हमारे आराध्य भगवान राम ने फ़रमाया,
भेदभाव,छुआछात मत न करो समझाया,
जबकि खुद इस राह पर चल के दिखाया।
जंगल में प्रेम से बिलनी के झूठे बेर खाए,
सीता जी को वाल्मीकि जी आश्रम पहुचाया,
अपने बच्चों का वही पालन पोषण करवाया।
मगर फिर भी धर्म के ठेकेदारों ने भ्रम फैलाया,
लोगों को बहकाया छुआछात को खूब बढ़ाया,
हिन्दू धर्म को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया।
जिसकी किसी सूरत भरपाई नही हो सकती,
धर्म की रक्षा से बढ़ के कोई कमाई नही हो सकती।
इसलिए मेरे भाइयों बाज आ जाओ मन समझाओ,
छुआछात को मिटाओ सब को प्रेम से गले लगाओं।"रैना"
जय श्री राम ...................जय श्री राम।।।।।
भेदभाव,छुआछात मत न करो समझाया,
जबकि खुद इस राह पर चल के दिखाया।
जंगल में प्रेम से बिलनी के झूठे बेर खाए,
सीता जी को वाल्मीकि जी आश्रम पहुचाया,
अपने बच्चों का वही पालन पोषण करवाया।
मगर फिर भी धर्म के ठेकेदारों ने भ्रम फैलाया,
लोगों को बहकाया छुआछात को खूब बढ़ाया,
हिन्दू धर्म को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया।
जिसकी किसी सूरत भरपाई नही हो सकती,
धर्म की रक्षा से बढ़ के कोई कमाई नही हो सकती।
इसलिए मेरे भाइयों बाज आ जाओ मन समझाओ,
छुआछात को मिटाओ सब को प्रेम से गले लगाओं।"रैना"
जय श्री राम ...................जय श्री राम।।।।।
No comments:
Post a Comment