Monday, July 5, 2010

भारत माँ

देश प्रेमियों के लिए खास रचना


सोये हुए मन में आजादी की अलख जगाने का,

अब फिर वक्त आ गया है, भारत माँ को आजाद करवाने का.
अब फिर वक्त आ ------------------

बेशक गौरे अंग्रेजों को हमने भगा दिया,

मगर काले अंग्रेजों ने माँ को बंदी बना लिया.

काले अंग्रेजों से माँ को छुड़ाने का.

अब फिर वक्त आ--------------------

छीना झपटी, लूट मार नंगा भ्रष्टाचार है,

द्रोपदी का चीर हरण होता बीच बाजार है,

दुशासन से द्रोपदी को बचाने का.

अब फिर वक्त आ---------------

मतलब के दरिया में सारे असूल बह गये,

भाषणों तक सीमित अब हमारे नेता रह गये,

ऐसे झूठे नेताओ को सबक सिखाने का.

अब फिर वक्त आ-----------------

माँ की आबरू पर अब कई वार हो गए,

देश के मसीहा ही गद्दार हो गये,

बेनकाब कर गद्दारों को भगाने का.

अब फिर वक्त आ--------------

रोती बिलखती माँ मेरी खड़ी की खड़ी रह गेई,

रामराज्य की कल्पना धरी- धरी रह गेई,

शहीदों के सपनों का देश बनाने का.

अब फिर वक्त आ -------------

उठो वीर जवानों भारत माँ की पुकार सुनो,

रंग लो बसंती चोला और आजादी की राह चुनो,

"रैना" अपने कदम पीछे नही हटाने का.

अब फिर वक्त आ---------------

राजिंदर"रैना"

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