Monday, March 11, 2013


ग़ज़ल आप के नाम दोस्तों,

आज खाने में स्वाद आया है,
ऐसा लगता मां ने बनाया है।
दूर पीछे तक सोच जा निकली,
याद गुजरा वो वक्त आया है।
दौर ही बदला कब खता उसकी,
माँ दुखी अब बेटा पराया है।
जानते है सब माजरा क्या है,
माल नेता ने ही तो खाया है।
जा मिला दुश्मन से बड़ा भाई,
खोट छोटे ने भी छुपाया है।
तू नही जीना भूल जाये गे,
देख "रैना" तूने बचाया है।"रैना"

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