मेरे दिल में ही जब तेरा घर है सनम,
फिर भला मुझको क्या डर है सनम,
इतना मैं जनता तेरे दम से वजूद है,
मेरी हर अदा पे तेरा असर है सनम.
तेरे मेरे इश्क की चर्चा सरे शहर में,
तू अनजान तुझे न खबर है सनम.
होती न नसीब कभी वस्ल की रात,
मुशिकल ये इश्क की डगर है सनम.
"रैना"अहले बशर से खुद को बचा ले,
मगर सब देखे उसकी नजर है सनम. "रैना"
फिर भला मुझको क्या डर है सनम,
इतना मैं जनता तेरे दम से वजूद है,
मेरी हर अदा पे तेरा असर है सनम.
तेरे मेरे इश्क की चर्चा सरे शहर में,
तू अनजान तुझे न खबर है सनम.
होती न नसीब कभी वस्ल की रात,
मुशिकल ये इश्क की डगर है सनम.
"रैना"अहले बशर से खुद को बचा ले,
मगर सब देखे उसकी नजर है सनम. "रैना"
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