Sunday, June 3, 2012

desh ki rajni देश समाज से यहाँ कोई भी करता नही प्यार


  बेशक भारत देश की राजनीति की  नही कोई नीति,
जो जितना बड़ा चम्मचा उसको लगे उतनी बड़ी फीति.
अब देश समाज की किसी को नही  कोई चिन्ता फिकर,
राजनेता देश के मसीहा को भी अब माया के संग प्रीति.
युधिष्टर लाज शर्म से सिर झुकाए है खड़ा हाथ मलता,
दुशासन सीना ताने बजाता फिरता है गलियों में सीटी. 
रैना" इक दिन जरुर देश से खत्म हो जायेगा भ्रष्टाचार,
बेशक हमने पहले सौ साल में आजादी की जंग है जीती.........."रैना"

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