भूल गया रिश्ते नाते सिर्फ माया से प्यार हुआ,
शर्म हया न कोई इन्सां मतलब का शिकार हुआ।
भूल गया ....................
माँ बाप की इज्जत न करे झगड़े ही करता है,
दो भाइयों का इक चूल्हे पे खाना न पकता है,
अपनों से तो दूरी रखता गैरों पे एतबार हुआ।
भूल गया ....................
दुनिया मंडी पैसे की हर कोई व्यापारी है,
उसके ही सब संगी साथी जिसकी जेब भारी है,
इश्क मोहब्बत का दामन देखो तार तार हुआ।
भूल गया ................................................."रैना"
शर्म हया न कोई इन्सां मतलब का शिकार हुआ।
भूल गया ....................
माँ बाप की इज्जत न करे झगड़े ही करता है,
दो भाइयों का इक चूल्हे पे खाना न पकता है,
अपनों से तो दूरी रखता गैरों पे एतबार हुआ।
भूल गया ....................
दुनिया मंडी पैसे की हर कोई व्यापारी है,
उसके ही सब संगी साथी जिसकी जेब भारी है,
इश्क मोहब्बत का दामन देखो तार तार हुआ।
भूल गया ................................................."रैना"
No comments:
Post a Comment