दोस्तों मेरी किताब की इक रचना पढ़े,
अच्छी लगे तो लाइक करदे। धन्यवाद
तेरे हुस्न के जलवे, बेकरारी बढ़ा रहे है,
अच्छी लगे तो लाइक करदे। धन्यवाद
तेरे हुस्न के जलवे, बेकरारी बढ़ा रहे है,
यूँ धीरे-धीरे हम भी, तेरे पास आ रहे है।
तेरे इंतजार में अभी, आधी रात गुजरी,
दीये जला रहे है, कभी दीप बुझा रहे है।
तेरे शहर के बाशिंदे, हो लीये आवारा,
यहाँ जा रहे है कभी, वहां को जा रहे है।
खुद से बेखबर है, औरों पे नज़र रखते,
बातों की रेत से अब बस्ती बसा रहे है।
हुआ जो तेरे दीवाने ये खता नही हमारी,
तेरे हसीन जलवे हमको बहका रहे है।
रैना"सोच ले क्या जिंदगी का मतलब,
होते सफेद बाल तुझे सब कुछ बता रहे है। रैना"
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