Sunday, July 10, 2011

ishk

इश्क मोहब्बत में दर्दो बेकरारी है,
इस खेल में बस बेचारी लाचारी है.
प्यार वफा की बात पीछे छुट गई,
पाक मोहब्बत पे अब मतलब भारी है.
सोच समझ के करना सौदा दिल का,
हर शख्स बस्ती का सुलझा व्यापारी है.
मौसम का असर है दिल पे नही काबू,
दिन यहां गुजरा रात वहां पे गुजारी है.
"रैना"का मशवरा इश्क हकीकी कर,
चिंता फिकर न कोई सफल तैयारी है.

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