फकीरों को नही फिकर होता,
मुसल्सल यार का जिकर होता.
वाह बहुत खूब अदा जमाने की,
मरहम इधर जख्म उधर होता.
बहुत सहा दर्द ए जुदाई हमने,
अब तो दिल से न सबर होता.
"रैना"औरों की तो रखता खबर,
खुद से हर शख्स बेखबर होता."रैना"
मुसल्सल यार का जिकर होता.
वाह बहुत खूब अदा जमाने की,
मरहम इधर जख्म उधर होता.
बहुत सहा दर्द ए जुदाई हमने,
अब तो दिल से न सबर होता.
"रैना"औरों की तो रखता खबर,
खुद से हर शख्स बेखबर होता."रैना"
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