मेरे गीत दर्द भरा पैगाम दोस्तों,
लूटे हुए आशिकों के नाम दोस्तों.
प्यार वफा की तमन्ना थी बहुत,
मगर हिस्से आ गया जाम दोस्तों.
जिन्दगी बनी गीली लकडियो का ढेर,
सुलगते है अरमान हुए तमाम दोस्तों.
गिला नही कोई मगर अफ़सोस है यही,
हासिल नही हुआ हमे मुकाम दोस्तों.
कण कण में उसका वास ये जान ले,
कमरों में कैद रहमान न राम दोस्तों.
छोड़ चिंता और की करो अपनी फिकर
होने वाली इस जिन्दगी की शाम दोस्तों.
"रैना" कों नही कोई भी गुमान दोस्तों. "रैना"