हम किनारे बैठ कर ही सोचते है,
डर लगे कैसे उतर ले नीर गहरा,
बस यही मुश्किल परेशानी हुई है,
दिल नही मजबूत अपना फूल ठहरा।"रैना"
सुप्रभात जी ......................जय जय मेरी माँ
मेरी बात
अब बंद करो शोर मचाना,
हकीकत को जामा पहनाया जाये,
बहुत लगा लिए हमने अख़बारों पर,
एक आध पौधा अब तो धरती
पर भी लगाया जाये।।।।।।।।।।"रैना"
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