Wednesday, March 7, 2012

rajnitik partiyon ki holi

विधान सभा चुनावों के नतीजों के उपरांत
नेताओ के होली के बारे में विचार
बुरा न मानो होली है.
राहुल गाँधी- कैसी होली किसकी होली,
जनता ने मारी सीने पे गोली,
सारी की सारी मुलायम की हो ली.
हमारी इज्जत कूड़े के भाव में तोली.
सोनिया गाँधी - महंगाई ने खेल है खेला,
कांग्रेस को पीछे है धकेला,
महंगाई चाहे और बढ़ाएगे,
मगर हम मनमोहन को नही हटायेगे,
क्योकि हमारे सामने पूंछ हिलाते बोलते नही है,
ऐसे प्रधानमंत्री तो विदेशों में भी  मिलते नही है.
भाजपा- होली का रंग जरुर लगायेगे,
मगर जश्न 2014  में मनायेगे.
उनसे पूछो अटल जी तो नही आयेगे,
प्रधानमंत्री किसको बनायेगे.
बारी लाल कृष्ण अडवानी की आएगी,
मगर डंडा लेकर उमा भारती खड़ी हो जाएगी.
लल्लू भी अब बड़ा घबराया है,
मसका सोनिया को बहुत लगाया है,
मगर चारा घोटाला फिर सामने आया.
लल्लू जी सर पे इल्जाम तो लेना पड़ेगा,
चारा खाया है तो हिसाब देना ही पड़ेगा.
वैसे हम अन्ना को सलाम करते है,
जिन्होंने वास्तव में खेली होली है,
भ्रष्ट नेताओ की पोल खोली है.
निसंदेह वो दिन जरुर आएगा,
जब भारत देश भ्रष्टचार मुक्त हो जाएगा."रैना"  

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