मचलें न दिल तो फिर जवानी है क्या,
छलकें न आंसू फिर कहानी है क्या.
बेशक इश्क की समझ रखते है नही,
मगर फिर भी कहते निशानी है क्या.
है आतिशे इश्क बुझनी मुशिकल बड़ी,
हमदम बता तरकीब पानी है क्या.
"रैना" शहर वाले नही सुनते सदा,
फरियाद मालिक को सुनानी है क्या."रैना"
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