Friday, June 22, 2012

sochte hai

गीत
सुन अल्ला अब ये शुभ काम करदे,
जिसकी जिंदगी उसके नाम करदे।
सुन अल्ला अब।..............
उसके नाम से मुझे जाने लोग सारे,
उसका नाम ले छेड़े लोग पत्थर मारे,
सारे शहर में मुझको बदनाम करदे।
सुन अल्ला...................
क्या हस्ती क्या मस्ती क्या बस्ती है,
अब यहाँ जिन्दगी तो बहुत सस्ती है,
इस मंडी  में तू हमें भी नीलाम करदे।
सुन अल्ला अब................................रैना"

teri aankhon me

गीत
नशीली तेरी आँखों में डूब जाने की सोचे,
इश्क में कुछ नया कर दिखाने की सोचे,
इश्क में कुछ..................
यूँ ख्वाब तो हमने बहुत ही सजाये है,
मगर अफ़सोस जख्म ही जख्म खाये है,
अब जख्मों पे मरहम लगाने की सोचे।
इश्क में कुछ।............................
"रैना" अब तो मतलबी जहान सारा है,
शरीफ इन्सान का तो यहाँ न गुजारा है,
गम के मारे अपने घर जाने की सोचे।
इश्क में कुछ।.............................."रैना"

dil ko shi rah pe

                      गीत
दिल को सही रास्ते पे डाला न गया,
उसका दिया हमसे सम्भाला न गया।
दिल को सही ......................
गौर न की मेरी मस्ती नासूर बन गई,
जिसकी थी रहमत उससे ही ठन गई,
पछताये  दाग दिल का काला न गया।
दिल को सही .....................
मंजिल का पता नही राह में भटके है,
यहाँ के न वहां के बीच में ही लटके है,
अरमानों के परिंदे को पाला न गया।
दिल को सही ........................................"रैना"

Friday, June 15, 2012

neta se ptarkar

लोग कहते ???????????
नेता फैलाते भ्रष्टाचार.
नेता कहते ???????????
लोग बेवजह करते तकरार,
भ्रष्टाचार तो है हमारा व्यापार,
अपने व्यापार को बढाने का,
व्यापारी का जन्मसिद्ध अधिकार।"रैना"

Sunday, June 10, 2012

krib dil ke

करीब दिल के आँखों से दूर हो गये,
वक्त का तकाजा था मजबूर हो गये।
करीब दिल के।....................
सोचा भी न था के ऐसा हो जायेगा,
आबाद गुलशन में वीराना आएगा,
इश्क में लगे जख्म नासूर हो गये।
करीब दिल के।............
बन गया है मेरे जीवन का हिस्सा,
इक बरबाद हुई जवानी का किस्सा
सारे शहर में सनम मशहूर हो गये।
करीब दिल के।.............
खता समझे  नासमझी या नादानी,
लाखों ने तबाह करदी है जिंदगानी,
भरी जवानी में चेहरे बेनूर हो गये।
करीब दिल के।............................"रैना"

Friday, June 8, 2012

raste nate

भूल गया रिश्ते नाते सिर्फ माया से प्यार हुआ,
शर्म हया न कोई इन्सां मतलब का शिकार हुआ।
भूल गया ....................
माँ बाप की इज्जत न करे झगड़े ही करता  है,
दो भाइयों का इक चूल्हे पे खाना न पकता है,
अपनों से तो दूरी रखता गैरों पे एतबार हुआ।
भूल गया ....................
दुनिया मंडी पैसे की हर कोई व्यापारी है,
उसके ही सब संगी साथी जिसकी जेब भारी है,
इश्क मोहब्बत का दामन देखो तार तार हुआ।
भूल गया ................................................."रैना"

Sunday, June 3, 2012

desh ki rajni देश समाज से यहाँ कोई भी करता नही प्यार


  बेशक भारत देश की राजनीति की  नही कोई नीति,
जो जितना बड़ा चम्मचा उसको लगे उतनी बड़ी फीति.
अब देश समाज की किसी को नही  कोई चिन्ता फिकर,
राजनेता देश के मसीहा को भी अब माया के संग प्रीति.
युधिष्टर लाज शर्म से सिर झुकाए है खड़ा हाथ मलता,
दुशासन सीना ताने बजाता फिरता है गलियों में सीटी. 
रैना" इक दिन जरुर देश से खत्म हो जायेगा भ्रष्टाचार,
बेशक हमने पहले सौ साल में आजादी की जंग है जीती.........."रैना"