दिया सबकुछ मगर कुछ फर्क छोड़ा,
हँसा हँसा के तुने नाजुक दिल तोड़ा.
गिला तुझसे भला हम करते भी कैसे,
तेरी मेहरबानी जो गम से रिश्ता जोड़ा।"रैना"
हँसा हँसा के तुने नाजुक दिल तोड़ा.
गिला तुझसे भला हम करते भी कैसे,
तेरी मेहरबानी जो गम से रिश्ता जोड़ा।"रैना"
बहुत बढ़िया....
ReplyDeleteसुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत खूब रैना जी
ReplyDeleteहंस रहे हैं और दिल तुड़ा रहे हैं
ReplyDeleteरैना जी एक नयी किस्म दिल
की ला कर दिखा रहे हैं !!
बहुत खूब !
sundar
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