अब ये माहौल अजीब लगता है,
तू दूर हो कर भी करीब लगता है,
यूं ही कोई ख्वाबों में नही आता है,
मेरी याद में खोया हबीब लगता है.
उसकी मुझ पे नजरे इनायत यारों,
"रैना"पर मेहरबां नसीब लगता है. "रैना"
तू दूर हो कर भी करीब लगता है,
यूं ही कोई ख्वाबों में नही आता है,
मेरी याद में खोया हबीब लगता है.
उसकी मुझ पे नजरे इनायत यारों,
"रैना"पर मेहरबां नसीब लगता है. "रैना"
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