भले हो हादसा लेकिन भला ये काम हो जाये,
तमन्ना है मिरी इतनी शहर में नाम हो जाये।
वही दिन रात की उलझन न सुलझे इक जमाने से,
मिरे मौला यही मकसद अलग अंजाम हो जाये।
नही लगता मिरा ये दिल तिरी बेदर्द बस्ती में,
रही हसरत न अब कोई सुहानी शाम हो जाये।.........."रैना"
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