Saturday, March 16, 2013

सरे शब हम बहुत रोये,
घड़ी इक भी नही सोये।

बड़ी मुश्किल परेशानी,

परेशानी बढ़ी ऐसी,

नेताओं ने हमें देखो कायर बना डाला,
वोटों के खातिर सम्मान मिटा डाला।
आंतकियों से डंडें ले अब लड़ेगे फौजी,
गद्दारों ने चमड़े का सिक्का चला डाला।
खतावार है वो मसीहा मतलबी जिसने,
गुलशन ए भारत कश्मीर जला डाला।
उठो जवानों वक्त की पुकार सुनो जागों,
क्यों यूं बलिदान शहीदों का भुला डाला।"रैना"


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