दोस्तों अब मैं आप को हंसाने की तैयारी में लग गया हूं,
मेरी हास्य कविता आप के दरबार में हाजिर है,
दोस्तों मैं जो लिखता हूं दरअस्ल वो घर की बात ही होती है,
क्योकि बाहर वाली को मेरी बीवी भी पसंद नही करती,
सच बताऊ अब मेरी उम्र पचास साल की हो गई है,
भारत में पचास साल के बाद खासकर आदमी कब्र में पैर लटका देता है,
हम भी पीछे नही हमने भी आगे का प्रोग्राम बनना शुरू कर दिया है,
वैसे अपने कर्म इतने बुरे नही है मुझे लगता है मैं अगले जन्म फिर इन्सान बनुगा
इन्सान न बना तो जानवर बनुगा।मैं अपनी दोनों ओप्शन भगवान के समक्ष कैसे
रखता हु एक कविता के माध्यम से पेश कर रहा हूं।
हे भगवन,मेरे मालिक सुन ले मेरी फरियाद,
अगले जन्म में किसी मेम का कुत्ता बनाना,
या बना देना किसी बड़े नेता का दामाद।
"रैना"ने इस जीवन में बहुत करली खोज है,
बस इन दो योनियों में तो मौज ही मौज है। "रैना"
दोस्तों कविता की चार लाइनें ही सुना रहा हूं
पूरी कविता तब सुनाऊ गा जब कवि सम्मेलन में बुलाओ गे।
मेरी हास्य कविता आप के दरबार में हाजिर है,
दोस्तों मैं जो लिखता हूं दरअस्ल वो घर की बात ही होती है,
क्योकि बाहर वाली को मेरी बीवी भी पसंद नही करती,
सच बताऊ अब मेरी उम्र पचास साल की हो गई है,
भारत में पचास साल के बाद खासकर आदमी कब्र में पैर लटका देता है,
हम भी पीछे नही हमने भी आगे का प्रोग्राम बनना शुरू कर दिया है,
वैसे अपने कर्म इतने बुरे नही है मुझे लगता है मैं अगले जन्म फिर इन्सान बनुगा
इन्सान न बना तो जानवर बनुगा।मैं अपनी दोनों ओप्शन भगवान के समक्ष कैसे
रखता हु एक कविता के माध्यम से पेश कर रहा हूं।
हे भगवन,मेरे मालिक सुन ले मेरी फरियाद,
अगले जन्म में किसी मेम का कुत्ता बनाना,
या बना देना किसी बड़े नेता का दामाद।
"रैना"ने इस जीवन में बहुत करली खोज है,
बस इन दो योनियों में तो मौज ही मौज है। "रैना"
दोस्तों कविता की चार लाइनें ही सुना रहा हूं
पूरी कविता तब सुनाऊ गा जब कवि सम्मेलन में बुलाओ गे।
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