दोस्तों के कहने पर लिखी खास रचना
काश ये दुरी ख़त्म हो जाये,
फिर मजबूरी खत्म हो जाये.
लोग अपना काम करने लगे,
गर जी हजूरी खत्म हो जाये.
रह जाये फकत नाम उसका,
यूं दुनिया पूरी खत्म हो जाये.
बस इक बार तुम हाँ कह दो,
वो बात जरूरी खत्म हो जाये.
"रैना" इन्सान पा ले मंजिल,
गर जो मगरुरी खत्म हो जाये "रैना"
काश ये दुरी ख़त्म हो जाये,
फिर मजबूरी खत्म हो जाये.
लोग अपना काम करने लगे,
गर जी हजूरी खत्म हो जाये.
रह जाये फकत नाम उसका,
यूं दुनिया पूरी खत्म हो जाये.
बस इक बार तुम हाँ कह दो,
वो बात जरूरी खत्म हो जाये.
"रैना" इन्सान पा ले मंजिल,
गर जो मगरुरी खत्म हो जाये "रैना"
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