तेरा कर्म मुझे याद नही अपना फर्ज भूलता जा रहा हूं,
खुदगर्ज हो गया मैं सिर पे चढ़ा कर्ज भूलता जा रहा हूं।
बेशक जिन्दगी इक गीत है बेहतर ढंग से गा तो अच्छा,
हालात बने कुछ ऐसे मैं गीत की तर्ज भूलता जा रहा हूं।"रैना"
खुदगर्ज हो गया मैं सिर पे चढ़ा कर्ज भूलता जा रहा हूं।
बेशक जिन्दगी इक गीत है बेहतर ढंग से गा तो अच्छा,
हालात बने कुछ ऐसे मैं गीत की तर्ज भूलता जा रहा हूं।"रैना"
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