Tuesday, January 25, 2011



बेशक अब तो खून हमारा, हो गया है पानी,
तभी तो हम सब भूल रहे है, शहीदों की कुर्बानी.

याद करो उन्हें याद करो,भूलो न उनको याद करो,

आजादी के दीवानों को,कुर्बान हुए परवानों को,

याद करो,याद करो ----------------

धुप देखी न छाव देखी,न देखे पावं के छाले,

भारत माँ को मुक्त करवाने, निकल पड़े थे मतवाले.

भूखे प्यासे आगे बढ़ते , भारी गम पर उफ़ न करते,

देश प्रेम की लगन लागी,हंस के लगा दी जान की बाजी.

याद करो उन्हें याद करो-----------------

कल सुनहरी भरी जवानी, फिर भी मन की एक न मानी,

अपना सुख दुःख भूल भुला के,माँ  की पीड़ा समझी जानी,

इच्छा अरमां कर के दफ़न, सर पर बांध लिया था कफ़न,

मचला खून सर चढ़ कर बोला,मइया रंग दे बसंती चोला.

याद करो उन्हें याद करो-------------------------

देख फंदे को मन था झुमा,हंस-हंस के फांसी को चूमा,

वीरों का उत्साह देख कर,दुश्मन का फिर सर था घुमा,

बेशक रोये बहन, माँ भाई, हिम्मत में पर कमी न आई,

शहीदों की कुर्बानी रंग लाई, अंग्रेजों ने मुहु की खाई,

१५ अगस्त का दिन आया, लाल किले पर तिरंगा फहराया,

लाल किले पर तिरंगा लहराया.शहीदों ने उदघोष किया,

भारत माता की जय---- याद करो उन्हें याद करो---------

राजिंदर "रैना"-
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