Friday, July 29, 2011

दर्द भरा पैगाम

मेरे गीत दर्द भरा पैगाम दोस्तों,


लूटे हुए आशिकों के नाम दोस्तों.

प्यार वफा की तमन्ना थी बहुत,

मगर हिस्से आ गया जाम दोस्तों.

जिन्दगी बनी गीली लकडियो का ढेर,

सुलगते है अरमान हुए तमाम दोस्तों.

गिला नही कोई मगर अफ़सोस है यही,

हासिल नही हुआ हमे मुकाम दोस्तों.

कण कण में उसका वास ये जान ले,

कमरों में कैद रहमान न राम दोस्तों.

छोड़ चिंता और की करो अपनी फिकर

होने वाली इस जिन्दगी की शाम दोस्तों.

बेवजह ही लोगो कों होने लगा है भ्रम,

"रैना" कों नही कोई भी गुमान दोस्तों. "रैना"

Wednesday, July 20, 2011

jina

ina te aesa jina 
jida charcha dur dur tak hove,
jdo shahar vicho rukhsat ho jawa,
sun dushman vi chham chham rove. "raina"

Monday, July 11, 2011

dard dafan

मुझे संकोच नही ये बताने में,
दर्द दफ़न दिल के तहखाने में.
वो फिर भी मेरे ख्वाबों में आते,
उमर गुजरी है जिन्हें भुलाने में.
पीने वालो जरा संभल के पीना,
जहर बिकता है अब मयखान में.
तलब थी तुझे आखिरी बार देखू,
मगर देर कर दी  तूने आने में.
ढूढने से भी नही मिलेगा तुझे,
मुझ सा आशिक नही ज़माने में.
तड़फ परवाने की तो वही समझे,
"रैना"मजा आता खुद कों जलाने में.  "रैना"

Sunday, July 10, 2011

ishk

इश्क मोहब्बत में दर्दो बेकरारी है,
इस खेल में बस बेचारी लाचारी है.
प्यार वफा की बात पीछे छुट गई,
पाक मोहब्बत पे अब मतलब भारी है.
सोच समझ के करना सौदा दिल का,
हर शख्स बस्ती का सुलझा व्यापारी है.
मौसम का असर है दिल पे नही काबू,
दिन यहां गुजरा रात वहां पे गुजारी है.
"रैना"का मशवरा इश्क हकीकी कर,
चिंता फिकर न कोई सफल तैयारी है.

Saturday, July 9, 2011

safar

तय किया लम्बा सफ़र पैर थकने लगे है,
डर सा लगा रहता बाल पकने लगे है.
गर्दिश के दिनों का बुरा असर देखा,
तन्हा छोड़ अपने भी पीछे हटने लगे है.
जिन्हें मैंने समझा अपना जानी दुश्मन,
गर्दिश के दिनों में वो मुझे अपने लगे है.
घुमने के बहाने ही मेरे गांव चले आओ,
बाग में अब पेड़ों से आम टपकने लगे है.
छोड़ी नही उन्होंने अभी वो पुरानी आदत,
मुझे देख कर के जुल्फे झटकने लगे है.
कभी बसते थे हम उनकी आँखों दिल में,
अब हम उनकी आँखों में खटकने लगे है.
वक्त का तकाजा है या मौसम का असर,
लोग आखिरी दिनों में भी भटकने लगे है,
सहे लाखों फिर भी हिम्मत नही हारी,
"रैना" तभी गम के बादल छटने लगे है.