Friday, February 24, 2012

bid buto ki

माफ़ कर देना मेरी नादानी,
मैंने प्रीत की रीत नही जानी.
माफ़ कर देना.....................
भूल गये हम प्यार की रस्में,
याद न रखे करार वादें कसमें,
झूठी मस्ती में जिंदगी मस्तानी.
माफ़ कर देना.....................
रह न जाये कोई हसरत बाकी,
जाम पिला ऐसा तेरे हो साकी,
हो जाये चन्दन मेरी जिंदगानी.
 माफ़ कर देना.....................
भीड़ बुतों की लगा हुआ मेला,
"रैना"फिर भी तन्हा है अकेला,
कोई अपना नही हर शै बेगानी.
माफ़ कर देना.....................
सुप्रभात जी ................good morning


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