Saturday, March 23, 2013

शहीदों की चिताओं पर????
 नेता सेकते ,?????
राजनीतिक रोटियां "रैना"

दोस्तों आप के दिल की बात मेरी ग़ज़ल

टूट कर दिल बिखरता क्यों नही,
दम मिरा अब निकलता क्यों नही।
दूसरे में ढूंढता है कमी,
हाल अपना देखता क्यों नही।
झूठ सारे बोलने में लगे,
झूठ शीशा बोलता क्यों नही।
हमनवा कुछ तो बता क्या पता,
राज अपने खोलता क्यों नही।
बेवफा को तो बावफा मिले,
दुष्ट का कुछ बिगड़ता क्यों नही।
जान कर अनजान ही बन गया,
आदमी अब संभलता क्यों नही।
वक्त बदला देख सब चल दिये ,
हाथ "रैना"पकड़ता क्यों नही।"रैना"

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