Sunday, March 10, 2013

ghar me ma bap

तिलक लगाने घंटियां बजाने की जरूरत नही है,
घर में माँ बाप तो मन्दिर जाने की जरूरत नही है।
मनन तो अक्सर तन्हाई में शांत मन से होता है,
बेवजह गला फाड़ने नाचने गाने की जरूरत नही है।
सोच ले जीते जी करनी है बुजुर्गों की खूब ही सेवा,
मरने के बाद पकवान खिलाने की जरूरत नही है।
गर नीयत तेरी साफ नीति भी हो सफल बेहतर,
फिर तो वो तेरे साथ घबराने की जरूरत नही है।
लोग नाप लेते पानी की गहराई रफ्तार कितनी,
बेवजह गुमां कर रुतबा दिखाने की जरूरत नही है।
"रैना" दिल की कीमत जानो इसे सम्भाल के रखो,
जिसको देखा उससे ही लगाने की जरूरत नही है।"रैना"
दोस्तों सुप्रभात जी ..............जय जय माँ 

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