सूफी गीत,
मकसद एक रास्ता जुदा है,
राम मेरा वो ही तेरा खुदा है।
राम मेरा वो .............
मिट्टी के ये सारे उसके घर हैं,
रखे वो ख्याल चाहे हम बेखबर हैं,
विनती अरदास मेरी तेरी दुआ है।
राम मेरा वो .............
बेशक उसका अपना हिसाब है,
खुद ही सवाल वो खुद ही जवाब है,
जलता चिराग कहीं दीप बुझा है।
राम मेरा वो ............."रैना"
सुप्रभात जी .................जय जय माँ
मकसद एक रास्ता जुदा है,
राम मेरा वो ही तेरा खुदा है।
राम मेरा वो .............
मिट्टी के ये सारे उसके घर हैं,
रखे वो ख्याल चाहे हम बेखबर हैं,
विनती अरदास मेरी तेरी दुआ है।
राम मेरा वो .............
बेशक उसका अपना हिसाब है,
खुद ही सवाल वो खुद ही जवाब है,
जलता चिराग कहीं दीप बुझा है।
राम मेरा वो ............."रैना"
सुप्रभात जी .................जय जय माँ
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