आप के लिए खास
बुझ जा शमा या जला दे मुझको,
कुछ तो वफा का सिला दे मुझको.
छूना मय को तौबा मेरी तौबा,
सिर्फ आँखों से पीला दे मुझको.
भटक रहा हूँ अपनी राहों से,
मेरी मंजिल का पत्ता दे मुझको.
बैठा ले मुझे अपनी पलकों पर
चाहे पैरों में गिरा दे मुझको.
बात कही मैंने अपने दिल की,
तेरे दिल में क्या बता दे मुझको.
अब कटती नही है तन्हा रातें,
हमजुबां कोई मिला दे मुझको.
"रैना" ताज्जुब है तेरी हिम्मत पर,
राज क्या है तूं बता दे मुझको.
राजिंदर "रैना'
Monday, June 28, 2010
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