कर दो."रैना"
 बाम =छत

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