Monday, July 11, 2011

dard dafan

मुझे संकोच नही ये बताने में,
दर्द दफ़न दिल के तहखाने में.
वो फिर भी मेरे ख्वाबों में आते,
उमर गुजरी है जिन्हें भुलाने में.
पीने वालो जरा संभल के पीना,
जहर बिकता है अब मयखान में.
तलब थी तुझे आखिरी बार देखू,
मगर देर कर दी  तूने आने में.
ढूढने से भी नही मिलेगा तुझे,
मुझ सा आशिक नही ज़माने में.
तड़फ परवाने की तो वही समझे,
"रैना"मजा आता खुद कों जलाने में.  "रैना"

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