गुमनाम से सरेआम हो जाऊ,
काश तेरा बदनाम हो जाऊ.
तेरी आगोश में सिर रखके,
सोंऊ जन्नत में तमाम हो जाऊ.
तेरा हर हुक्म मेरे सिर माथे,
शहंशाह का गुलाम हो जाऊ.
रो लूँ सागर के गले लगके,
मै इक ढलती शाम हो जाऊ.
चाहे मै छू लूँ शिखर "रैना"
फिर भी बन्दा इक आम हो जाऊ. राजिंदर "रैना"
काश तेरा बदनाम हो जाऊ.
तेरी आगोश में सिर रखके,
सोंऊ जन्नत में तमाम हो जाऊ.
तेरा हर हुक्म मेरे सिर माथे,
शहंशाह का गुलाम हो जाऊ.
रो लूँ सागर के गले लगके,
मै इक ढलती शाम हो जाऊ.
चाहे मै छू लूँ शिखर "रैना"
फिर भी बन्दा इक आम हो जाऊ. राजिंदर "रैना"
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